वेतन कटौती के विरोध में कर्मचारियों का आक्रोश फूटा, आदेश की जलाई होली

वेतन कटौती के विरोध में कर्मचारियों का आक्रोश फूटा    आदेश की जलाई होली



जयपुर 9 सितम्बर ।अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के आह्यन पर राज्य सरकार के द्वारा कोविड-19 की आपदा के नाम पर लगातार कर्मचारियों के वेतन/भत्ते पर लगाई जा रही रोक के विरोध में आज कर्मचारियों के वेतन कटौती एवं उपार्जित अवकाश की रोक से संबंधित आदेश की होली जला कर पूरे राज्य में आक्रोश व्यक्त किया।


 महासंध के प्रदेश अध्यक्ष आयुदान सिंह कविया व उपाध्यक्ष के.के गुप्ता एवं मूल चन्द गुर्जर ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर राज्य कर्मचारियो के द्वारा राज्य सरकार की कोविड-19 के खिलाफ जंग में सरकार की कारगर योजनाओं को क्रियान्वित करने एवं सबसे ज्यादा आर्थिक सहयोग करने के बाद भी बिना कर्मचारियों का पक्ष सुने एक व दो दिन के वेतन काटने एवं उपार्जित अवकाश पर रोक लगाने की कडे शब्दो में भृत्सना करते हुये चेतावनी दी है कि राज्य सरकार अपनी हठधर्मिता छोड कर आदेश निरस्त करे नही तो राज्य का कर्मचारी ऐसी विपदा जिसके चलते देश एवं प्रदेश कि जनता पहले से ही काफी परेशानियाॅ झेल रही है ऐसे में नही चाहते हुये भी कर्मचारियों को बडे निर्णय लेने के लिये मजबूर होना पडेगा।


 विज्ञप्ति में महासंध के प्रदेश मंहामंत्री तेज सिंह राठौड ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों को नजर अन्दाज कर लिये जा रहे एक तरफा निर्णयो से कर्मचारियो में भारी आक्रोश व्याप्त है जिसे आज राजस्थान के सभी सवंर्गो के कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप आदेशो की होली जलाकर व्यक्त किया है। राठौड ने बताया कि गत वर्षो में पहले तो सरकार कर्मचारियांे को मिल रही सुविधाऐ जैसे - पेंशन, चयनित वेतनमान, नये सेवा नियम, सभी प्रकार के ऋण की सुविधा समाप्त करके भारी आर्थिक नुकसान दे चुकी है। एवं वर्ष 2017 के बाद से लगातार कर्मचारियों को मिल रहे वेतन भत्तो को छिनने पर आमादा है। उन्होने बताया कि कोविड - 19 के खिलाफ जंग में कर्मचारियो ने पहले ही सबसे बडा आर्थिक सहयोग तो दिया ही है अपितु शारीरिक रूप से भी सरकार के साथ खडा रहकर राज्य की जनता की सेवा में कोई कोर कसर नही छोडी है। जिसका ही परिणाम है देश के प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से राज्य सरकार की प्रशंसा की है। 



उन्होने जानकारी देते हुये बताया कि बुधवार को  प्रदेश में 3 हजार से अधिक स्थानो पर कर्मचारियो ने वेतन कटौती एवं उपार्जित अवकाश पर रोक के आदेशो की  होली जलाई व राज्य सरकार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर वेतन कटौती एवं उपार्जित अवकाश की रोक के आदेश वापस लेने एवं राज्य के कर्मचारियो की जायज की मांगो पर अविलम्ब वार्ता कर निर्णय लेने की मांग की ।


जयपुर में मुख्यतः जिलाधीश कार्यालय, कृषि विभाग, सांख्यिकी विभाग, भूप्रबन्ध विभाग, वन विभाग, सिचाई विभाग, भू-जल विभाग, सार्वजनिक निमार्ण विभाग, हाऊसिंह बोर्ड, सवाई मानसिंह चिकित्सालय, आयुर्वेद विभाग, पर्यटन भवन, कर भवन, बीमा विभाग, जयपुर विकास प्राधीकरण, राजस्थान विश्वविधालय, सहित सभी तहसील मुख्यालयो पर बडी संख्या में कर्मचारियो ने एकत्रित होकर विरोध प्रर्दशन किया । इस विरोध प्रर्दशन का राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ , कृषि पर्यवेक्षक संघ, पटवार संघ, राजस्थान विघुत तकनिकी एसोसियेशन, कृषि स्नातक संघ, कानूनगो संघ, सहायक कर्मचरी संघ, मंत्रालय कर्मचारी संघ, अधिनस्थ कर्मचारी संघ, अकाउटेन्ट एसोसियेशन , पशुचिकित्सा संघ, पशु तकनिकी संघ, पीओ संघ, सांख्यिकी कर्मचारी संघ, आईटी कर्मचारी संघ, आईटीआई कर्मचारी संघ, रेडियोग्राफर एसोसियेशन , नेत्र सहायक संघ, नर्सेज एसोसियेशन, आयुर्वेद मंत्रालय, आयुर्वेद परिचारक संघ, आयुर्वेद नर्सेज एसोसियेशन संघ, राजस्थान विश्वविघालय अशैक्षणिक संघ, जयपुर विकास प्राधीकरण कामगार, गंगानगर शुगर मील, मजदूर संघ, हाऊसिंह बोर्ड कर्मचारी संघ, भूमापक संघ, भूप्रबन्ध निरक्षक संघ, शिक्षक संघ, शेखावत शिक्षक संघ प्रगृतिशील,(बन्नाराम चौधरी) शिक्षक संघ प्रगृतिशील (शैतान सिंह) शारीरिक शिक्षक संघ, वरिष्ठ अध्यापक संघ, पर्यटन विकास निगम कर्मचारी यूनियन , कृषि उपज मंडी, कृषि विपरण बोर्ड, वन श्रमिक संघ, वन अधिनस्थ कर्मचारी संघ, रवेन्यू अधिनस्थ लेखा सेवा संघ सहित 125 से अधिक संगठनों ने समर्थन करते हुये लाखों कर्मचारियों ने 32 जिलों पर प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया।  


 


 


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