पौण्डरीक जी की हवेली का अस्तित्व खतरे में

 नगर निगम नहीं रोक पा रही अवैध निर्माण, तेजी से जारी 



कार्रवाई के नाम पर भारतीय पुरातत्व विभाग अपंग



 पौण्डरीक जी की हवेली का अस्तित्व खतरे में


जयपुर (आर. कुमार)। भारतीय पुरातत्व विभाग अवैध निर्माण को रोकने के संबंध में अपंग  साबित हो रहा है ,जयपुर मंडल के अधीन ब्रह्मपुरी स्थित पौण्डरीक जी की हवेली ऐतिहासिक स्मारक से मात्र 25 मीटर दूरी पर अवैध नवनिर्मित दो मंजिला व्यवसायिक भवन के निर्माण कार्य को रोकने में असमर्थ नजर आ रहा है। नगर निगम हवामहल जोन के डीसी दिलीप शर्मा ने समाचार प्रकाशित होने के बाद तत्काल कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं लेकिन निर्माण कार्य दिन प्रतिदिन तेजी से जारी है।

उल्लेखनीय है कि पौण्डरीक जी की हवेली से मात्र 25 मीटर दूरी पर एक दो मंजिला भवन बन रहा है जिसकी भारतीय पुरातत्व विभाग ने कार्रवाई करते हुए निर्माण कार्य को रोकने के लिए संबंधित विभाग नगर निगम, पुलिस आयुक्त तथा जयपुर जिला कलेक्टर को 8 अप्रैल को पत्र भेजा था जिस के संबंध में तीनों ही विभागों में कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं किया जा रहा है।

"विशेष गरिमा" ने उक्त मामले को उजागर किया तथा हवामहल जोन के डीसी दिलीप शर्मा से व्यक्तिगत मुलाकात करके कार्रवाई पर जोर दिया तब दिलीप शर्मा ने गुरुवार को कार्यवाही के लिए लिखा परंतु 2 दिन से किसी भी अधिकारी कर्मचारी ने साइड विजिट नहीं की ना ही निर्माण कार्य को रोकने की कार्रवाई की!

 यदि ऐसा ही होता रहा तो ऐतिहासिक इमारतें का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा । आज इस भवन पर कार्रवाई नहीं करने में केंद्र व राज्य सरकार नाकाम साबित होती है तो निश्चित मानिए आने वाले दिनों में आसपास की दुकानों पर भी इसी तरह का निर्माण होना निश्चित है। आसपास के लोगों के हौसले बुलंद होंगे और वह भी "व्यवस्था" करके अपने अपने निर्माण करवाएंगे। 

राष्ट्रीय धरोहर को बचाने मे "विशेष गरिमा "भरसर प्रयास कर रही है लेकिन जिन विभागों के अधिकारी ऐसे अवैध निर्माण को रोकने के लिए नियुक्त है वह कार्यवाही नहीं करेंने की एवज में मोटी तनख्वाहें ले रहे हैं वह किन वजह से मौन है यह उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है! 

इधर पुरातत्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि हमारे पास ऐसे अवैध निर्माण को रोकने का कोई जाप्ता नहीं है ऐसी कोई टीम नहीं है जो स्वतंत्र रूप से अवैध निर्माण को रोकने की कार्रवाई कर सके । भारतीय पुरातत्व विभाग यह कार्रवाई नगर निगम, पुलिस व जिला कलेक्टर कार्यालय के भरोसे पर ही है यह विभाग ही अवैध निर्माण को रोकने के उत्तरदाई है ।

संभवत यही वजह है कि भारतीय पुरातत्व विभाग तो पत्र देकर अपनी इतिश्री कर रहा है और नगर निगम मौन स्वीकृति देकर मलाई चाट रहा है।

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