खुली हवा में थिएटर शो का हो रहा एक नया अवतार 

 खुली हवा में थिएटर शो का हो रहा एक नया अवतार 



 कोलकाता: कोविड-19 संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के बाद कोलकाता से सटे सॉल्टलेक के द ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर (ईजेडसीसी) में ‘द बंगाल’ के साथ मिलकर बंद थियेटर प्रथा से बाहर निकलकर ओपन-एयर थिएटर में पहले और अनोखे लाइव शो का रंगमंच पर प्रदर्शन किया गया। कोलकाता के साल्टलेक में स्थित इस एम्फीथिएटर में पूरी तरह से कड़े सामाजिक मानदंडों और सरकारी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया गया था। इस दौरान विशेष रूप से प्रशिक्षित पपीई किट पहने स्वयंसेवकों ने थर्मल गन और सैनिटाइजर के साथ प्रमुख द्वार पर तैनात किया गया था। थिएटर में शो चलने के दौरान आनेवाले दर्शकों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने कई सुरक्षा विधि का पालन किया गया था।


 


21 सितंबर 2020 से खुले स्थान पर थिएटर शुरू करने की राज्य सरकार की घोषणा के बाद थिएटर ग्रुप ‘पूर्व-पश्चिम’ ने सौमित्र मित्रा द्वारा निर्देशित उनके नाटक "ज्वारसुरबाध पाला" का मंचन करके शहर में रंगमंच की गतिविधियों में लगे ब्रेक को तोड़कर इस क्षेत्र के लोगों में एक नया उत्साह भर दिया।



ईजेडसीसी कोलकाता, की अध्यक्षा श्रीमती गौरी बसु ने कहा, सरकार से अनुमति मिलने के बाद हमने कोलकाता में ओपन-एयर थिएटर के जरिये कार्यक्रम की शुरुआत करने का फैसला लिया। इस कार्यक्रम में शामिल सभी दर्शकों ने मास्क पहना था, यहां तक कि हर स्पीकर के जाने के बाद भी माइक्रोफोन को सैनिजाइटर से अच्छी तरह से साफ किया जा रहा था।


 


अभिजीत चौधरी (कार्यक्रम के कार्यकारी अधिकारी, ईजीसीसी कोलकाता) ने कहा: ईजेडसीसी की तरफ से इस कार्यक्रम के पहले पूर्वाभ्यास के लिए सुविधाएं प्रदान की गयी थी। कार्यक्रम में आनेवाले अतिथियों के लिए वैकल्पिक सीट और पंक्तियों को पहले से चिह्नित किया गया था। सभी दर्शक मास्क पहने हुए बेंचों में बैठे थे। इन सभी को सैनिटाइजेशन ड्रिल के माध्यम से अंदर प्रवेश कराया गया था और पूरे कार्यक्रम के दौरान सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का अवलोकन एवं इसका पालन किया गया।



द बंगाल के मानद महासचिव, श्री संदीप भूतोड़िया ने कहा: यह संस्था अपने काम से बंगाल की कला, संस्कृति और इसके साहित्य को बढ़ावा देनेवाले प्रख्यात कोलकातावाशियों के मन में समाजसेवा से जुड़ने की प्रेरणा जगाने का कार्य करती रहती है। थियेटर शो कोलकाता के दिल की धड़कन है। कोविड-19 के कारण इसकी गति मार्च के बाद से पूरी तरह से ठहर सी गयी थी। इस दिन नाटक के मंचन के दौरान सामाजिक दूरी के साथ अन्य सुरक्षा संबंधि मानदंडों को नये प्रयोग कला के रूप में देखा जा रहा है। नाटक का प्रदर्शन करते समय एक दूसरे को स्पर्श करने से बचाना जैसे पहलुओं को अनुकूलित करना वास्तव में एक चुनौती है। रंगमंच के पारंपरिक रूप के विपरीत प्रयोग का और यहां तक कि एक उपशैली का भी यह रूप एक महत्वपूर्ण मोड़ है।


 


सौमित्र मित्र (समूह के निर्देशक) ने कहा: मार्च के बाद से शहर के सभी थियेटर गतिविधियों में एक ठहराव सी आ गई थीं, लेकिन रंगमंच खुद हमें गति में रहना सिखाता है और कला की खोज करने वाले स्कूल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए एक नई राह की दिशा दिखाता है। लॉकडाउन के दौरान गरीब जनता के लिए राहत गतिविधियों की हमारी यात्रा, पूर्णकालिक थिएटर कर्मचारी जो निरंतर लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी के शिकार थे और अम्फन सुपर साइक्लोन के पीड़ितों के लिए एक वस्तु ने मुझे हमेशा परेशान किया कि थिएटर अब स्क्रिप्ट कैसी होनी चाहिये, काफी सोचने पर कोविड-19 की वर्तमान महामारी से जुड़ी एक स्क्रिप्ट का विचार मेरे मन में आया।



मैंने प्रख्यात नाटककार उज्जवल चट्टोपाध्याय के साथ अपने विचार साझा किए जिन्होंने इस तरह की सुंदर पटकथा लिखी थी। सुकल्याण भट्टाचार्य ने कोरियोग्राफी की, अभिजीत आचार्य ने संगीत दिया और नाटक में भाग लेनेवालों के पोशाक को मालाबिका मित्रा ने डिजाइन किया। मेरी टीम कोविड-19 के खिलाफ लड़ने से जुड़े सभी मानदंडों और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए नाटक में अपना बेहतर प्रदर्शन करने को तैयार थी। रिहर्सल के पहले दिन के बाद से हमने काम के बाद सभी को सुरक्षित घर पहुंचाने की व्यवस्था, पूर्वाभ्यास के बाद कमरे की सफाई, नियमित अंतराल पर स्वच्छता से जुड़े सभी नियमों इत्यादि का पालन किया। हमने टीम के सभी कलाकारों और तकनीशियनों के लिए विशेष मेडिक्लेम पॉलिसी 'कोरोना कवच' की भी व्यवस्था की। मित्रा ने कहा कि अब मैं अपनी टीम के लिए सफलतापूर्वक उत्पादन पूरा करने पर गर्व महसूस कर रहा हूं।


 


प्रेरणा सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स टीम ने विशेष रूप से लूना पोद्दार डिजाइन की गई नृत्यकला और एकल प्रदर्शन का मंचन किया। इस नाटक के निर्देशन में नीलाद्रि शेखर बनर्जी ने "ताथा थोई थोई" को दोहराया, इसके साथ पारंपरिक शैली से भटकाने के लिए प्रदर्शन करने वाले प्रोटोकॉल और व्यक्तिगत स्वच्छता को बनाए रखने के लिए कुछ नये बदलाव भी किए थे। 


Comments

Popular posts from this blog

नाहटा की चौंकाने वाली भविष्यवाणी

मंत्री महेश जोशी ने जूस पिलाकर आमरण अनशन तुड़वाया 4 दिन में मांगे पूरी करने का दिया आश्वासन

उप रजिस्ट्रार एवं निरीक्षक 5 लाख रूपये रिश्वत लेते धरे