आलू, प्याज, टमाटर और दालों ने बिगाड़ा घर का बजट   

आलू, प्याज, टमाटर और दालों ने बिगाड़ा घर का बजट                                                                                      जयपुर 6 अक्टूबर । कोरोना महामारी के चलते आम जनमानस परेशान है। वंही बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए है, दूसरी और सब्जी, दाल के बढ़ते दामों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है वंही गृहणियों की रसोई का बजट भी गड़बड़ा गया है। आलू , प्याज के बढ़ते दामों में निरंतर चार गुना वृद्धि हुयी है वंही सभी प्रकार की दालों के दामों में पांच रूपये से लेकर दस रूपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है, व्यापारी बढ़ते दामों को लेकर लॉक डाऊन की दुहाई दे रहा है वंही गृहणियां मंहगाई के चलते रसोई बजट को लेकर सरकार को जिम्मेदार मान रही है। वंही सब्जी दालों से होने वाली बचत के न होने से चिंतित दिखाई पड़ रही है।    


 देश में कोरोना महामारी के चलते आलू,प्याज और अन्य सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल है वंही रोजमर्रा के जीवन में उपयोग की जाने वाली सभी दालों के दामों ने भी आम जनमानस का जीवन प्रभावित कर दिया है। सब्जियों का राजा कहलाये जाने वाला आलू बाज़ारो में 10 से 15 रूपये किलो के दाम पर बिकता था वही आलू आज 30 से 35 रूपये प्रति किलो बिक रहा है , 10 - 15 रूपये प्रति किलो बिकने वाली प्याज आज 50 रूपये प्रति किलो की दर से बिक रही है , 10 रूपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर आज बाजार में 45 से 50 रूपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है



इतना ही नहीं दालों के दामों में भी 5 रूपये से लेकर 10 रूपये प्रति किलो की दर से वृद्धि हुई है। निरंतर दामों में हो रही वृद्धि से आम आदमी सोचने पर मजबूर है की आखिर वो क्या खाये , रसोई चलाने वाली गृहणियां भी मंहंगाई को लेकर चिंतित है क्योकि रसोई बजट से होने वाली बचत भी अब रसोई खर्च में ही लग जाती है। दाल व्यापारी बढ़ते दामों को लेकर सरकार द्धारा कच्चे मालो का नियंत्रण मूल्य बढ़ाने पर जिम्मेदार मान रही है वंही आलू प्याज के थोक व्यापारी गर्मी और बारिश के चलते फैसले नष्ट हो जाना मंहगाई का मुख्य कारण मान रहे है। 


 


आलू के थोक व्यापारी  का कहना है की आलू की कमी ये जो गर्मी में आलू का बीज किसानो ने लगाया था किसान ने 25 से 30 परसेंट आलू खराब हो गया है , जिसकी वजह से फसल भी लेट हो गई है गर्मी हो रही थी इसकी वजह से फसल लेट हुई है और आलू तो पहले से ही कम था भंडारण में 60 परसेंट हुआ था जिसकी वजह से तेजी तो आनी लाजमी थी , इस बार आलू ज्यादा किसानों के ही पास है जितने भी व्यापारी हैं उनके पास आलू बहुत कम मात्रा में है किसानों के पास ज्यादा था आलू इस बार लॉक डाउन की वजह से होटल और सभी चीजे बंद थी इस वजह से तेजी आयी है आलू और महंगा बिकता तीन चार महीने से इसी रेट में लगातार चल रहा है , लेकर 20,22,25 रूपये प्रति किलो की दर से तीन चार महीने से इसी रेट में बिक रहा है।



प्याज की महंगाई का कारण बारिश का होना नासिक, महाराष्ट्र राजस्थान सभी इलाकों में बहुत ज्यादा बारिश की वजह से जो नई आने वाली फसल थी अधिकांश तो नष्ट हो गई है , कोई स्टॉक नहीं रखा हुआ है यह सब किसान का माल है किसान से ही आता है और कुछ गवर्नमेंट ने एक्सपोर्ट बंद करके फिर  खोल दिया जब कि ऐसी स्थिति में सरकार को एक्सपोर्ट नहीं खोलना था, उसमें उछाल आता है माल बाहर जाता है इस वजह से वृद्धि हो जाती है रेट की ,  इसका एक कारण लॉक डाउन हुआ था लोगों के कारोबार बिल्कुल खत्म है सबसे बड़ी मार जो है वह है लॉक डाउन की और कुछ महंगाई का होना सबसे बड़ी वजह यही है कि बारिश होना अब से 15 दिन में नया माल आ जाएगा आज राजस्थान की मंडी में नया माल आया भी है जैसे अभी शुरुआत है वह महंगा ही बिका है 10-15 दिन में रेट डाउन हो जाएंगे।


