किसी की याद में जीना किसी की याद में मरना
ग़ज़ल
किसी की याद में जीना
किसी की याद में मरना।
मुहब्बत हो अगर जाए
तड़पकर तुम नहीं मरना।
ख़बर लग जाएगी सब को
किसी से कुछ नहीं कहना।
जियोगे ज़िन्दगी घुटकर
पड़ेगा दर्द भी सहना।
बड़ी मुश्किल डगर है ये
न इसपर पाँव तुम रखना।
जहां में तुम कहीं रह लो
मगर दिल में नहीं रहना।
नसीहत दे रही अंजू
मुहब्बत में नहीं पड़ना।
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अंजु दास "गीतांजलि"
मोबाइल नं -9471275776
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