खतरनाक साबित होगें भाजपा के भावी मुख्यमंत्री

खतरनाक साबित होगें भाजपा के भावी मुख्यमंत्री! 


(राजू चारण) 

बाड़मेर 8 जनवरी। मौजूदा सरकार का समय बीतते हुए दीए के तेल की तरह उजाले से अधेरे की ओर निकल रहा है आपके कार्यकाल में औधोगिक नगरी दुबई बनने वाले बाड़मेर जिले में भारतीय सेना के जवानों ओर प्रवासी राजस्थानियो को आवागमन करने के दौरान होने वाली परेशानियों से मुक्ति कौन ओर कब दिलाएंगे कही ऐसा ना हो जाए कि जागरूक मतदाताओं ने झुनझुना थमाकर आखों के आगे अधेरा आए उससे पहले ही बाड़मेर जिला मुख्यालय से लम्बी दूरी की रेलगाड़ियों ओर हवाई सेवाओं को श्री गणेशाय करदे अन्यथा झुनझुना थमाकर नेता तो पहले ससद चले गए लेकिन अगले लोकतंत्र की आधी में लोगों ने सब्जबाग दिखाकर कही आपको ही बाड़मेर से रवाना ना कर दे....? 

प्रदेश में अगले विधानसभा ओर लोकसभा चुनावों को लेकर प्रदेश भाजपा इन दिनों पूरे दमखम के साथ गाँव ग्वाड ओर ढाणी ढाणी में जुटी हुई है। हालांकि दो या चार से ज़्यादा गुटों में बंटी पार्टी की अलग-अलग जारी तैयारियां आजकल चर्चाओं में बनी हुई हैं। दरअसल, एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 'देव-दर्शन' यात्रा के ज़रिये समर्थकों और कार्यकर्ताओं को अपने राजनीति प्रदर्शन के लिए एकजुट कर रहीं हैं, तो वहीं प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया इन दिनों प्रदेश भर में घूम घूमकर दौरे कर चिंतन बैठकों के ज़रिये संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं। वहीं राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा समय-समय पर 'व्यक्तिगत' बैनर तले सडकों पर उतरकर अपनी ताकत का भाजपाई नेताओं सहित केन्द्र ओर राज्य सरकार को अहसास करवा रहे हैं।

प्रदेश भाजपा में वक्त-बेवक्त गुटबाज़ी खुलकर सामने आती रही है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा के बाद एक बार फिर पार्टी की अंदरूनी गुटबाज़ी चर्चाओं में है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह कई दफा अपने सम्बोधन में राज्य के सभी भाजपा नेताओं को एकजुट होने की नसीहतें दे चुके हैं। लेकिन शीर्ष नेताओं की इन नसीहतों का प्रदेश भाजपा के अलग-अलग गुटों में बंटे हुए नेताओं पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पिछले दिनों उदयपुर और अजमेर संभाग में 'देव दर्शन' की धार्मिक निकली थी, इन यात्राओं में उनके साथ भाजपा के वो तमाम वरिष्ठ नेता नज़र आ रहे हैं जो उनके 'कट्टर' समर्थक माने जाते रहे हैं। वसुंधरा समर्थित नेता केंद्रीय नेतृत्व से कई बार खुलकर उन्हें आगामी चुनाव के लिए मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने की मांग कर चुके हैं। ऐसे में वसुंधरा की इस तरह की धार्मिक यात्राएं उनके 'शक्ति प्रदर्शन ' के तौर पर देखी जाती रहीं हैं।

वसुंधरा जहां 'देव दर्शन' यात्रा के ज़रिये शक्ति प्रदर्शन कर रहीं हैं, तो वहीं प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया इन दिनों जोधपुर सम्भाग में पार्टी के 'भविष्य' को लेकर 'चिंतन' करने में व्यस्त नजर आ रहें हैं। दरअसल, डॉ पूनिया विभिन्न ज़िलों में जारी चिंतन बैठकों में शामिल होकर पार्टी को मजबूत करने की कवायद कर रहे हैं।

बाड़मेर जिले में भी भाजपाईयों से चिंतन बैठकों में संगठन की कार्यपद्धति, मजबूती और आगामी कार्ययोजना सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर नेताओं-कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे।

प्रदेश भाजपा के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी चवालीस संगठनात्मक जिलों में लगातार चिंतन बैठकें हो रही हैं। इन संगठनात्मक कार्यक्रमों में राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, सह-प्रभारी व सांसद डॉ. भारती बेन शियाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित पार्टी के प्रमुख नेता विभिन्न जिलों में पहुंचकर चिंतन बैठकों को सम्बोधित कर एकजुट की बात करते हैं लेकिन मीटिंग समाप्त होते ही सभी विधायक बनने के लिए अपने अपने झण्डे गाँड़ने लग जातें हैं ।

भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता रमेश सिह इन्दा ने बताया कि चिंतन बैठकों में पार्टी की रीति-नीति, संगठनात्मक, बूथ, मंडल और शक्ति केन्द्रों पर पार्टी की अभेद्य मजबूती, आगामी कार्ययोजना, मिशन 2023, राज्य की कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियों जिनमें सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर आगामी आंदोलन की रणनीति इत्यादि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर संवाद होता रहा है लेकिन मुख्य बात जिले के असन्तुष्ट वोटरों की केन्द्र सरकार द्वारा बाड़मेर जिले में लम्बी दूरी की रेलगाड़ियों ओर हवाई सेवाओं को शुरू नहीं करने का मुद्दा आजकल देशभर की हाइटेक प्रणाली की सुर्खियों में है ।

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