महिला पुलिस कर्मियों की ममता जागी
इंसानियत शर्मसार,
मां के शव के पास दो दिन बिलखता रहा डेढ साल का मासूम
महिला पुलिस कर्मियों की ममता जागी
कोरोना के डर से किसी ने नहीं ली सुध..
मृत महिला का शव सोमवार को मिला लेकिन पुलिस को शक है कि मौत दो दिन पहले हुई है. डेढ़ साल के बच्चे को क़रीब दो दिन से भूखा-प्यासा बताया गया . कोरोना का डर लोगों में इस कदर फैला है कि किसी ने बच्चे के पास जाने के बारे में भी नहीं सोचा. पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की कांस्टेबल सुशीला गभाले कहती हैं, 'मेरे भी दो बच्चे हैं. एक आठ, एक छह साल का. ये अपना बच्चा जैसा लगा, जब मैं उसको चम्मच से दूध पिला रही थी तब वो बहुत जल्दी-जल्दी पी रहा था, भूखा था.''एक अन्य कांस्टेबल रेखा वज़े ने बताया, ‘'बच्चे को थोड़ा बुख़ार था। हमने जब डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया इसको अच्छे से खिलाओ-पिलाओ. बाक़ी सब ठीक है। बच्चे को दूध पिलाने के बाद बिस्किट खिलाया। फिर बच्चे को हम कोरोना टेस्ट के लिए सरकारी अस्पताल लेकर गए, बच्चा अभी बाल शिशु गृह में है.'
उन्होंने कहा कि लोग उस समय उस बच्चे को पास नहीं ले रहे थे कि कहीं उसकी मां को कोरोना तो नहीं था और कहीं बच्चे को पास लेने से उनको कोरोना तो नहीं हो जाएगा। लेकिन हमारी ममता जागी और हमने बच्चे की मदद की. बच्चे का कोविड टेस्ट निगेटिव है. मां के शव को ऑटाप्सी के लिए भेजा गया है और विसेरा जांच के लिए सुरक्षित रखा है. फ़िलहाल, महिला की मौत का कारण साफ़ नहीं है. पुलिस इंस्पेक्टर(क्राइम) प्रकाश जाधव ने बताया कि महिला का पति कुछ दिन पहले किसी काम से उत्तर प्रदेश गया था.उसके लौटने का अब तक इंतज़ार है.' (ndtv.in)
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