बदनामी का पुतला

 बदनामी का पुतला

                                                                                आदमी उच्च पद पाकर,

संयम रखे तो, मिलता है बहुत आदर

जब करता है घमंड,

पाता है अपमान का दण्ड!

फिर भी, सब कुछ जान बूझकर,

वह बाज नहीं आता,

हवाई किले बनाता है, समाज से टूट जाता है!

लोग कानाफूसी करते हैं,

सामने कुछ भी कहने से डरते हैं?

आदमी सोचता है,

मुझसे बड़ा कोई नहीं है!

मेरे विरुद्ध कोई खड़ा नहीं है?

करता है पद का दुरुपयोग,

अनाधिकार सुविधाओं का उपभोग!

सरकारी संपत्ति की चोरी,

भ्रष्टाचार, रिश्वत खोरी

आदमी की महत्वाकांक्षा,  

अपनी पराकाष्ठा पर होती है!

उसे लगता है, यह अधिकार,

मेरी योग्यता है, मेरी बपौती है!

फिर होता है जो उसका पतन,

हर तरफ बस, उलझन ही उलझन!

वह बदनामी का पुतला बन जाता है,

उसका पद छीन लिया जाता है,

 बेइज्जती के साथ, बड़प्पन जाता है!



(पद्म मुख पंडा) 

ग्राम महा पल्ली पोस्ट लो इंग

जिला रायगढ़( छ ग) 

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