विद्युत तकनीकी कर्मचारियों का महाअधिवेशन 6 जून को

विद्युत तकनीकी कर्मचारियों  का महाअधिवेशन 6 जून को 


जयपुर। राजस्थान विधुत तकनीकी कर्मचारी  एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने सोमवार को  बताया कि आज के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर बिजली कर्मचारियों ने उपखण्ड स्तर पर प्रदर्शन कर  01.01.2004 व उसके पश्चात नियुक्त बिजली कार्मिकों के लिये पुरानी पेंशन लागू करने सहित 10 सूत्रीय माँग पत्र  मुख्यमंत्री  के नाम उप-जिला कलेक्टर  एसडीएम को एवम् विधुत निगम प्रबन्धन के नाम सहायक अभियन्ता कार्यालय में डिस्कॉम एमडी को ज्ञापन दिया गया और ट्विटर अभियान भी चलाया गया, समाधान नहीं होने की स्थिति में  19 मई  को जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जायेगा एवं 6 जून को प्रदेश स्तर पर जयपुर में महाधिवेशन आयोजित कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया जायेगा। जिसमे पांचों विद्युत कंपनियों के सभी कर्मचारी शामिल होंगे। प्रमुख माँगे निम्नलिखित हैं - 


1. विधुत निगमों में 1 अप्रैल 2004 एवम् उसके पश्चात नियुक्त कर्मचारियों / अधिकारियों के लिये पुरानी पेंशन स्कीम (GPF पेंशन स्कीम) अविलंब लागू की जाये एवम् RSEB में वर्ष 1988 से लागू GPF पेंशन का ऑप्शन नहीं ले सके कर्मचारियों व अधिकारियों को GPF पेंशन लेने का ऑप्शन पुऩः दिया जाये ।


2. बिजली कर्मचारियो / अधिकारियों के इन्टर डिस्कॉम स्थानान्तरण नीती बनाई जाये एवम् राजस्थान राज्य के पाँचो विधुत निगमों का एकीकरण कर राजस्थान विधुत विभाग का गठन किया जाये। 19 जुलाई 2000 में तत्कालीन RSEB का विघटन कर 20 वर्षों के लिये 5 विधुत निगम बनाये गये थे। तत्कालीन RSEB का 600 करोड का घाटा कम करने व अन्य उद्देश्यों/लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये ऐसा किया गया था। राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा कईं बार करोडों रू. का अनुदान दिये जाने बाद भी विधुत निगम वर्तमान में 90 हजार करोड के घाटे में चल रहे है। साथ ही प्रशासनिक खर्चों में बेतहाशा वृद्धी हुई है। अब चूँकी RSEB का विघटन हुये 20 साल पूरे हो चुके इसलिये उक्त तथ्यों के मद्देनजर पाँचो विधुत निगमों का एककीकरण कर वापस RSEB का गठन किया जाये। केरल राज्य में अभी भी विधुत मण्डल ही है वहाँ विधुत मण्डल का विघटन नहीं हुआ जिससे वहाँ  प्रशासनिक खर्चे भी नहीं बढे हैं, जिससे केरल में बिजली उपभोक्ताओं को कम सेवाशुल्क देना पडता है और और बिजली भी सस्ती मिल रही है। पाँचो विधुत निगमों का एकीकरण कर राजस्थान विधुत विभाग का गठन किये जाने से प्रशासनिक खर्चौं में कमी होगी और उपभोक्ताओं बिजली भी सस्ती मिलेगी और बिजली कर्मचारियो अधिकारियों के इन्टर डिस्कॉम स्थानान्तरण का स्थाई समाधान भी हो सकेगा। अभी हाल ही में काँग्रेस शासित छत्तीसगढ राज्य में वहाँ की राज्य सरकार ने राज्य की विधुत कम्पनीयों के एकीकरण की घोषणा की है। यदि कृषि विधुत वितरण निगम का गठन किया जाता है तो बिजली कर्मचारियो अधिकारियों को ऑप्शन देते हुये इच्छुक कर्मचारियों / अधिकारियों के स्थानान्तरण कृषि विधुत निगम में किये जाये। वर्तमान में हरियाण व उ.प्र. राज्य में बिजली अधिकारियों व कर्मचारियों के इन्टर कम्पनी स्थानान्तरण की व्यवस्था है जिसका अध्ययन करवाकर एसी ही व्यवस्था यहाँ भी लागू करवाई जाये।


