नियम विरूद्ध चल रहे कोचिंग संस्थानों पर होगी कार्यवाही

 जयपुर स्थित कोचिंग संस्थानों का होगा सर्वे

अनियमित एवं नियम विरूद्ध चल रहे कोचिंग संस्थानों पर होगी कार्यवाही




नगरीय विकास मंत्री ने दी आवासन आयुक्त के प्रस्ताव को मंजूरी


प्रमुख सचिव यूडीएच, जेडीए आयुक्त व स्वायत्त शासन सचिव को दिए निर्देश

जयपुर, 27 अगस्त। जयपुर शहर में अनियमित एवं नियम विरूद्ध संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों के खिलाफ जल्द ही कार्यवाही होगी। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री  शान्ति धारीवाल ने इस संबंध में आवासन आयुक्त  पवन अरोड़ा के प्रस्ताव कोे मंजूरी देते हुए प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास, जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त तथा स्थानीय स्वायत्त शासन विभाग के सचिव को अनियमित रूप से चल रहे कोचिंग संस्थानों का अविलम्ब सर्वे करने निर्देश दिए हैं। जेडीए एवं दोनों नगर निगम आगामी 7 से 10 दिन के भीतर सर्वे कर रिहायशी क्षेत्रों में आमजन के लिए परेशानी का सबब बन रहे ऎसे संस्थानों को नोटिस देने की कार्यवाही करेंगे।

दिन-प्रतिदिन गंभीर होती पार्किंग एवं ट्रेफिक की समस्या

आवासन आयुक्त ने नगरीय विकास मंत्री को अवगत कराया था कि जयपुर के गोपालपुरा बाईपास, लालकोठी, बापूनगर, सीकर रोड, विद्याधर नगर सहित अन्य क्षेत्रों में कोचिंग सेन्टरों के अनियमित संचालन के कारण स्थानीय नागरिकों को पार्किंग एवं ट्रेफिक की समस्या का सामना करना पड़ता है। समय-समय पर जागरूक आम नागरिकों, प्रबुद्धजनों, कॉलोनियों की विकास समितियों तथा मीडिया द्वारा भी दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही इस समस्या की ओर लगातार जनहित में ध्यान आकर्षित किया जाता रहा है।

 रिहायशी क्षेत्र में नियम विरूद्ध कोचिंग के दो प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन

आवासन आयुक्त ने बताया कि जयपुर शहर के रिहायशी एवं भीड़-भाड़ भरे व्यावसायिक क्षेत्रों में कोचिंग संस्थानों एवं कोचिंग गतिविधियों के नियम विरूद्ध संचालन से संबंधित दो वाद ‘डीबी सिविल रिट पिटिशन संख्या 1481/2018, कुणाल रावत विरूद्ध स्टेट ऑफ राजस्थान एवं अन्य, कनेक्टेड विद डीबी सिविल रिट पिटिशन संख्या 14228/2019, जवाब दो सरकार विरूद्ध स्टेट ऑफ राजस्थान‘ माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान में विचाराधीन हैं।

कोचिंग हब प्रोजेक्ट से होगा समस्या का निदान

 अरोड़ा ने बताया कि जयपुर के रिहायशी क्षेत्रों में कोचिंग से जुड़ी गतिविधियों के कारण पनप रही इस गंभीर समस्या के स्थाई निराकरण के लिए आवासन मंडल द्वारा जयपुर के प्रतापनगर में 200 फीट चौड़े हल्दीघाटी मार्ग पर देश का पहला अत्याधुनिक सुविधा युक्त कोचिंग हब प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 22 अगस्त 2020 को इसका शिलान्यास किया था। कोचिंग हब के प्रथम चरण में 5 ब्लॉक में निर्मित 140 सांस्थानिक सम्पत्तियों (कोचिंग परिसरों) के आवंटन की प्रक्रिया फिलहाल जारी है। जिसके लिए अब तक कुल 33 कोचिंग संस्थानों ने आवेदन किया है। मंडल ने कोचिंग परिसरों के आवंटन में जयपुर शहर में संचालित कोचिंग इंस्टीट्यूट को प्राथमिकता देना निर्धारित किया है। इसके पीछे मंशा यही है कि रिहायशी क्षेत्रों में यातायात एवं पार्किंग की समस्या का स्थाई समाधान हो सके। द्वितीय चरण में 3 ब्लॉक के निर्माण से 100 कोचिंग परिसर और उपलब्ध हो जाएंगे। 

