रात को आठ बजे के बाद ठाठ 

रात को आठ बजे के बाद ठाठ 



ग्रामीण क्षेत्रों में शराब ठेकेदारों की बल्ले-बल्लें, 


 


सिणधरी,(कैलाश गोस्वामी) मुख्यालय पर शराब की दो दुकानों की स्वीकृति प्रदान है लेकिन शराब माफियाओं और ठेकेदारों द्वारा चार जगह अधिकारियों की मिली भगत से बिक्री धड़ल्ले से जारी है । सिणधरी सहीत आसपास के गांव में मेगा हाईवे पर एक दर्जन से अधिक शराब ब्रांचों का संचालन किया जा रहा है ।और ठेकों के समानान्तर कस्बे में जगह जगह अवैध ब्रांचों का संचालन किया जा रहा हैं। एक ही ठेके से संचालित हो रही ऐसी ब्रांचों की संख्या भी पांच से अधिक हैं वहां पर आसानी से शराब बेची व परोसी जा रही हैं, यह सब पुलिस की आंख के नीचे चल रहा हैं, जो कभी भी किसी अनहोनी घटना को अंजाम दे सकता हैं। बाडमेर जिले में इतनी बड़ी शराब दु:खान्तिका होने के बावजूद पता नही यहां आबकारी विभाग व पुलिस किस मुर्हत का इंताजार कर रही हैं, जो सही आने पर कार्रवाई को अंजाम देगी। ग्रामीणों का आरोप हैं पुलिस और आबकारी विभाग ऐसे शराब ठेकेदारों के खिलाफ किसी प्रकार का कोई एक्शन नही ले रहा है। इस संबंध में बाडमेर व बालोतरा आबकारी विभाग को शिकायते भी कर दी लेकिन घूस-खोरी के खेल में शिकायते दब जाती हैं।


 


 


रात भर चलते हैं ठेके व ब्रांचे


 


 


नियमानुसार प्रात: 10 बजे से पहले और रात 8 बजे के बाद ठेको पर शराब नही बेची जा सकती हैं, लेकिन ये नियम यहां के ठेकेदारों के सामने कुछ भी नही हैं, कस्बे में रात-दिन एक ही हिसाब से ठेको व ब्रांचों का संचालन किया जा रहा हैं कई जगह तो ऐसे हैं जिनका कभी शटर नीचे भी नही होता हैं। वहीं दूसरी और इन ठेकेदारों द्वारा दी गई अवैध ब्राचों पर भी सातों दिन चौबीस घंटे आसानी से शराब मिल रही हैं।


 


 


ब्रांचो की आड़ में बेची जा रही हैं हरियाणा निर्मित शराब


 


 


ठेकेदारों द्वारा दी गई अवैध ब्रांचों पर वैद्य शराब के साथ हरियाणा व पंजाब निर्मित अवैध शराब बेची जा रही हैं जिनका राजस्थान में बेचना कानूनन जुर्म होता हैं। सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों व मेगा हाईवे पर अनपढ व मजदूर वर्ग के लोग व ट्रक चालक यह नही जानते है कि शराब वैद्य हैं अवैद्य वे यहां से खरीद कर ले जाते हैं। ऐसे में यह कथित शराब ठेकेदार मुनाफे के साथ-साथ राजस्व को भी चुना लगा रहे हैं।


 


 


मनमानी दरों पर बिक रही हैं शराब


 


नियमानुसार सरकारी ठेको पर शराब की दर को सूचना पट्ट पर अंकित करना अनिवार्य होता हैं, अन्यथा लाईसेंस तक रद्द करने के नियम हैं, लेकिन यहां के ठेकेदारों द्वारा किसी प्रकार की कोई दर सूची ठेके पर नही लगाई जा रही हैं। ऐसे में निर्धारित दर से अधिक वसूल रहे हैं। जब कोई जानकार इस बारे में बात करता हैं तो उसे धमका देते हैं तथा यह कह कर धौंस दिखाते हैं जो करना हैं वो कर, हमारे कोई फर्क नही पडऩे वाला हैं।


 


 


ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय मनमानी दरों पर बिक रही शराब ठेकेदार मुनाफे के साथ साथ राजस्व को भी चुना लगा रहे है


 


क्या कह रहे हैं अधिकारी


 


शराब कोई बेचता है तो उनके खिलाफ कानुनी कारवाही होगी ओर सरकारी ठेको पर मनमानी दरों से शराब बेचते है तो उनका लाईसेंस रद्द होगा


 


देवेंद्र दशोरा


जिला आबकारी अधिकारी बाड़मेर


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