दुखद : नही रहे रामायण के रावण
दुखद : नही रहे रामायण के रावण
रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का 83 साल की उम्र में निधन
दिल्ली, 6 अक्टूबर।अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने उनके निधन के खबर की पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से उनकी तबियत खराब चल रही थी, हालांकि उन्हें कोई बड़ी बीमारी नहीं थी।
दूरदर्शन पर प्रसारित हुए रामानंद सागर के बेहद लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक 'रामायण' में रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार की रात को निधन हो गया।
अभिनेता की मौत की खबर की उनके एक करीबी रिश्तेदार ने पुष्टि की है। वह 83 साल के थे और लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।
अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने उनके निधन के खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि 'मंगलवार (5 अक्तूबर) रात करीब 10 बजे उनका निधन हो गया है। उन्होंने बताया कि 'चाचाजी पिछले कुछ सालों से लगातार बीमार चल रहे थे।
पिछले तीन साल से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब रहने लगी थी। ऐसे में उन्हें दो-तीन बार अस्पताल में भी दाखिल कराना पड़ा था। एक महीने पहले ही वो अस्पताल से एक बार फिर घर लौटे थे।
मंगलवार की रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने कांदिवली स्थित अपने घर में ही दम तोड़ दिया।'
मई में उड़ी थीं अरविंद त्रिवेदी की मौत की अफवाह
इस साल मई में अरविंद त्रिवेदी के निधन की खबरें सामने आई थीं, जिन पर उनके भतीजे कौस्तुभ ने इसे अफवाह बताते हुए विराम लगा दिया था।
इसके अलावा रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने इन अफवाहों का खंडन करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी।
सुनील लहरी ने लोगों से कहा था कि वे इस तरह के फेक न्यूज न फैलाएं।
अरविंद त्रिवेदी ने रामानंद सागर द्वारा बनाई गई रामायण में रावण का दमदार रोल निभाया था। उन्होंने इस तरह से रोल प्ले किया था कि आज तक लोगों की आंखों के सामने उनकी वही छवि बनी हुई है।
गौरतलब है कि अरविंद त्रिवेदी का जन्म आठ नवंबर 1938 में मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनका शुरुआती करियर गुजराती रंगमंच से शुरू हुआ।
उनके भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती सिनेमा के चर्चित नाम रहे हैं और गुजराती फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं।
हिंदी के पॉपुलर शो रामायण से घर-घर पहचान बनाने वाले लंकेश यानी अरविंद त्रिवेदी ने लगभग 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में अभिनय किया था।
गुजराती भाषा की धार्मिक और सामाजिक फिल्मों से उन्हें गुजराती दर्शकों में पहचान मिली थी जहां उन्होंने 40 वर्षों तक योगदान दिया।
त्रिवेदी ने गुजरात सरकार द्वारा प्रदान की गई गुजराती फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए सात पुरस्कार जीते थे।
2002 में उन्हें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था।
अरविंद त्रिवेदी ने 20 जुलाई 2002 से 16 अक्टूबर 2003 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) प्रमुख के रूप में काम किया था।
अभिनय के अलावा अरविंद साल 1991 से लेकर 1996 तक सांसद रहे
1991 में, अरविंद त्रिवेदी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में साबरकथा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए और 1996 तक इस पद पर रहे।
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