उदयपुर। झीलों की नगरी उदयपुर में इन दिनों हवाला कारोबार खूब फल फूल रहा है। बुधवार को पुलिस ने हवाला के बड़े कारोबार का खुलासा किया है। शहर की घंटाघर पुलिस ने 1 करोड़ 48 लाख 50 हजार की हवाला राशि को जब्त कर लिया है। हवाला की ये राशि एक कार में सीट के नीचे छिपाकर लाई जा रही थी, पुलिस ने नगदी समेत कार को जब्त कर दो युवकों और एक नाबालिग को हिरासत में ले लिया है। ये सभी युवक राशि को गुजरात पहुंचा रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की टीम हवाला कारोबारियों की जड़ तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने बताया कि काफी समय से पुलिस को गुजरात समेत सीमावर्ती इलाकों से हवाला कारोबार होनें की जानकारियां मिल रही थी। जिसे पुलिस लगातार ऑबजर्व कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को मुखबिर से हवाला कारोबार की सूचना मिली। इस पर उदयपुर की घंटाघर थाना पुलिस ने मोचीवाड़ा इलाके में एक कार को पकड़ा। गुजरात नंबर की इस संदिग्ध कार की जब पुलिस ने तलाशी ली , तो उसे उसमें एक करोड़ 48 लाख 50 हजार रुपये मिले। पुलिस के अनुसार ये राशि थैलों में भरी हुई थी। ये थैले कार की आगे की सीट के नीचे बनी हुई गुप्त दराज में छिपाए हुए थे।
हवाला
मामले की जानकारी देते हुए घंटाघर थानाप्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने इसके बारे में जब कार सवार से पूछताछ की तो वो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जिसके बाद पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया और गहनता से पूछताछ की। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सारा रूपया हवाला कारोबार से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने नगदी को जब्त कर लिया और उच्च अधिकारियों को सूचना दी। जिसके बाद उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे।
जुलाई 2025 से लेकर नवंबर 2025 तक एस्ट्रोलॉजर दिलीप नाहटा द्वारा लिखी गई भविष्यवाणियां नाहटा द्वारा बनाई गई भविष्यवाणी की मशीन ने जुलाई से लेकर नवंबर 2025 के मध्य में घटित होने वाली घटनाओं के सांकेतिक आंकडों से दिए पूर्वानुमान ब्यावर । पिछले 12 वर्षों के दौरान ब्यावर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ दिलीप नाहटा की 300 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीयस्तर की भविष्यवाणीयां सत्य साबित हो चुकी है एवं 2013 में इंसान के हाथ की रेखाओं को पढ़कर भविष्य करने वाली विश्व की पहली हस्तरेखा मशीन का आविष्कार एवं 2023 में विश्व के 195 देशों की भविष्यवाणी करने वाली मशीन का आविष्कार भी कर चुके हैं । राजस्थान के कई बड़े बांधों के छलकने के योग -- बांसवाड़ा का माही बांध एवं कोटा का गांधी सागर बांध , जवाहर सागर बांध , कोटा बैराज , राणा प्रताप सागर बांध एवं टोंक जिले में देवली के पास बना बीसलपुर बांध के लबालब होकर एक बार फिर से छलकने के योग बनते है एवं पश्चिमी राजस्थान में स्थित जवाई बांध के कई वर्षों के बाद छलकने के योग बन सकते है एवं उपरोक्त दिए गए ऐसे योग जुलाई , ...
प्रिय मित्रों/पाठकों,ज्योतिष में सप्ताह का हर दिन ग्रहों के हिसाब से तय किया गए हैं। जैसे सोमवार का दिन चंद्रमा को समर्पित है, मंगलवार का दिन मंगल के लिए, बुधवार बुध का कारक है, गुरुवार का दिन गुरु के लिए। ज्योतिष में हर दिन ग्रहों के नजरिए से शुभ काम करनी चाहिए और वर्जित किए गए काम को करने से बचना चाहिए। हम सब नहाते समय साबुन का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही हम अपनी पसंद के हिसाब से साबुन चुनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से हमें किस तरह के साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए? हमारे शास्त्रों में मानसिक शुद्धि के साथ ही शारीरिक शुचिता को भी बहुत महत्त्व दिया गया है। कहते हैं स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है और शरीर के स्वस्थ रहने के लिए शरीर को स्वच्छ रखना बहुत आवश्यक है। शारीरिक स्वच्छता में स्नान की अग्रणी भूमिका है। प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक स्वच्छता के लिए प्रतिदिन स्नान करना आवश्यक है। हमारे शास्त्रों में स्नान किए बिना मन्दिर प्रवेश, पूजा-पाठ व भोजन करने का निषेध बताया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विधिपूर्वक किया गया स्नान जन्...
बजट मेँ कर्मचारियों की उपेक्षा से कर्मचारी वर्ग मेँ घोर निराशा जयपुर । अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र राना ने राज्य के बजट पर प्रति क्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए गए बजट से कर्मचारियों को भारी निराश हुई है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के कर्मचारी नेताओं के साथ बजट पूर्व संवाद के बाद चार पदोन्नति परिलाभ 8/16/24/32 दिए जाएंगे,मगर ऐसा नहीं हुआ, वहीं वेतन विसंगति सम्बन्धी खेमराज कमेटी रिपोर्ट मेँ अनसुलझी वेतन विसंगति ,2 वर्ष से अधिक की संविदा सेवा से नियमित होने वाले कार्मिको को प्रोवेशन से मुक्ति ,50%पेंशन के लिए देहली की तरह अनिवार्य राजकीय सेवा अवधि 25 वर्ष से घटाकर 20 वर्ष करने, संविदा कार्मिको के नियमितीकरण सम्वन्धी लंबित पत्रावली इत्यादि किसी भी प्रमुख मांग पर कोई विचार नहीं किया जाना दुर्भाग्य पूर्ण है! वहीं शिक्षा विभाग में नवक्रमोन्नत विद्यालयों में व्याख्याता के नव पद सृजित करने तथा दिव्यांगों की शिक्षा हेतु विशेष शिक्षकों की व्यवस्था ...
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