3. नये केडर में ऑप्शन ले चुके RVPNL, RVUNL, AVVNL, JdVVNL के तकनीकी कर्मचारियों TH-II, TH-I, TS व STS को क्रमशः 3, 12, 21, 30 वर्ष पर वित्तीय लाभ JVVNL के समान नियुक्ती तिथि से अविलंब दिलवाये जाये।

4. विधुत निगमों में कार्यरत समस्त संवर्ग के कर्मचारियों / अधिकारियों को अतिआवश्यक सेवाओं के विभाग और भारतीय रेलवें एवम् मेडिकल विभाग, पुलिस विभाग व पटवारियों की भँति हार्ड ड्यूटी अलॉउन्स राशि 5000 रू. दिलवाया जाये एवम् विधुत निगमों सभी कर्मचारियों / अधिकारियों को विधुत फ्री दी जाये या विधुत निगमों के सभी कर्मचारियों / अधिकारियों को बिहार राज्य की तर्ज पर 500 युनिट विधुत फ्री की जाये।

5. नये केडर का ऑप्शन ले चुके  डिप्लोमा धारक तकनीकी कर्मचारियों को भी वित्तीय वर्ष 2017-18 व 2018-19 में पुराने केडर में होने वाले प्रमोशन के 20 प्रतिशत के डिप्लोमा धारक के कोटे में शामिल किया जाये अथवा JEN-II का पद सृजित करते हुये डिप्लोमा धारक तकनीकी कर्मचारियों को पूर्व की भाँति JEN-II बनाया जाये। वर्ष 2007-08 तक के डिप्लोमाधारक तकनीकी कर्मचारियों को JEN-II बनाया गया था।

6. विधुत निगमों में अप्रैल 2019 से पूर्व अधिमानता के आधार पर नियुक्त हुये 12 वीं पास हेल्पर कर्मचारियों को कनिष्ठ लिपिक बनाया जाये।

7. वर्ष 2015 की टूल डाऊन ह़डताल के कारण प्रसारण निगम के 3 कर्मचारियों  चेतन दवे,  गोतम मेघवाल,  ब्रहमदेव कुमावत जो एसोसिएशन के पदाधिकारी हैं को पदानवत (डिमोशन) किये जाने के आदेशों को कर्मचारी हित में निरस्त करावें एवम् वर्ष 2015 की टूल डाऊन ह़डताल के कारण RVUNL, RVPNL, JVVNL, AVVNL, JDVVNL के विधुत निगम प्रशासन द्वारा कर्मचारियों के विरूद्ध रेशमा एक्ट के तहत दर्ज कराई गई सभी एफ.आई.आर. को वापस लेने की कार्यवाही कर कर्मचारियों को राहत प्रदान कराई जाये एवं तकनीकी कर्मचारियों के विरूद्ध की गई विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाहियों यथा चार्जशीट एवं ट्राँसफर आदि को निरस्त कराकर पूर्ववत स्थिती बहाल कराई जाये। साथ ही टूलडाऊन हडताल के दौरान कर्मचारियों के विरूद्ध जारी किये गये समस्त दण्डादेशों को कर्मचारी हित में निरस्त करावें।

8. वरिष्ठ अभियांत्रिकी पर्यवेक्षक का पद सृजित करते हुये पूर्व की भाँति वरिष्ठ अभियांत्रिकी पर्यवेक्षक व वरिष्ठ तकनीकी पर्यवेक्षक को ग्रेड पे 5400 (L-13) दी जाये। साथ ही PHED की तर्ज पर सुपरवाईजर पद पर प्रमोटेड हो चुके तकनीकी कर्मचारियों को AEN के 10 प्रतिशत पदो पर प्रमोशन देने के नियम बनाये जाये। 

9. हेल्पर द्वितीय को नियुक्ती तिथि से ग्रेड पे 2000 (L-4) एवम् तीसरी अनिवार्य वेतन वृद्धी (ऐसीपी) 3600 ग्रेड पे (L-10) दी जाये।

10. TH-III / TH-II / TH-I का पद नाम जुनियर टेक्नीशियन, टेक्नीशियन व सीनीयर टेक्नीशियन किया जाये।

         

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