बर्ड फ्रीडम कैंपेन की नवीं वर्षगांठ का आयोजन
बर्ड फ्रीडम कैंपेन की नवीं वर्षगांठ का आयोजन
10 लाख से ज्यादा लोग इस मुहिम में शामिल
जयपुर। सन शाइन अपार्टमेंट, मुहाना मण्डी रोड पर तीन दिवसीय बर्ड फ्रीडम कैम्पेन का आयोजन किया गया है। जिसमें चित्रकला प्रतियोगिता, कवि सम्मेलन एवं चित्रकला प्रदर्शनी जेसे कार्यक्रमो का समावेश है। बर्ड फ्रीडम कैंपेन के फ़ाउंडर विपिन कुमार जैन और को फ़ाउंडर रुचिका जैन ने मीडिया को संबोधित करते हुए इस सम्पूर्ण कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी ।
विपिन कुमार जैन ने बताया कि इस वर्ष 40 से अधिक स्कूली बच्चों ने एक बहुत बड़ी चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया है जो तीन दिन से अनवरत चल रही है। इसको देखने के लिये लोगों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।
जैन ने कहा नौवीं वर्षगांठ के अवसर पर एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया ,कवि सम्मेलन में अनेक कवियों ने शिरकत की जिसमें सोसाइटी और स्कूली बच्चों समेत कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया साथ ही तीन दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बर्ड फ्रीडम कैंपेन को आगे बढ़ाने की भी शपथ ली ।
जैन ने बताया कि 11 सितंबर को सुबह 7 बजे से नौवाँ बर्ड फ़्रीडम कैंपेन मनाया जाएगा । उन्होंने कहा कि सितंबर के दूसरे रविवार को मूक परिंदों की पिंजरों से आज़ादी हेतु मनाये जाने वाले 'बर्ड फ्रीडम डे' आम जनता से इस मुहिम में जुडने की अपील करता है ।
जैन ने बताया कि - इस अभियान के तहत जयपुरवासी "मैं कभी किसी पक्षी को कैद नही रखूंगा" की शपथ लेते हैं। जैन के अनुसार अब तक इस अभियान से लगभग 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़ चुके है एवम पक्षियों को कैद में नही रखने की शपथ ले चुके है। बर्ड फ्रीडम डे के संस्थापक विपिन कुमार जैन ने अभियान के बारे में विस्तार से बताया। संस्था के अन्य सदस्य उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ललित शर्मा और हाईकोर्ट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ऋतुराज शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
बर्ड फ्रीडम डे के संस्थापक विपिन कुमार जैन एवम सह संस्थापक रुचिका जैन ने मीडिया को बताया कि मूक परिंदों की आवाज़ को जन मानस तक पहुंचाने हेतु उन्होंने ये अभियान वर्ष 2014 में शुरू किया। उनका लक्ष्य इस अभियान से स्कूलों एवम सामाजिक संस्थाओं को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ना और पक्षियों को कैद में नही रखने की शपथ दिलाना है। पक्षियों के लिए चलाई जाने वाली इस मुहीम में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं भी शामिल हैं और अपनीसहभागिता मूक परिंदों की आज़ादी की आवाज़ में शामिल करती हैं।
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