जेजेएम में धीमी रफ्तार पर एसीएस ने जताई नाराजगी

 जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग

     जेजेएम में धीमी रफ्तार पर एसीएस ने जताई नाराजगी


अपनी वर्किंग स्टाइल बदलें और कार्यों की गति बढ़ाएं पीएचईडी अभियंता
-डॉ. अग्रवाल

जयपुर, 23 अगस्त। अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जल जीवन मिशन में राजस्थान की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पीएचईडी के अभियंता अपनी वर्किंग स्टाइल बदलें और कार्यों की गति बढाएं। बजट घोषणाओं से जुड़े कार्यों में बरती जा रही लापरवाही पर भी उन्होंने संबंधित अभियंताओं से कहा कि कार्यों को समय पर पूरा करने को गंभीरता से लें। उन्होंने कहा कि अभियंता खुद पहल कर कार्य तत्परता से करें और योजनाओं को धरातल पर लाते हुए बेहतर परिणाम दें। उन्होंने जल जीवन मिशन में राजस्थान की परफोर्मेंस बढ़ाने के निर्देश दिए और कहा कि मुख्य अभियंता अपनी मॉनिटरिंग सख्त करें एवं कार्यों को लंबित रखने की प्रवृत्ति को बदलें। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का समय पर फॉलोअप करने के निर्देश दिए।  
डॉ. अग्रवाल मंगलवार को यहां जल भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से फील्ड अभियंताओं एवं मुख्यालय के अधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति, पेयजल प्रबंधन, सीएमआईएस पोर्टल पर प्राप्त आमजन की शिकायतों, वीआईपी पत्रों तथा विधानसभा से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर पर प्रतिमाह होने वाली समीक्षा बैठक से पहले सभी मुख्य अभियंताओं को फील्ड के अधिकारियों के साथ वीसी करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यों की गति बढ़ाते हुए प्रतिदिन दिए जाने वाले जल कनेक्शनों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही, दिसम्बर के अंत तक सभी कार्यादेश जारी करने के निर्देश दिए।    
डॉ. अग्रवाल ने राजस्थान संपर्क पोर्टल पर आने वाली शिकायतों की पेडेंसी भी एक माह से अधिक होने को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि हर माह होने वाली समीक्षा बैठक में कार्यों की गति बढ़ाने एवं लंबित प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन कार्यों की गति अपेक्षित ढंग से बढ़ नहीं रही है।  
लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ होगा एक्शन
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि लंबित प्रकरणों को निष्पादित करने में जो अधिकारी लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने 30 दिन से अधिक समय तक लंबित प्रकरणों के मामले में नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए। डॉ. अग्रवाल ने अधिकारियों की फील्ड विजिट, निरीक्षण एवं रात्रि विश्राम की जानकारी राजस्थान संपर्क पोर्टल पर अपलोड करने, फील्ड विजिट की रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने एवं लंबित अदालती मामलों के निस्तारण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने समर कंटीजेंसी के तहत गर्मी के मौसम में जल परिवहन का भुगतान समय पर करने के भी निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन (डब्लूएसएसओ) से जुड़ी सहयोगी संस्थाओं के कार्यों की भी लगातार मॉनिटरिंग करने एवं कार्य नहीं करने वाली संस्थाओं को नोटिस देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला कार्य योजनाएं (डीएपी) समय पर प्रस्तुत की जाएं और जो संस्थाएं सही ढंग से कार्य नहीं कर रही हैं उनके बारे में संबंधित जिलों के कलेक्टर्स को भी पत्र लिखा जाए। उन्होंने काम अधूरा छोड़कर जाने वाली फर्मों को ब्लैक लिस्ट करने के भी निर्देश दिए।  
बैठक में संयुक्त सचिव  रामप्रकाश, उप सचिव  गोपाल सिंह, मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन)  आर. के. मीना,  मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना)  दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (शहरी)  मनीष बेनीवाल, मुख्य अभियंता (प्रशासन)  राकेश लुहाडिया, मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण)  के डी गुप्ता, मुख्य अभियंता-जोधपुर  नीरज माथुर सहित सभी संभागीय कार्यालयों से अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं जिला मुख्यालयों से अधीक्षण अभियंता व अधिशाषी अभियंता जुड़े।

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