 गृहिणी कविता शर्मा का कहना है कि आलू पहले से कितना महंगा हो गया है वैसे तो आलू सब सब्जियों का राजा है बहुत ज्यादा जरूरत होती है अब देखो कितने रेट बढ़ गए हैं आलू तो जैसे कि रसोई से गायब ही हो गया  l प्याज भी ज्यादा महंगा हो रही है पहले से ज्यादा अब महंगा हो गया है , पहले हमें जितने पैसे मिलते थे रसोई के खर्च के लिए उसमें से काफी बचा भी लेते थे अब तो अपनी जेब से डालकर भी पूरा नहीं होता है आने वाले समय में तो खाना ही मुश्किल हो जाएगा आलू प्याज तो सलाद में भी चली गई वह तो सब लोग खा नहीं पाते हैं , आलू का भी ऐसा ही हो रहा है कहां जाएगी यह महंगाई इतनी सब लोग कैसे कर पाएंगे खाने का ।



दालों के थोक विक्रेता  का कहना है की चने की दाल 07 रूपये किलो बढ़ गई है , उड़द की दाल 7- 8 रुपए किलो बढ़ गई है , हरड़ की दाल 4-5 रुपए किलो बढ़ गयी , सभी दालों में 5-7 रुपए का तेज है गवर्नमेंट जो कच्चे मालों का नियंत्रण रेट मूल्य बढ़ा रही है बाजार में इस बात का बहुत बड़ा असर पड़ा है किसी के पास भी स्टॉक नहीं है , मिल वाला भी खाली है और दुकानदार भी खाली है इतने पैसे नहीं रहे लोगों पर कोई स्टॉक कर ले लॉकडाउन ने सबको मार दिया अब किसी पर भी स्टॉक नहीं रखा है , लाना और भेजना और खाना और पकाना आगे तो भगवान को पता है या मोदी जी को पता है अब नई फसल आएगी सर्दी के मौसम में कुछ ना कुछ नीचे आएगा बाजार , दाल से पेट नहीं भरता है आदमी पेट तो गेहूं और चावल से ही भरता है चावल का मंदा है गवर्नमेंट जो राशन पर दे रही है गेहूं और चावल दे रही है गेहूं और चावल का ही मंदा है दाल तो आदमी शौक में खाता है जितना बोत होता है उतनी खाते हैं।


 


 गृहिणी राधा जांगिड़ का कहना है की बजट तो बिगड़ गया है पूरी  दाले इतनी महंगी हो गई हैं यह तो आने वाले टाइम में सोने के भाव बिकेगी प्याज और टमाटर अमूमन घरों में आलू टमाटर की सब्जी बनाते थे आलू इतने महंगे हो गए हैं कैसे बनाएं यह हमारी समझ में नहीं आ रहा है 500 का नोट अब ऐसा लगता है की ₹10 की तरह खर्च हो जाता है कोई सेविंग तो आजकल नहीं हो रही है ऊपर से कोरोना ने सब कुछ बिगाड़ रखा है महंगाई इतनी कर दी पता नहीं देश में मिडिल क्लास फैमिली कहां जाएगी सब चीज पर महंगाई बढ़ गई है ऑनलाइन बच्चों की क्लास चल रही है उसमें भी पूरे पैसे लेकर जा रहे हैं और सब्जियां बिल हर चीज में कितनी महंगाई कर दी यह सरकार क्या कर रही है? सब कहते थे कि अच्छे दिन आएंगे यह अच्छे दिन हैं जो सेविंग होती थी वह भी उड़ गई मेरी कई साल पुरानी  जो सेविंग थी वह भी कोरोना में  खत्म हो गई अब कोई भी पैसा नहीं है बच्चों का आगे क्या फ्यूचर होगा मुझे तो समझ में भी नहीं आ रहा है और कब तक चलेगा और इतनी महंगाई पेट्रोल डीजल सब कुछ सेम हो गया है हर चीज में रेट बढ़ा दिए।


 


गृहिणी सीमा शर्मा का कहना है की , दाले लेने आए थे हम यहां आलू मंडी में ठोक की दुकानें हैं की दाले खरीद ली जाए दालों के जो रेट है वह जो है आसमान को छू रहे हैं जो दाल पहले 60 - 70 रूपये प्रति किलो मिल रही है। वही 100 से नीचे कोई भी ऐसी दाल नहीं है 100 से ऊपर की ही दाले हैं हमारी रसोई से जो खाने का सामान धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है ना ही तो दाल खा सकता है इंसान और ना ही सब्जियां खा सकता है इतनी महंगाई जो है बढ़ती जा रही हैं 40, 50 , 60 की जो पहले दाले थी अब जो है दाल के रेट 100 ,110 , 120 के भाव में फर्क आता जा रहा है इसका मुख्य कारण यही कह सकते हैं कि ट्रांसपोर्ट महंगा कर दिया गया है और मसालों पर भी फर्क पड़ता जा रहा है


 


दाले मसाले और सब्जियां सभी चीजें महंगी हो गई हैं आम आदमी का खाना तो बहुत मुश्किल हो गया है वह रोटी भी नहीं खा पा रहा है अब वह बचत नहीं हो पाती है जो पहले चीजें थी अब जो है डबल रेट में आ रही है जब हम पूरा सामान लेकर आते हैं पता चलता है कि हमारे जेब के भी खर्च हो जाते हैं हम बचत करते थे वह भी उसी में ही लगा देते हैं।


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