पाचना बाँध का पानी नहरों में छोड़ा जाय - रघुवीर प्रसाद

पाचना बाँध का पानी नहरों में छोड़ा जाय - रघुवीर प्रसाद 



  पीलौदा /करौली 30 जुलाई ,पांचना डेम कमांड एरिया विकास परिषद के तत्वाधान में परिषद के कार्यकर्ताओं की कार्यशाला का आयोजन परिषद के कार्यालय पीलौदा में हुआ। जिसकी अध्यक्षता परिषद के सलाहकार राधेश्याम मीना ने की ।कार्यशाला को परिषद के अध्यक्ष रघुवीर प्रसाद मीना ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि पांचना बांध का पानी नहरों मे छोडा जाये जिससे गांव आत्मनिर्भर बनेंगे। 



   मीना ने कहा कि पाँचना डैम की नहरों में वर्ष 2006 के बाद पिछले 14 वर्षों से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है।मीना ने कहा कि करौली से 4 किलोमीटर दूर 125 करोड़ रूपये की लागत से करौली व सवाईमाधोपुर जिलों के 47 गांवों की लगभग 40,000 बीघा भूमि की सिंचाई हेतु बनाये गए 2100 MCFT क्षमता वाले पांचना डैम (बांध) से वर्ष 1990-91 से 2005-06 के बीच, 13 वर्षों तक अच्छी सिंचाई हुई। कमांड एरिया के लगभग 1.25 लाख से ज्यादा नागरिकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में इसका अतिमहत्पूर्ण योगदान रहा। परन्तु अब पिछले 14 सालों अर्थात वर्ष 2007 से कमांड एरिया की नहरों में पानी नहीं छोड़ने से क्षेत्र के किसान व नागरिक बेहद परेशान एवं दुखी और कुपित है। इसी प्रकार 13.21 करोड़ रुपए की पाँचना गुड़ला लिफ्ट परियोजना के समापन में भयंकर देरी होने से वहां के किसान भी दुखी है, यह छोटी सी परियोजना 1 वर्ष में पूर्ण हो सकती थी परंतु पिछले 11 वर्षों (2010-11 से) में अभी तक भी पूर्ण नहीं की गई है। नहरों में पानी नहीं छोड़ने से क्षेत्र के किसानों व नागरिकों को निम्लिखित नुकसान हो रहे है -



मीना ने कहा कि सिंचित व असिंचित फसल के उत्पादन की मात्रा में अन्तर के कारण किसानों को प्रति वर्ष लगभग 100 करोड़ रूपये से ज्यादा की आर्थिक हानि होती हैं। नहर में सिंचाई हेतु पिछले 14 वर्षो से पानी नहीं आने के कारण कमांड एरिया के किसानों को अब तक रु. 1400 करोड़ व गुड़ला लिफ्ट परियोजना के किसानों को प्रोजेक्ट में भयंकर देरी होने से रु.160 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।मीना ने कहा कि जिन थोड़े बहुत किसानों के पास भूजल की उपलब्धता है, सिंचाई हेतु पानी उपयोग करने के लिए उन्हें बिजली व डीजल संचालित उपकरणों का प्रयोग करना पड़ता है जिससे कृषि उत्पादन की लागत बहुत अधिक बढ़ जाती है।भूमि क्रय-विक्रय के समय रजिस्ट्री के चार्ज तथा भेज कमाण्ड एरिया होने के कारण बढ़ी हुई दर से लगते है।मीना ने कहा कि.ट्यूबेल व पम्पिंगसेट के माध्यम से भू-जल के अधिक दोहन की वजह से भू-जल का स्तर बहुत नीचे चला गया है जिससे पीने के पानी तक की समस्या हो जाती है। बोरवेल से फ़्लोराइडयुक्त खारे पानी के कारण ज़मीन की उर्वरकता ख़राब हो रही है। कुछ गांवों में तो बाहर से मिट्टी लानी पड़ती है।



मीना ने कहा कि पानी की कमी के कारण चारा नहीं होने से पशुपालन का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है।पानी की किल्लत से खेती नहीं होने के कारण कम भूमि वाले कृषको को रोजगार के लिए क्षेत्र से शहरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है।रोजगार नहीं होने से युवा विभिन्न प्रकार की असामाजिक गतिविधियों एवं स्मैक जैसे ख़तरनाक नशे के शिकार हो रहें है।मीना ने कहा कि पांचना डैम के लगातार भरे रहने से भराव क्षेत्र में हमेशा पानी रहता है जिसके कारण वहां पहले गर्मियों के दिनों में माली जो सब्जी करते थे उनका रोजगार छीन गया हैं और आसपास के लोगों के ताजा सब्जियां भी नहीं मिलती है।आमदनी नहीं होने से क्षेत्र के किसान कर्जदार बन रहें हैं। बच्चों को शिक्षा दिलाने तक में गंभीर समस्याएं आ रहीं है।क्षेत्र की जनता की आर्थिक स्थिति ख़राब होने से व्यवसाय करने वाले लोगों व मजदूरों और सभी की हालत भी ख़राब हो रही है।नहर में पानी नहीं खोलने से सरकार की छबि भी खराब हो रही है। सम्पूर्ण व्यवस्था के प्रति नागरिकों के मन में ख़राब भाव आता है।



