*आपस के झगडे में रक्षित फारेस्ट के हजारों पेडों की अवैध कटाई*

 *आपस के झगडे में रक्षित फारेस्ट के हजारों पेडों की अवैध कटाई*


केशकाल। वन मंडल केशकाल के पूर्व डी.एफ.ओ. के स्थानांतरण होते ही भू-माफिया द्वारा रिजर्व जंगल व रक्षित जंगल पर अतिक्रमण को लेकर आपस में तनाव व झगडे प्रारंभ हो चुका है, यह कहानी नहीं बल्कि सत्यता का अनुठा उदाहरण केशकाल वनमंडल में इन दिनों देखने को मिल रहा है, पहले इसी वन मंडल के कोहकामेटा सर्किल के सिदाण्ड वन खण्ड अंतर्गत आरएफ 2811 को सिदावण्ड वन प्रबंधन समिति की रिकार्ड में जडी बूटी औषधीय पादप के लिये रिजर्व है, उसी आरक्षित वन क्षेत्र में 16 दिसम्बर 2020 को पडोसी वन परिक्षेत्र विश्रामपुरी के एक व्यक्ति द्वारा अपने जेसीबी के माध्यम से अवैध रूप से खेत बनाने का नियत से आतिक्रमण करने का प्रयास किया l


                                               जिसका सूचना वन खण्ड सिदावण्ड के वन रक्षक व डिप्टी रेंजर को मिलते ही घटना स्थल पहॅुचकर जेसीबी को वन अधिनियम अंतर्गत पीओआर नं. 327/24 के तहत जप्ति करते हुये कार्यवाही किया है। अब यह मामला ठंडा हुआ ही नहीं उससे बढकर वन परिक्षेत्र विश्रामपुरी के सर्किल कोरगांव के कोलियाबेडा एवं सालेभाट की रक्षित जंगल को अंधा धंूध झाड कटाई में आस-पडोस गांव के ग्रामीणों के आपसी विवाद के चलते रक्षित फारेस्ट में कुदरत द्वारा बनाया गया है हरे भरे हजारों की संख्या में साल वृ़क्ष पेडों का अवैध कटाई व बली चढाया गया है, बताया जाता है, कि जहां पर अंध धंूध अवैध कटाई हुआ है, करीब 10 से 12 एकड की रक्षित फारेस्ट क्षेत्र में कटाई हुआ है, सवाल यह उठता है, कि 12 एकड में फैले रक्षित फारेस्ट के अंदर हजारों संख्या में साल वृ़क्ष पेंडों का धरा साही किया गया है, उतनी समय तक जंगल विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी क्या कर रहे थे ? इन्हे शासन द्वारा भरपूर वेतन देकर जंगल की रक्षा व सुरक्षा की जिम्मेदारी दिया गया है, उन लोग इतनी हरा भरा झाडों की अंधा धूध कटाई हेाते तक मुख दर्शक बने रहे क्यों ?

हमारे क्षेत्र के सामाजिक सेवक एवं भूतपूर्व विधायक  कृष्णकुमार धु्रव ने गतदिन घटना स्थल जाकर ग्रामीणों से अलग-अलग चर्चा कर पूरी जानकारी एकत्रित कर वन विभाग एवं राज्य शासन से सवाल किया है कि करीब पिछले 1 माह से उस पीएफ क्रं. 2861 वन क्षेत्र में करीब 12 एकड जंगल भूमि पर लगे हरे भरे साल वृक्षों का झाडों को हजारों की संख्या में अवैध रूप से कटाई जारी रहा जो पिछले कई दिनों से कटे रहने के बावजुद भी वन विभाग द्वारा उसपर समय रहते कार्यवाही न करने के चलते दोनो आस पडोस के गांव वालों के बीच में तनाव बढने के साथ इस संवेदनशील घटना पर कौन-कौन दोषी है, उन पर अभी तक क्या क्या कार्यवाही किया है, 

