प्रशासनिक लापरवाही के चलते चिकित्सा कर्मी हो रहे संक्रमित-राजेंद्र राणा

प्रशासनिक लापरवाही के चलते चिकित्सा कर्मी हो रहे संक्रमित- राजेंद्र राणा                                                         जयपुर 23 अप्रैल। राज्य के सबसे बड़े सवाई मानसिंह चिकित्सालय में कोरोना संक्रमण रोकथाम नियमों की अनदेखी और  प्रशासनिक लापरवाहियो के चलते तेजी से चिकित्सा कर्मी, जिन पर संक्रमित रोगियों का इलाज निर्भर है,  वे खुद ही संक्रमित होते जा रहे है। अभी तक लगभग 21 चिकित्सा कर्मी जिसमे 8 डॉ, 8 नर्सेज के साथ 3 रेडियोग्राफर , 2 वार्ड बॉय सामने आ चुके है।वही उनके जरिये संपर्क में आये न जाने कितने परिजन और अन्य संक्रमित होकर पुरे जयपुर  शहर में फेल चुके है। ये व्यवस्थाओ की खामियों और जिम्मेदार प्रसाशन की लापरवाहियों का ही आलम है कि, संक्रमण रोकथाम नियमो के विरुद्ध, कोरोना संक्रमित रोगियों की चिकित्सा, परिचर्या ,जांचों, मरीजो को लाने ,लेजाने, सफाई इत्यादि कार्यो में जुटे सेकड़ो संदिग्ध चिकित्सा    कर्मचारियों को प्रतिदिन डयूटी समाप्ति के बाद उन्हें अपने अपने बस्ती, मुहल्लों में परिजनों के साथ रहने के लिए घर भेज कर संक्रमण की नई चेन बनाई जा रही है जिसके निकट भविष्य में बहुत भयावय परिणाम सामने आना वांकी है। चिकित्सा कर्मियों के बीच संक्रमन की भयानकता का इस बात से ही अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन 21 अप्रेल 20 में  9 हॉस्पिटल कर्मी जिनमे 4 डॉ, 2 नर्सेज ,2 रेडियोग्राफर,1 वार्डबॉय
 पॉजिटिव पाए गये। वही टोंक में आज  ही 3 चिकित्सालय कर्मी पॉजिटिव पाए गए है। जबकि अभी तक हजारो जांचों की रिपोर्ट आना बांकी है।मगर चिकित्सालय प्रसाशन और  सरकार की संवेदनशीलता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है की अभी तक चिकित्सालय कर्मियों की  संघन लेब जांच ,या कर्मियों को चिकित्सालय के आस पास रहने खाने पीने की समुचित ब्यबस्था की दिशा में कोई प्रयाश नही किये गए है । वही राज्य भर में सुरक्षित एन95 मास्क, अच्छे मानक की ppe किट,और पुख्ता सुरक्षा प्रवंधो का व्यापक अभाव है। नर्सेज एसोसिएसन के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र राना ने इस बारे में बताया कि संगठन पदाधिकारीयो द्वारा लगातार अधीक्षको और  प्रिंसिपल स्तर तक अवगत कराने के बाबजूद कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। सवाईमानसिंह चिकित्सालय, सहित जयपुर के आर यू  एच एस , जे के लानं, महिला इत्यादि सहित राज्य भर के चिकित्सालयो में कमोवेश यही स्थिति है , कार्यरत  अधिकतम  चिकित्सा कर्मियों को जिनकी संख्या हजारो में है  दैनिक संक्रमित रोगियों की परिचर्या  ड्यूटी बाद अथवा रोस्टर डयूटी अबधि समाप्ति बाद कोरेन्टीन पीरियड में  ऐसे कार्मिको को भी जिनके पास  आइसोलेशन संबंधी पर्याप्त आवास व्यबस्था ही नही है, उन्हें बस्ती मोहलो में परिजनों और बस्ती में उनके द्वारा संकमण प्रसार के खतरे के बाबजूद  घर भेजा जाना अत्यधिक घातक सावित होने बाला है। जबकि नियमानुसार प्रसाशन को हॉस्पिटलो के आस पास ही आवश्यक सुवयबस्थित  सेपरेटर 2 atteched फेसिलिटीज युक्त आवासो होटलो इत्यादि में संक्रमण से लड़ने के लिए अनिवार्य भेदभाव रहित पौष्टिक आहार व्यवस्था कर सभी चिकित्सा कर्मियों को आइसोलेटेड किया जाना आवश्यक है। जिसकी खाना पूर्ति के लिए कुछ एक हॉस्पिटल स्टाफ और डाक्टरों  के लिए धर्मशाला, होस्टल इत्यादि में कॉमन रूम और कॉमन लेट बाथ जैसी ब्यबस्थाये देकर आपसी संक्रमण को जान बूझ कर बढ़ाबा दिया जाना भी चिंता का विषय है।। ऐसे में जब सवाईमान सिंह चिकित्सालय जिसमे हजारो कर्मचारी अधिकारी एक दूसरे से परोक्ष अपरोक्ष सीधे संपर्क में रहते है तथा उनके बीच 20 से अधिक संक्रमित कर्मचारी पाए जा चुके है।सभी कर्मचारियों के दैनिक आवागमन पर आवास ब्यबस्था कर  रोक लगाते हुए सघन पी,सी, आर, जांच अभियान सुरु कर संक्रमितों को चिन्हित कर विस्फोटक अवस्था को समय रहते रोका जाना चाहिए। जबकि कर्मचारीयो को यह कह कर जांच कराने से रोका जा रहा है कि बिना बुखार, खांसी जांच नही की जाएगी ,यह ऐसे में और ज्यादा खतरनाक है जबकि कोरोना पॉजिटिव अधिकतर में  ऐसे कोई लक्षण ही नही पाए जा रहे है।  अतः संगठन द्वारा मजबूरन इस संबंध में मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिख कर इस घातक अब्यबस्था की ओर ध्यान देकर आम चिकित्सा कर्मी उनके परिजन एवं आम जन जीवन बचाव हित में त्वरित कार्यबाही की मांग की है।  नाा


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