 मीना ने कहा कि पाँचना डैम कमांड एरिया विकास परिषद, राज्य सरकार से लगातार मांग कर रही है कि नदी के स्पिलओवर व नहर के सिल लेवल के बीच डैड स्टोरेज के ऊपर से 2.9 मीटर पानी अविलंब नहर में खोलकर कमांड एरिया के गाँवों के नागरिकों व पशु-पक्षियों को इस भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से राहत प्रदान करें। इस संबंध में दिनांक 10 जून 2020 को दिन में लगभग 1:00 बजे पांचना डैम से नहर में पानी खोला गया। कमांड एरिया का हर नागरिक बहुत प्रसन्न हुआ एवं सरकार को सभी ने साधुवाद प्रेषित किया। नहर में पानी खोलने पर स्थानीय लोगों के बेवजह और अनुचित विरोध के कारण दिनांक 11 जून 2020 को सुबह नहर में खोले गए पानी को बंद कर दिया गया। तत्पश्चात भी हम लगातार राज्य सरकार से निवेदन कर रहें है कि नहरों में पुन: पानी खुलवाएं ताकि कमांड एरिया के गाँवों में पानी की उपलब्धता होने से राहत मिल सके। परन्तु नहरों में अभी तक भी पानी नहीं खोला गया है। एक तरफ तो सरकार किसानों की आय को दोगुना करने की मंशा रखती है और यहाँ उनको सिंचाई हेतु पानी देने में ही भयंकर उदासीनता है। 



मीना ने कहा कि हमें पूर्ण उम्मीद है कि सरकार जल्दी ही पांचना डैम कमांड एरिया के नागरिकों की आवाज़ सुनकर नहर में पुनः पानी खोलकर उन्हें अवश्य राहत देगी। कार्यशाला को परिषद महासचिव महेन्द्र सिंह मीना ने कहा कि अंतिम पंक्ति में खडे व्यक्ति की मदद करना युग धर्म है। मुठ्ठी भर लोग इतिहास बदल सकते हैं। कभी व्यक्ति, संस्था,समाज के जीवन में प्रसंग आता है ।जब ये भटक जाते हैं। तब हिम्मत से काम करना होता है। हम सब हिम्मत का निर्णय एवं सकंल्प लेने के लिए एकत्र हुए हैं। इतिहास में एक दो व्यक्ति ने निर्णय लिया । हम अकेले नहीं है, हजारों लोग हमारे साथ खडे हुए हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने आजाद हिन्द फौज बनाई तब नेताजी के साथ कैप्टन लक्ष्मी सहगल थी। हमारा लक्ष्य ग्राम की समृद्धि ,सुरक्षा, सम्मान सुनिश्चित करना। इसलिए हम गांव गांव संगठन खडा करेंगे। कमांड एरिया (माड क्षेत्र) के 47 गांवों में गांव की समिति बनायेंगे। प्रत्येक रविवार को सांय 5 बजे से 6 बजे गांव की समिति की बैठक रहेगी।  मीना ने कहा कि हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं। हम गांधी जी द्वारा दिखाया गया सत्याग्रह का रास्ता हमारे सामने है। पांचना बांथ का पानी नहरों में आये । इसके लिए हमने 16 अगस्त से 30 सितम्बर हस्ताक्षर अभियान, ग्राम में पांचना रैली, ग्राम विकास अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगें।


 मीना ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने पूरा जीवन लगा दिया मोमबत्ती की तरह जलकर पूरे देश में उजाला फैला दिया और खुशबू अभी भी फैल रही है। हम पांचना मित्र पांचना का पानी नहरों में खुलवाने के अभियान मेंलगें। जिससे कमांड एरिया में खुशयाली आयेगी ।  मीना ने विवेकानंद के कथन को दोहराते हुये कहा कि भारत की सोच यह है कि सफलता साधना से मिलती है, साधन से नहीं ।लडखडाते हुये भी हम महापुरुषों के पदचिन्हों पर चल पाये तो पांचना का पानी नहरों में अवश्य आयेगा।


    कार्यशाला को दिग्विजय सिंह ने कहा कि नहरों में पानी को जल्दी खुला जाये। राजेश आदिवासी (भारतीय किसान संघ ) ने कहा कि पानी की कमी से हमारे क्षेत्र में त्राहि -त्राहि मची हुई है। बलजीत सिंह ने कुआं तालाब में पानी नहीं है इसलिए नहर मे पानी खोला जाये। लक्ष्मी नारायण कैमला ने सोशल मीडिया का उपयोग सत्याग्रह में कैसे करें इसके बारे में बताया। कार्यशाला के अध्यक्ष राधेश्याम मीना (पीलौदा ) ने कहा कि 15-16 बर्ष तक नहरें आने पर क्षेत्र का विकास हुआ था। हमारे यहां पानी खारा है।फ्लोराइड युक्त पानी की वजह से धरती बंजर हो गई है। हमें किसान हित में हमें पांचना डैम कमांड एरिया विकास परिषद का हर तरह से सहयोग करना समय की मांग है। कार्यशाला में उपस्थित पांचना कार्यकर्ताओं को परिषद के अध्यक्ष रघुवीर प्रसाद मीना ने पांचना बांध का पानी नहरों खुलवाने का संकल्प कि


करवाया। कार्यशाला में निरंजन सिंह नादौती, झण्डूलाल कैमला, भीमसिंह मोहचा का पुरा,प्रहलाद खेडली ,चेतराम किशोरपुर ,नेपाली पीलौदा, अतुल गर्ग, बृजलाल ,हरिंसिंह रानौली ,मनराज महस्वा,मोतीलाल पीलौदा आदि उपस्थित थे।


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