आईजी मार्गदर्शक बनकर आमजन को राहत प्रदान करावें-डीजीपी

आईजी मार्गदर्शक बनकर आमजन को राहत प्रदान करावें-डीजीपी 

 


जयपुर, 21 फरवरी। महानिदेशक पुलिस एम.एल.लाठर ने प्रदेश के सभी रेंज महानिरीक्षकों को अपनी रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहन करें व उन्हें समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निस्तारण करने के लिए प्रेरित कर आमजन को राहत प्रदान करावें। उन्होंने ग्रामरक्षक, महिला सुरक्षा, पुलिस मित्र, सीएलजी एवं जनसहभागिता के कार्यों को गंभीरता से लेकर इनकी नियमित मॉनिटरिंग कर इन्हे प्रभावी बनाने के भी निर्देश दिये।



 लाठर सोमवार को पुलिस मुख्यालय में रेंज आईजी एवं पुलिस कमिश्नर की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश में अपराधों की रोकथाम के लिए किये जा रहे कार्याें के साथ ही आपराधिक घटनाओं पर की जा रही कार्यवाही की विस्तार से समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्धारित मानदंडों के अनुरूप निरीक्षण करने के निर्देश दिए। बैठक में महानिदेशक पुलिस, इन्टेलिजेन्स उमेश मिश्रा एवं अतिरिक्त महानिदेशकगण सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। प्रारम्भ में अतिरिक्त महानिदेशक अपराध डॉ रवि प्रकाश ने अपराधों की स्थिति के संबंध में विस्तार से प्रजेन्टेशन दिया।


 *नेकनियति के साथ करें कार्य* 


महानिदेशक ने पुलिस कर्मियों को सद्गुण व संस्कारवान युक्त बनकर नेकनियति के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करने पर बल देते हुए कहा कि स्थानीय थाना, सर्किल, एसपी व आईजी स्तर पर प्रभावी कार्यवाही की जाए जिससे आमजन को अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए मुख्यालय तक आने की आवशयकता नहीं पड़े। उन्होंने सभी आईजी को उनके क्षेत्र में चिन्हित समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने केस ऑफिसर स्कीम में लिये गये मामलों में समय पर सम्मन तामील कर अपराधियों को सजा दिलाने के लिए गंभीरता से कार्य करने एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को इस मामलों की दिन प्रतिदिन समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म व अनुसूचति जाति व जनजाति से संबंधित मामलों के 45 से 50 प्रतिशत तक झूठे मामलों को देखते हुए झूठे मामले दर्ज कराने वालों  के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने चोरी के वाहनों की सघन जॉच के लिए घर-घर जाकर जॉच कराने की आवश्यकता प्रतिपादित की।


 *स्वागत कक्षों की प्रगति का जायजा लें* 


 लाठर ने कहा कि राज्य सरकार ने सामुदायिक पुलिसिंग से सम्बन्धित अभिनव योजनाएं प्रारंभ की है। उन्होंने ग्राम रक्षक, सुरक्षा सखी, पुलिस मित्र आदि सभी योजनाओं के बारे में समस्त पुलिस कर्मियों का आमुखीकरण करने के साथ ही नियमित बैठकें आयोजित कर आमजन की सक्रियता सहभागिता पर बल दिया।

उन्होंने पुलिस थानों में बनाये जा रहे स्वागत कक्षों की प्रगति का जायजा लिया एवं इनका उपयोग आगन्तुक परिवादियों को बैठकर सुविधापूर्वक तरीके से परिवाद दर्ज कराने की सुविधा प्रदान करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने आदर्श थानों में निर्धारित सभी मापदण्डों के अनुरुप कार्य निस्तारण पर बल दिया। उन्होंने भूमि संबंधी विवादों का स्थाई निराकरण कराने के प्रति भी गंभीर प्रयासों की आवश्यकता  प्रतिपादित की।


