मणिपाल अस्पताल और सीकेएस बने लूट के अड्डे

जयपुर में मणिपाल अस्पताल और सीकेएस बने लूट के अड्डे 


 दोनों के मेडिकल स्टोरों पर छापा

दुगुने दाम पर  बेच रहे थे रेमडेसिविर इंजेक्शन
औषध नियंत्रक टीम ने किया निरीक्षण,

 पाई कई अनियमितताएं


जयपुर, 1 मई । चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा के निर्देश पर अस्पतालों में दवाओं की कालाबाजारी रोकने व निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली को जांचने के लिए बनाई टीम ने शनिवार को जयपुर के दो अस्पतालों का निरीक्षण किया।


औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया टीम ने जयपुर के वीकेआई स्थित सीकेएस हॉस्पिटल और विद्याधर नगर स्थित मणिपाल अस्पताल का निरीक्षण कर जांच की।
उन्होंने बताया कि दोनों अस्पतालों मे रेमडेसिविर इंजेक्शन को सरकारी रेट 2800 रुपए के मुकाबले 5400 रुपए में विक्रय करना पाया गया। दोनों अस्पतालों में विक्रय बिल नियमानुसार संधारित नहीं पाए गए।



शर्मा ने बताया कि मणिपाल अस्पताल में फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में सेड्यूल H और H1 की औषधियों का बेचान करना पाया गया।
दोनों अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा रेमडेसीविर इंजेक्शन की निर्धारित दर पता होने के बावजूद मरीजों से अधिक वसूली करना भी पाया गया।
अस्पतालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट पेश कर दी गई है।
50 हजार में ब्लैक कर रहे थे इंजेक्शन
वही,दूसरी ओर प्रदेश में रेमदेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर sog टीम भी एक्शन में नज़र आई।
टीम ने सूचना पर सिरोही,अजमेर और जोधपुर में कार्रवाई की।
इस दौरान टीम ने आरोपियों को
रेमदेसिविर इंजेक्शन रंगे हाथों ब्लैक करते पकड़ा।
आरोपी एक-एक इंजेक्शन 50 हजार में बेच रहे थे। उनके पास से 8 इन्जेक्शन बरामद किये गए है।
छापे के तहत 5  लोगो को राउंडअप किया है।
जिसमे सिरोही से 2, जोधपुर  से 2 और और अजमेर से 1 आरोपी गिरफ्तार किया गया है।आरोपियों से पूछताछ में बड़े खुलासे हो सकते है।

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