समाजसेवी लोकेश जैन बने भामाशाह

   समाजसेवी लोकेश जैन बने भामाशाह                   समाज सेवा में निस्वार्थ भाव समाहित हो तो ,समाज के हर तबके का विकास सम्भव है। इसी कड़ी में लोकेश जैन समाज सेवी व भामाशाह के रूप में आज हम सब के सामने हैं। लोकेश जैन एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी में प्रबंधक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं,तथा भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता भी हैं।
निजी क्षेत्र में नौकरी करने के बावजूद उनके मन में बचपन से ही समाज के प्रति प्रेम शाश्वत था।
आज जहाँ सारी दुनिया स्वार्थ ईर्ष्या द्वेष के भँवर जाल में फंसी है वहीं जैन निस्वार्थ भाव से समाज के हर तबके के जरूरत मन्दों के लिए श्रद्धा भाव से जो बन सके ,सदैव अपने हाथ देने के लिए ही उठाते हैं।
लोकेश जैन में यह संस्कार उनके पिता सुरेंद्र कुमार जैन से मिले हैं,इनके पिता भी हमेशा अनाथ व वात्सल्य धामों में उनके लिए हमेशा तन मन धन से खड़े हुए दिखाई देते है।
अभी हाल ही में जैन पिता पुत्र ने महावीर जयंती के उपलक्ष्य में *वात्सल्य धाम*रेवासा में लोक डाउन 14 अप्रैल तक कम से कम 500 लोगों के भोजन प्रदान करने का बीड़ा उठाया है।
लोकेश जैन से मिली जानकारी के अनुसार हाल फिलहाल में समाज के चौथे स्तम्भ खास कर वो पत्रकार जो अवैतनिक होते हुए स्वयं के बल पर पत्रकारिता के मिशन को बढ़ाये हुए है, उन पत्रकारों के लिए जो बन सका, आर्थिक सहायता भी की है।


उनके अनुसार उन्हें ऐसे पत्रकारों की पीड़ा कहीं से आये व्हाट्सअप ग्रुप से मिली। जहाँ एक पत्रकार  संगठन पीरियोडिकल प्रेस ऑफ़ इंडिया (पीपीआई) ने सरकार से आर्थिक पैकेज की बात की थी।
उन्होंने उनके दर्द को समझा और आज की कोरोना आपदा में उन पत्रकारों पर पड़ रही डबल मार की पीड़ा को समझा।


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