विनती हमारी, मानव बने शाकाहारी - संत उमाकांत महाराज

                     विश्व शाकाहार दिवस                                   विनती हमारी, मानव बने शाकाहारी - संत उमाकांत महाराज



उज्जैन 3 अक्टूबर । देश विदेश में शाकाहार सदाचार और जीव दया की शिक्षा देने वाले उज्जैन के पूज्य संत बाबा उमाकांत  महाराज ने विश्व शाकाहार दिवस पर अपने बाबा जयगुरुदेव आश्रम से सोशल मीडिया के माध्यम से देश दुनिया के जनमानस से मांसाहार का त्याग कर शाकाहारी जीवन जीने की प्रार्थना करते हुए शाकाहारी लोगों से आह्वान किया की आप लोग ना केवल लोगों को समझाओ बल्कि गर्व से साथ कहो कि हम शाकाहारी है स्वयं को शाकाहारी बताने में संकोच ना करें साथ ही साथ लोगों को शाकाहारी के गुण भी बताएं तो अभी बहुत से लोग आपको देखकर आपकी बात सुनकर ही बदल जाएंगे शाकाहारी हो जाएंगे।


बंद नहीं हुआ मांसाहार तो लग जाएगा जानलेवा बीमारियों का अंबार


बाबा उमाकांत  महाराज ने देश विदेश के समस्त शाकाहारी जनमानस से अपील किया कि आज के दिन आप लोग यह संकल्प बनाओ कि हम शाकाहार का प्रचार करेंगे लोगों को शाकाहारी बनाएंगे बाबा उमाकांत  ने यह भी बताया कि अगर लोगों ने जीव हत्या बंद कर शाकाहार का रास्ता नहीं अपनाया तो आगे मांसाहार के कारण ऐसे ऐसे भयानक रोग और बीमारियां आएंगी जो कंट्रोल के बाहर हो जाएंगी जिस कारण लोग तबाह हो जाएंगे और 1 मिनट में वह खुदा या भगवान याद आ जाएगा जिसे लोग भूल गए हैं इसलिए आज के इस विश्व शाकाहार दिवस पर हाथ जोड़कर विनय हमारी हो जाओ सब शाकाहारी।


महाराज  ने गांधी जयंती के अवसर पर कहाँ की ये भारत देश जहाँ हर तरह के लोगों का प्रादुर्भाव हुआ। अन्य देशों में वैज्ञानिक, भविष्यवक्ता तो हुए लेकिन सन्त केवल इसी धरा पर आए। यहीं से ऐसे ऐसे समाज सुधारक, वैज्ञानिक हुए जिन्होंने आध्यात्म को आगे रखकर शोध किया। उनका अनुकरण करके अन्य देश तरक्की कर गए l


आज हमें चाहिए कि महात्मा गांधी के बताये रास्ते पर चलें। *अहिंसा परमो धर्म यानी जीवों पर दया करना उन्होंने सिखाया, उस पर हम चलें। कितना भी पर्व मना लो लेकिन अगर महापुरुषों का अनुकरण नहीं किया तो सब बेकार है।*


 


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