बीमा कंपनियों से फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

डॉक्टर, वकील व पुलिसकर्मी की मिलीभगत 

से लाखों का क्लेम उठाया, 15 गिरफ्तार


बीमा कंपनियों से फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ 

दौसा 11 अक्टूबर। सामान्य मौत को दुर्घटना में होना बता डॉक्टर, वकील व पुलिसकर्मी से सांठगांठ कर लाखों का क्लेम उठाने के आरोप में जिले की चार थानों कोतवाली, सदर, रामगढ पचवारा व नांगल राजावतान पुलिस ने 15 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

      दौसा एसपी अनिल कुमार बेनीवाल ने बताया कि गिरोह से जुड़े व्यक्ति मृत व्यक्ति को सडक दुर्घटना में मरने की झूठी कहानी बना लाखों रुपये का फर्जी क्लेम उठा लेते है। जिसमे कन्ट्रोल रूम की क्यूएसटी से लेकर डॉक्टर तक का हाथ सामने आया है। आरोपी पुलिसकर्मी को  गलत अनुसंधान करने, डॉक्टर को फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने, एडवोकेट को लोगो को दुर्घटना का क्लेम उठवाने का झांसा देकर झूठा मुकदमा दर्ज करवाने का आरोपी माना गया है।

    इस मामले में पुलिस ने डाॅ.सतीष कुमार खण्डेलवाल (60) तत्कालीन मेडिकल ज्यूरिष्ट रा.चि.दौसा,रमेश चन्द जाटव (55) निवासी थाना हिण्डोन सिटी हाल थाना कोतवाली दौसा, राजकमल सिसोदिया (42) निवासी कानोता बाग जयपुर हाल हाल युआईआईसी क्लेम पैनल इन्वेस्टीगेटर, चतुर्भुज मीना (48), मनोहर मीना (40), रामकिशन मीना (45), लक्ष्मीनारायण मीना (38) एवं कल्याण सहाय मीना (66) निवासी थाना नांगल राजावतान जिला दौसा, कल्याण सहाय मीना (66) निवासी थाना रामगढ पचवारा, ब्रह्मान्नद रैगर (45) निवासी थाना जमवारामगढ, गोकुल मीना (30) निवासी थाना तुंगा, गैंदी देवी (44) निवासी थाना बस्सी, रामप्रसाद उर्म रामप्रकाश रैगर (48) निवासी थाना बस्सी हाल गणेश विहार जयपुर, गणपत लाल रैगर (47) निवासी थाना चाकसू हाल थाना जवाहर सर्किल जयपुर तथा अभिमुन्य रैगर (23) निवासी थाना बस्सी को गिरफ्तार करने में सफलता अर्जित की है।

    एसपी विश्नोई ने बताया कि आईजी हवा सिंह घुमरिया के निर्देशानुसार झूठी दुर्घटनाओ की रिपोर्ट तैयार कर फर्जी क्लेम उठाने वाली गैंग के अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु एएसपी लालचन्द कायल एवं सीओ दीपक कुमार के सुपरविजन व थानाधिकारी कोतवाली लाल सिंह के नेतृत्व में थानाधिकारी सदर प्रवीण कुमार, थानाधिकारी नांगल राजावतान बनवारी लाल व थानाधिकारी रामगढ पचवारा सुभाष शर्मा की एक विशेष टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने कई मामले उजाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती है। गिरफ्तारी में एसआई श्याम लाल व कांस्टेबल कुम्हेर सिंह का विशेष योगदान रहा है।


प्रकरण 1


बैजवाडी ढाणी नदी वाली थाना नांगल राजवतान निवासी बत्ती लाल मीणा ने 24 सितम्बर 2016 को एक रिपोर्ट दी थी। जिसमे पिता रामकुमार मीणा व एक अन्य लक्ष्मी नारायण रैगर का भर्तहरि बाबा के जाते समय मिडवे पर अज्ञात वाहन से टक्कर होने पर मौत होने बताया। तत्कालीन एएसआई रमेश चंद जाटव ने अज्ञात से टक्कर होना बता मामले में एफआर लगा दी। केस रिओपन कर जांच में वृत्ताधिकारी राजेन्द्र त्यागी ने एएसआई रमेश चंद व डाॅ सतीश कुमार की मिलीभगत पाई। पंचायतनामा व पोस्टमार्टम की रिपोर्ट फर्जी मिली। मृतक रामकुवार मीणा की मृत्यु कथित दुर्घटना से तीन माह पूर्व टीबी की बीमारी से व मृतक लक्ष्मीनारायण मीणा की मृत्यु हार्ट अटैक से होना पायी गयी। एडवोकेट चतुर्भुज मीणा को लोगो को दुर्घटना का क्लेम उठवाने बाबत झांसा देकर झूठा मुकदमा दर्ज करवाने व अन्य आरोपीगणो द्वारा षडयंत्र मे सहभागी बनकर क्लेम रकम प्राप्त करने का दोषी पाया। इस पर कोतवाली दौसा मे मुकदमा दर्ज किया गया। 


प्रकरण 2


नई दिल्ली निवासी परिवादी यश चौहान ने साल 2017 में कोतवाली थाने में एक रिपोर्ट दी। जिसमे बताया की 26 जनवरी की रात वह दो दोस्तों अरूण व मनोज के साथ बाईक पर दौसा से गणेशपुरा जा रहे थे। रास्ते में वह मूत्र त्यागने उतरा ही था कि तेज गति से आ रही बिना नम्बरी पिकअप ने बाईक पर बैठे उसके दोस्तों को टक्कर मार दी। जिससे उनकी मौत हो गई। 

    इस मामले में भी जांच में डॉक्टर, पुलिसकर्मी व एडवोकेट को दोषी पाया गया। एएसआई रमेश चंद ने जांच में अज्ञात वाहन से टक्कर से मौत होना बता एफआर लगाई। डॉक्टर सतीष खण्डेलवाल ने फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की। जबकि एडवोकेट चतुर्भुज मीणा ने झूठा मुकदमा दर्ज करवाया। प्रकरण में जिस मृतक मनोज कुमार के नाम का क्लेम उठाया गया है उसमें उक्त व्यक्ति के जीवित या मृत होने का अस्तित्व ही नही पाया गया है व अरूण वर्तमान में जीवित है।

 

प्रकरण 3


रामगढ पचवारा जिला दौसा निवासी नवलकिशोर मीणा ने थाना कोतवाली दौसा में एक रिपोर्ट दी। जिसमे बताया कि 14 अक्टूबर, 2016 की रात के लगभग 12-1 बजे लालसोट बाईपास पर अज्ञात वाहन की टक्कर से उसके पिता जन्सी राम व एक अन्य नाथू की मौत हो गई।

      रीओपन किये गये इस मामले में भी एएसआई रमेश चंद, डॉक्टर सतीश खंडेलवाल व एडवोकेट चतुर्भुज मीणा की पहले की तरह संलिप्तता पाई गई।  दोनों की मृत्यु के 1 माह 16 दिन बाद झूठी कहानी तैयार कर कर क्लेम उठाया गया। प्रकरण में मृतक जन्सीराम की मृत्यु हार्टअटैक से व नाथूलाल की मृत्यु कैन्सर से होना पाया गया है।

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