 *महिला एवं एससी- एसटी के विरुद्ध अपराधों के मामलों में संवेदनशील रवैया अपनाये* 


महानिदेशक ने महिला अपराध एवं अनुसूचित जाति व जनजाति के विरुद्ध अपराधों के मामलों में संवेदनशील रवैया अपनाकर उचित कार्यवाही करने पर बल दिया। उन्होंने महिला अपराध रोकथाम के लिए बालकों को भी कानून जानकारी देकर संस्कारवान बमाने पर बल दिया। उन्होंने दलित दूल्हों को घोड़ी से उतारने के मामलों में बून्दी में चलाए जा रहे ऑपरेशन समानता को सभी जिलों में चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने आर्म्स एक्ट के मामलों पर भी गंभीरता बरतने एवं गन हाउसेज का एसडीएम के साथ नियमित अन्तराल के साथ भौतिक सत्यापन कराने पर बल दिया। उन्होंने एनडीपीएस एक्ट मामलों पर कड़ी नजर रखकर अवैध नशे के कारोबार पर सख्ती करने के निर्देश दिये।


 *सुरक्षा सखी के रुप में 12,759 सूचीबद्ध* 


 लाठर ने बताया कि इस समय प्रदेश के 912 थानों में से 718 में स्वागत कक्ष बनाये जा चुके हैं एवं 216 आदर्श थाने क्रियाशील है। सीएलजी सदस्य के रूप में 33,132, ग्रामरक्षक 34, 245,  पुलिस मित्र 33,160 एवं सुरक्षा सखी के रुप में 12,759 सूचीबद्ध है। सीएलजी सदस्यों में से एक तिहाई को हर साल रिटायर किया जाता है। उन्होने बताया कि गत वर्ष 100/112 हैल्प लाइन पर 4 लाख 28 हजार 136 मामले दर्ज किये गये। इसी प्रकार महिला गरिमा हैल्पलाइन पर 8,535, वाट्सएप पर 3,334, ट्विटर पर 9,866 अन्य सोशल मीडिया पर 565 एवं अन्य टेलीफोन हैल्प लाइन पर 27 हजार 32 मामले दर्ज किये गये।


 *3488 कॉन्स्टेबल को अनुसंधान की जिम्मेदारी* 


महानिदेशक ने बीट कॉन्स्टेबल प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस समय गठित 25 हजार 537 बीट्स में से 21 हजार से अधिक के कॉन्स्टेबलों ने पर्सनल बीट रिकॉर्ड पूर्ण कर लिया है। अब तक 3 हजार 488 कॉन्स्टेबल को अनुसंधान के लिए  जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम को सक्रिय करने पर भी बल दिया। उन्होंने आपराधिक गतिविधियों या महिलाओं के प्रति दुराचार में लिप्त पुलिस कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये।


अतिरिक्त महानिदेशक सर्व  राजीव शर्मा, श्रीनिवास राव जंगा, सौरभ श्रीवास्तव, संजय अग्रवाल, गोविंद गुप्ता, अशोक राठौड़, अनिल पालीवाल, बीजू जॉर्ज जोसेफ, स्मिता श्रीवास्तव, बिनीता ठाकुर,वी के सिंह, हवा सिंह घुमरिया व  सेंगथिर ने भी विचार व्यक्त किए। 


बैठक में जयपुर कमिश्नर आनन्द श्रीवास्तव ने महिला अपराध रोकने, अवैध नशे, अवैध आर्म्स, हार्डकोर अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही, गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, सुगम यातायात के लिये सुगम पथ बनाने आदि पर प्रकाश डाला।    भरतपुर आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने अवैध माइनिंग, गोतस्करी, साईबर क्राइम,दुर्घटना नियंत्रण के लिये की जा रही कार्यवाही पर प्रकाश डाला। बीकानेर आईजी ओमप्रकाश ने नाकाबंदी के ऑपरेशन वज्र व नशे के विरुद्ध ऑपरेशन प्रहार व साइबर क्राइम के बारे में गठित विशेष सेल की जानकारी दी। जोधपुर आईजी नवज्योति गोगोई ने नशे व अवैध आर्म्स के विरुद्ध की जा रही कार्यवाही पर प्रकाश डाला। कोटा आईंजी रविदत्त गौड़ ने ऑपरेशन समानता एवं हार्डकोर अपराधियों के विरुद्ध किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। 


उदयपुर आईंजी हिंगलाज दान ने अनुसंधान गुणवत्ता व पर्यवेक्षण, पुलिसकर्मी वेलफेयर तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के बारे में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। अजमेर आईजी रूपिंदर सिंग ने महिला सुरक्षा एप आवाज दो, यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने, पुलिस कर्मियों की क्षमता संवर्द्धन,बजरी के अवैध खनन की रोकथाम आदि पर प्रकाश डाला। जयपुर रेंज आईजी उमेश चन्द्र दत्ता ने अपने विचार व्यक्त किए।

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