मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे प्रदेश भर के आदिवासी

 बस्ती जलाने वाले पूर्व  विधायक के परिजनों को तुरंत गिरफ्तार करें- रतन नाथ कालबेलीया 


 मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे प्रदेश भर के आदिवासी 
                            जले हुए नोट व जेवरात 

जयपुर। राजधानी के मानसरोवर मेट्रो स्टेशन स्थित रावण बस्ती में रह रहे परिवारों को बेदखल करने की नियत से उनकी बस्ती में कुछ भू माफियाओं द्वारा आग लगा दी गयी ।जिसकी रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है ना ही प्रशासन के अधिकारियों ने यहां इन गरीबों की सुध ली है।


इस मामले में घुमंतु ,अर्ध घुमंतु एवं विमुक्त जाति परिषद ने आंदोलन करने की घोषणा करते हुए सरकार के सामने कुछ मांगों को रखा है।


घुमंतू अर्ध घुमंतु एवं विमुक्त जाति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रतन नाथ कालबेलिया ,बस्ती के प्रमुख स्वामी जगदीश महाराज     तथा स्वामी मांगू महाराज ने संयुक्त बयान जारी कर प्रशासन के उदासीन रवैया पर आश्चर्य जताते हुए सरकार से सब कुछ तबाह कर चुके इन परिवारों को तुरंत राहत पैकेज जारी कर, उच्च अधिकारी के नेतृत्व में आंकलन समिति का गठन कर नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिलाने,बिना छत के रह रहे इन परिवारों को इनके मकानों को पुरानी अवस्था में तुरंत निर्मित करने, रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाने के लिए राहत सामग्री प्रदान करने, नामजद रिपोर्ट में तुरंत कार्रवाई करते हुए आग लगाने के आरोपियों को गिरफ्तार करने, एवं बस्ती में रहने वाले गरीब लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवाने, आदि मांगों को लेकर सोमवार 6 जून को अपने जले हुए सामान को लेकर मुख्यमंत्री आवास तक मार्च करने की घोषणा की है।


 इस बाबत राज्य भर से आदिवासी समाज सेवक तथा कार्यकर्ता जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करेंगे।


घुमंतू जाति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रतन नाथ कालबेलिया ने प्रेस वार्ता में बताया कि यहां रहने वाले लोगों को कांग्रेस के पूर्व विधायक शिवराम शर्मा ने बसाया था । लेकिन उनकी वर्तमान पीढ़ी घनश्याम शर्मा तथा अन्य लोग इन गरीब लोगों को बेदखल करना चाहते हैं और इस नियत से विगत 1 जून को यहां केमिकल छिड़ककर आग लगा दिया गया जिससे इनके कपड़े जो कुछ पैसा एवं अन्य सामान बचा था वह सब जलकर खाक हो गया अब खाना बनाने के लिए चुल्हा तक नहीं है ।


भरी गर्मी में धूप के नीचे बिना छत के छोटे-छोटे बच्चों एवं बूढ़े मां बाप के साथ  रह रहे इन गरीब लोगों की मदद करने के लिए सरकार का कोई भी व्यक्ति नहीं आया है, अब राज्य भर के आदिवासी एवं घुमंतू जाति के लोग इन लोगों के साथ खड़े हो चुके है तथा मांगे नहीं माने जाने तक हजारों घुमंतू एवं आदिवासी लोगों के नेतृत्व में आंदोलन किया जाएगा।

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