                         पूर्व विधायक  के के ध्रुव 
                     
                                                              इस पर सवाल उठाते हुये केशकाल के जागरूक समाज सेवी एवं भूतपूर्व विधायक कृष्ण कुमार धु्रव ने इस गंभीर मामले की ओर राज्य शासन का ध्यान आकर्षण करते हुये मांग किया है, कि हजारों की संख्या में हरे भरे साल वृक्षों को कटाई मामले में वन मंडलाधिकारी केशकाल ही दोषी है, इसे मामले की उच्च स्तरीय जांच दल जो कांकेर वन वृत्त छोड कर दूसरा वन वृत्त उच्च अधिकारियों से संबंधित कटाई के संबंध में टूट गिनती के गणना के साथ उच्च स्तरीयय निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस संबंध में कोरगांव सर्किल अंतर्गत ग्राम कोलिया बेडा के ग्रामीण दुवारू नेताम पिता प्रसाद राम नेताम, सुद्दू राम नेताम पिता मंगलराम नेताम, गंगाराम नेताम पिता फादूराम नेताम, संतूराम नेताम पिता भरत राम, मताउ राम नेताम पिता चमरा राम, छबीलाल नेताम पिता चरण सिंह नेताम, जयलाल नेताम पिता अयतू राम नेताम ने मिडिया के सामने जानकारी देते हुये बताया है, कि ग्राम कोलियाबेडा के ग्रामीणों द्वारा पिछले पिडियों से इस क्षेत्र के जंगल को रखवाली करते हुये सुरक्षा किया जा रहा था, तत्पश्चात् ग्रामीणों के सलाह मशहरा सहमति से कक्ष क्र.ं 2861 पीएफ जंगल में डेढा-मेडा वृक्षों के शाखाओं के छटिनी करते हुये सहीं सलमत सीधा झाडों को छोड कर छटाई किया गया। छटाई से प्राप्त जलाऊ लकडी को कोलियाबेडा के ग्रामीणों ने जलाऊ लकडी के रूप में लाया गया यह जो घटना हुआ 08 दिसम्बर 2020 को तत्पश्चात् पडोसी गांव साल्हेभाट के लोगों द्वारा उक्त जंगल में कटाई करते हुये कोलियाबेडा ग्रामवासियों के साथ में मारपीट घटना किया गया इस संबंध में विश्रामपुरी थाना में अपराध क्रमांक 28/2020 दिनांक 19/12/2020  के तहत मारपीट करने वाले के उपर भारतीय दण्ड विधान की धारा 294, 328 कायम करते हुये कार्यवाही किया गया है। किन्तु ग्राम कोलियाबेडा के ग्रामीणों ने शासन प्रशासन एवं वन विभाग से अनुरोध निवेदन किया है, कि हम लोग किसी भी प्रकार का वाद विवाद झगडा झंझट करना नहीं चाहते है, शाति पूर्वक वातावरण में हमारे पूर्वजों द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से रक्षा किया गया उस जंगल को पहले जैसा शांति पूर्ण रूप सुरक्षा हेतु कोलियाबेडा गांव वालों को प्रदान किया जाये। ताकि जंगल का रक्षा हमारे ग्रामीणों द्वारा स्वयं कर सके। ग्रामीण सूत्रों से जानकारी मिला है, कि मिडिया में इस अंध धूंध कटाई का जानकारी मिलते ही दिनांक 14 जनवरी 2021 को वन परिक्षेत्र विश्रामपुरी एवं वन परिक्षेत्र केशकाल के वन कर्मचारियों के साथ में उप वन मंडल अधिकारी सुश्री मोना माहेश्वरी द्वारा संबंधित गांव सालेहभाट पहॅुचकर ग्रामीणों द्वारा रखा गया लकडियों को जप्ति करते हुये गाडी में भरकर सर्किल डिपों कोरगांव लायो जाने का जानकारी मिला हैं। 


रिपोर्ट🟣 दीपक कुमार प्रिया

 *स्टेट ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़*

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