कोरोना पर राजनीति न करें राजस्थान सरकार -शेखावत
कोरोना पर राजनीति न करे राजस्थान सरकार : शेखावत
जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार पर कोरोना महामारी के दौरान राजनीति करने का आरोप लगाया है। शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार को पर्याप्त फंड दिया गया है, लेकिन ये समय राजनीति करने और राजनीतिक भाषा बोलने का नहीं था।
शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से रू-ब-रू शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार ने मजदूरों को वापस लाने के लिए 4 हजार बसें तैयार होने का दावा किया था। यह भी कहा था कि केंद्र से परमिशन नहीं मिल रही है। हमें परमिशन दी जाए। अब वो चार हजार बसें कहां हैं। उनमें से कितनी बसें आ गई हैं। उन्होंने कहा कि बसों की व्यवस्था ठीक तरीके से न करने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलों को संचालित कराया है। राज्य में क्वारंटाइन फैसिलिटी, शेल्टर होम्स और अस्पतालों की स्थिति पर चिंता जताते हुए शेखावत ने कहा कि इन स्थानों पर ठीक से भोजन और अन्य व्यवस्थाएं नहीं होने से अनेक लोग पीड़ित हैं। ऐसी परेशानियों से जूझ रहे लोगों के वीडियो सामने आ रहे हैं। कुछ लोग सेंध लगाकर इन स्थानों से भागने को मजबूर हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन व्यवस्थाओं को सुचारू करने की जरूरत है।
जल जीवन मिशन के विषय में उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 1400 करोड़ रुपए का फंड राजस्थान सरकार के पास है। उसका इस्तेमाल राजस्थान सरकार करे, ताकि गांवों में रोजगार मिल सके। गर्मी में पानी की समस्या भी दूर होगी।
राज्य के गरीबों को ट्रांसफर हुए करोड़ रुपए
शेखावत ने केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान सरकार को आवंटित धनराशि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत 2870 करोड़ रुपए राजस्थान को दिए जा चुके हैं। राज्य की महिलाओं के खातों में उज्जवला योजना के तहत 450 करोड़ रुपए ट्रांसफर हो चुके हैं। जनधन 67.22 लाख महिलाओं के खाते में 337 करोड़ रुपए जमा कराए जा चुके हैं। किसान निधि योजना के साथ 37 लाख खातों में 745 करोड़ रुपए ट्रांसफर हो चुके हैं। स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के तहत राजस्थान को 740 करोड़ रुपए की पहली किस्त दी जा चुकी है, जबकि दूसरी किस्त इसी महीने जारी हो जाएगी। कलेक्टर्स के पास डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड के तहत धनराशि होती है। राजस्थान के पास इस फंड में 2765 करोड़ रुपए जमा हैं, जिन्हें खर्च करने की अनुमति प्रदान की गई है।
गरीबों की बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पीडीएस के तहत बांटने के लिए राजस्थान को 40 हजार मिट्रिक टन गेहूं दिया गया है। साथ ही उन्हें जितना गेहूं चाहिए, वो मात्र 2 रुपए किलो यानी पीडीएस दर पर दिया जा रहा है।
चिकित्सा के लिए हरसंभव मदद दी
शेखावत ने बताया कि पहले हम पीपीई किट का आयात ही करते थे, लेकिन आज 1 लाख से ज्यादा पीपीई किट बन रहे हैं। सौ से ज्यादा यूनिट्स इस काम में लगी हैं। इससे दोगुनी फैक्ट्री एन-95 मास्क बना रही हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को 70 हजार पीपीई किट, 1 लाख एन-95, दो लाख से ज्यादा अन्य मास्क उपलब्ध कराए हैं। इतना ही नहीं, चिकित्सा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए राज्यों को दिए गए हैं। इसके तहत राजस्थान को 1883 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसमें से 1780 करोड़ रुपए दिए भी जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार पूरी तरह सजग है। जब कोरोना महामारी शुरू हुई तो हमारे यहां चुनिंदा लैब टेस्ट करती थीं, लेकिन अब 350 से ज्यादा लैब टेस्ट कर रही हैं। अब एक दिन में 70 हजार टेस्ट हो रहे हैं। जल्द यह संख्या 1 लाख होगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 5 अप्रैल की रात को पूरे देश ने कोरोना वारियर्स के प्रति सम्मान जताने के लिए दीए जलाए थे, लेकिन कुछ ऐसी राजनीतिक पार्टियां हैं, जिन्हें चुनाव में जनता ने नकार दिया है, वो राजनीतिक जमीन को तलाश करने के लिए अनेक तरह की बातें कर रही हैं। शेखावत ने कहा कि पैसे और संसाधनों की कोई भी कमी नहीं है। सरकार दोबारा सामान्य स्थिति लाने में जुटी है। अभी देश को तीन जोन में बांटा गया है। हर सात दिन में समीक्षा होगी। रेड जोन ऑरेंज या ग्रीन जोन में भी जा सकता है।
शेखावत ने कहा कि जयपुर और जोधपुर में सरकार कफर्यू और लाॅकडाउन का सही ढंग से पालन तक नहीं करवा पा रही है और अपनी राजनीतिक मजबूरियों के चलते केन्द्रीय बलों की मदद भी नहीं ले रही है। सरकार को यह मजबूरियां छोड कर पुख्ता नियंत्रण के बारे में सोचना चाहिए और केन्द्रीय बलों की मदद लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ राज्य सरकार के भरोसे राशन वितरण रहता तो अराजकता पैदा हो जाती। कई सामाजिक संगठनों के माध्यम से बिना किसी भेदभाव के भोजन और राशन का वितरण किया जा रहा है। लॉक डाउन के बाद निजी क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं खत्म होने के प्रश्न पर शेखावत ने कहा कि रोजगार की कोई कमी नहीं आएगी। हम इस संकट को अवसर में बदलेंगे। कई औद्योगिक घरानों से हमारी चर्चा हुई है और आने वाले दिनों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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