दिव्यांग घनश्याम ने तैराकी प्रतियोगिता मे जीता गोल्ड पदक।


भीलवाड़ा
  विकट परिस्थितियां और शारीरिक अक्षमता कभी सफलता में बाधा नही बनती है। इसी को साकार किया है भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर कस्बे के बिलेठा गांव के निवासी घनश्याम सिंह रावणा राजपूत ने। जिन्होंने जोधपुर में आयोजित दिव्यांग पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान द्वारा आयोजित चौथी राज्य स्तरीय तैराकी चेम्पियनशिप 2020 में 50 मीटर तैराकी प्रतियोगिता बैक स्ट्रोक में गोल्ड मेडल, 100 मीटर बैक स्ट्रोक प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल व 100 मीटर बटर फ्लाई प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। घनश्याम सिंह वर्तमान में राजस्थान पशुपालन विभाग के पशुधन सहायक  के पद पर रायला में स्थित राजकीय पशु चिकित्सा उपकेंद्र, कुंडिया कला कार्यालय पर अपनी सेवाएं दे रहे है।



             घनश्याम सिंह ने बताया कि तैराकी प्रतियोगिता में मेरा प्रथम प्रयास है। मैं एक पैर से दिव्यांग हूँ, और चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। लेकिन मेने कभी अपने आपको दिव्यांग महसूस नही होने दिया। मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और मेरा हौसला बढ़ाया। साथ ही मेरे दोस्त मेरे मार्गदर्शक है जो समय-समय पर मुझे आगे बढाने के लिए प्रयास करते रहते है।



          घनश्याम सिंह ने बताया कि मेरा लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली तैराकी प्रतियोगिता में भाग लेकर गोल्ड मैडल प्राप्त करना है जिससे मेरे देश का नाम ऊंचा हो सके। इसके लिये मैं निरंतर तैराकी का अभ्यास कर रहा हू।


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