जैन तीर्थ के संवर्धन संरक्षण के लिए कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेंगे-निर्मल कुमार जैन

जैन तीर्थ के संवर्धन - संरक्षण के लिए कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेंगे-निर्मल कुमार जैन                                            श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ संरक्षण महासभा द्वारा पूरे भारतवर्ष विदेश और झारखंड के जैन मंदिर और तीर्थ रक्षा संरक्षण और संवर्धन के लिए की राष्ट्रीय मीटिंग आज जूम एप के द्वारा की गई जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल कुमार जैन सेठी और राष्ट्रीय महामंत्री राजकुमार जैन सेठी कोलकाता और कई राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल हुए झारखंड से महासभा के अध्यक्ष राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता सुरेश झंझरी महामंत्री सुशील जैन छाबड़ा ने प्रतिनिधित्व किया कार्य अध्यक्ष के रूप में रांची के प्रदीप जैन काला मंत्री पवन जैन अजमेरा धनबाद से संयुक्त मंत्री संजय जैन शामिल हुए पूरे झारखंड से जैन समाज के पदाधिकारियों ने इसमें भाग लिया और अपने विचार रखें राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल कुमार जी ने जैन तीर्थ के संरक्षण और संवर्धन के बारे में अपने विचार रखते हुए कहा जैन धर्म का विस्तार देश के साथ-साथ पूरे विदेशों में भी फैला हुआ है मैंने स्वयं विदेशों में जाकर भ्रमण किया है विदेशों में लगभग 40 देशों में जैन सभ्यता फैली हुई है हम सभी लोगों को इसके संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता है श्रीलंका अफ्रीका ग्रीस ग्वाटेमाला इथोपिया आदि देशों में जैन धर्म के कई मंदिर और भगवान की मूर्तियां खुदाई के दौरान निकली है कंबोडिया में 365 एकड़ में जैन मंदिर और पंचमेरू मंदिर है श्रीलंका में जैन मंदिर अभय गिरी पर्वत है इंडोनेशिया बाली में नंदीश्वर दीप का मंदिर है परंतु लोगों को इसकी जानकारी नहीं है हम सभी लोगों का कर्तव्य है कि उन स्थानों पर जाकर जैन तीर्थ के संरक्षण और संवर्धन का काम करें राष्ट्रीय महामंत्री राजकुमार जैन सेठी कोलकाता ने कहां कि हम सभी का सौभाग्य है कि निर्मल जैन सेठी जैसे राष्ट्रीय अध्यक्ष का मार्गदर्शन हम सभी लोगों को मिल रहा है तीर्थ संरक्षण महासभा के झारखंड के अध्यक्ष राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता सुरेश झंझरी ने कहा कि धर्म की रक्षा और संवर्धन कर ही हम अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं अपनी संस्कृति को बचा सकते हैं झारखंड में कई स्थानों पर जैन तीर्थंकर की मूर्तियां निकल रही है और जैन धर्म का अवशेष मिल रहा है जिससे जैन धर्म की प्राचीनता और विस्तार का पता चलता है इटखोरी में पुरातत्व विभाग के द्वारा खुदाई के दौरान जैन धर्म के तीर्थंकर की प्रतिमा और जैन धर्म से संबंधित कई धरोहर और अवशेष प्राप्त हुए हैं भारतवर्षीय दिगंबर तीर्थ संरक्षण महासभा झारखंड के अध्यक्ष सुरेश झंझरी ने कहा धनबाद के पास काला पत्थर स्थान में और वहां के आस-पास के गांव में जैन धर्म के कई भगवान की मूर्तियां निकली है झारखंड के कई स्थानों पर भी जैन धर्म की मूर्तियां निकल रही है।.                      पुरातत्व विभाग के द्वारा यदि इन स्थानों पर खुदाई की जाए तो जैन धर्म की प्राचीनता और उसके धरोहर का पता चल सकेगा झारखंड के इटखोरी में भगवान शीतल नाथ की जन्मस्थली और पुरातत्व विभाग के द्वारा खुदाई के दौरान इस स्थान पर हजारों वर्ष पुराने तमपत्र अवशेष जैन प्रतिमा निकलने के कारण यहां पर विशाल मंदिर निर्माणधीन है तथा लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है यहां के म्यूजियम में भी पुरातत्व विभाग के द्वारा निकाले गए हजारों वर्ष पुराने जैन धर्म से संबंधित धरोहर रखे गए हैं कार्य अध्यक्ष प्रदीप जैन काला ने कहा कि लोगों को धर्म के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है यह धर्म का कारवां आगे बढ़ता ही जाएगा महामंत्री सुशील जैन छाबड़ा ने कहा कि पूरे झारखंड से जैन समाज के पदाधिकारियों को इस महासभा से जोड़ा जाएगा और समय-समय पर तीर्थ रक्षा के लिए कार्यक्रम किए जाएंगे हजारीबाग के पवन जैन अजमेरा ने कहा झारखंड में तीर्थ की रक्षा के लिए हम सभी एक है और समय-समय पर झारखंड में तीर्थ क्षेत्रों का भ्रमण किया जाएगा महासभा के झारखंड के अध्यक्ष सुरेश जैन झंझरी ने कहा कि हम सभी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल जैन सेठी जी के साथ हैं जो तन मन धन के साथ तीर्थ की सेवा में लगे हुए हैं और झारखंड में भी हमें सभी तीर्थ सुरक्षा और उसके संवर्धन संरक्षण के लिए कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेंगे और प्रदेश की सरकार से भी यह अपील करेंगे कि जैन समाज को सहयोग करें इस मौके पर धनबाद से संजय जैन झुमरी तिलैया से अजय जैन सेठी संदीप जैन सेठी मनीष जैन सेठी राजकुमार जैन अजमेरा नवीन जैन गंगवाल ने भी अपने विचार रखे और राष्ट्रीय अध्यक्ष के विचारों के प्रति अपनी आस्था रखी


Comments

Popular posts from this blog

नाहटा की चौंकाने वाली भविष्यवाणी

मंत्री महेश जोशी ने जूस पिलाकर आमरण अनशन तुड़वाया 4 दिन में मांगे पूरी करने का दिया आश्वासन

उप रजिस्ट्रार एवं निरीक्षक 5 लाख रूपये रिश्वत लेते धरे