आवासन आयुक्त ने बताया कि कई कोचिंग संस्थान कोचिंग हब में इसलिए आवेदन नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें यह लग रहा है कि जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा गोपालपुरा बाईपास की पुनर्नियोजन योजना लागू की जा रही है। जिसमें गोपालपुरा बाईपास स्थित सभी भूखंडों को वाणिज्यिक भूखंडों के रूप में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इससे गोपालपुरा बाईपास पर संचालित कोचिंग संस्थान भी नियमित हो जाएंगे। इसके विपरीत वस्तुस्थिति यह है कि यदि जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा गोपालपुरा बाईपास स्थित भूखंडों को कॉमर्शियल कन्वर्ट कर भी दिया जाता है, तो भी यहां संचालित कोचिंग संस्थान नियमित नहीं हो सकते हैं, क्योंकि न तो उनके पास आवश्यक पर्याप्त पार्किंग सुविधा की उपलब्धता होगी और ना उनके द्वारा बिल्डिंग बायलॉज की पालना की जाएगी और ना ही फायर सेफ्टी का समुचित प्रावधान होगा। ऎसी स्थिति में केवल भूखंड कॉमर्शियल हो जाने से वहां संचालित कोचिंग संस्थान नियमित नहीं हो पाएंगे।

 अरोड़ा ने बताया कि जयपुर के कोचिंग संस्थानों को आवंटन में वरीयता देना निर्धारित किया गया है। यदि जनहित में भी वे आगे नहीं आते हैं तो मंडल प्रोजेक्ट में रूचि दर्शा रहे जयपुर से बाहर के अन्य कोचिंग संस्थानों को इन सांस्थानिक संपत्तियों का आवंटन करेगा। वहीं न्यायिक प्रकरणों में उनके हितों के प्रतिकूल निर्णय होता है और अवैध संचालन के कारण नियामक संस्थाओं द्वारा कार्रवाई की जाती है तो सांस्थानिक परिसर आवंटित कराने का अवसर इन कोचिंग संस्थाओं के हाथ से निकल जाएगा।

आधुनिक यूनिवर्सिटी कैम्पस जैसी हैं सुविधाएं

आवासन आयुक्त ने बताया कि आवासन मंडल ने एक आधुनिक यूनिवर्सिटी कैम्पस की तर्ज पर कोचिंग हब को डिजाइन किया है। इसमें 60 से 70 हजार विद्यार्थियों के लिए सभी आवश्यक विश्व स्तरीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इनमें संस्थाओं के लिए एडमिन ब्लॉक, 300 जनों की क्षमता वाला लेक्चर थिएटर, 500 बच्चों के बैठने की क्षमता वाली दो मंजिला लाइब्रेरी जिसमें डिजिटल लाइब्रेरी भी होगी। करीब 950 चौपहिया वाहनों एवं 1200 दुपहिया वाहनों की विशाल पार्किंग सुविधा, सिक्योरिटी एवं सर्विलांस उपकरण, 510 सीसीटीवी कैमरे, पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम, जिम एवं ओपन जिम, जॉगिंग एवं वॉकिंग ट्रेक, वैलनेस सेंटर, सघन प्लांटेशन, चार फूडकोर्ट, 90 शोरूम का शानदार शोपिंग ऑर्केड, मोटिवेशनल स्कल्पचर्स, खूबसूरत लैंड स्केपिंग, कोचिंग हब से मात्र 300 मीटर दूरी पर कोचिंग स्टूडेंट्स एवं शिक्षकों की आवासीय सुविधा के लिए स्टूडियो अपार्टमेंट, कोचिंग हब परिसर में गेस्ट हाउस एवं पीजी की सुविधा के लिए 6 भूखंड, बड़ी वीडियो वॉल स्क्रीन के साथ एंफीथिएटर जैसी तमाम हाईटेक सुविधाएं आवासन मंडल द्वारा उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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