राजस्थान पुलिस बहुत शानदार काम कर रही है- अशोक गहलोत

 मुख्यमंत्री के मुख्य आतिथ्य में दीक्षांत परेड समारोह


राजस्थान पुलिस बहुत शानदार काम कर रही है- अशोक गहलोत 

जयपुर, 2 सितंबर। मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार अशोक गहलोत के मुख्य आतिथ्य में राजस्थान पुलिस अकादमी स्थित परेड ग्राउंड में शुक्रवार को प्रातः पुलिस उपनिरीक्षक व प्लाटून कमाण्डर संयुक्त बैच 2021 का दीक्षांत परेड समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्रेष्ठ प्रशिक्षुओं को पारितोषिक वितरण एवं पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को पुलिस पदक देकर सम्मानित भी किया गया।

      


मुख्यमंत्री गहलोत परेड का निरीक्षण किया। परेड द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का अभिवादन किया गया व प्रशिक्षणार्थियों द्वारा शपथ ग्रहण एवं शस्त्र शपथ ली गई।

मुख्यमंत्री  गहलोत ने इस अवसर पर श्रेष्ठ प्रशिक्षणार्थियों को पारितोषिक प्रदान कर पुरस्कृत किया। साथ ही गत वर्ष केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर उत्कृष्ट एवं सराहनीय सेवाओं के लिए घोषित किए गए पुलिस पदक प्राप्त कर्ताओं की सूची में शामिल राजस्थान पुलिस के पुलिस अधिकारियों को पुलिस पदक प्रदान कर सम्मानित किया।

महानिदेशक पुलिस  एम एल लाठर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि उपनिरीक्षक व प्लाटून कमाण्डर संयुक्त बैच 2021में कुल 454 प्रशिक्षणार्थियो ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने पुलिस फ़ोर्स को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। साथ ही  बहुत अच्छी परेड के लिये अकादमी व प्रशिक्षणार्थियों की सराहना की। 


मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण में श्रेष्ठ रहे परेड कमांडर व आलराउंड बेस्ट  व इंडोर बेस्ट रमेश कुमार, ड्रिल में धर्मेंद्र सिंह बघेला, आउट डोर बेस्ट निशानेबाजी में कमल किशोर,  आरएसी के ड्रिल में विवेक सिंह राठौड़ आउटडोर बेस्ट विकास, निशांने बाजी में किशन चंद, इंडोर बेस्ट श्रीमती मुकेश, आलराउंड बेस्ट डूंगराराम,आईबी के ड्रिल बेस्ट मंजू आऊटडोर बेस्ट राजेश, निशानेबाजी में संदीप धारीवाल, आलराउंड बेस्ट व इंडोर बेस्ट अशोक कुमार को ट्रॉफी प्रदान की। 


*2 पुलिस अधिकारी राष्ट्रपति पुलिस पदक व 19 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी पुलिस पदक से सम्मानित* 

उत्कृष्ट एवं सराहनीय सेवाएं प्रदान करने के लिये केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा स्वाधीनता दिवस 2021 की पूर्व संध्या पर घोषित प्रदेश के 21 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को मुख्यमंत्री   अशोक गहलोत ने दो पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक एवं 19 अधिकारियों व कर्मचारियों को पुलिस पदक प्रदान किया।

    * राष्ट्रपति पुलिस*

राष्ट्रपति पुलिस पदक से अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एटीएस एवं एसओजी अशोक राठौड़ एवं अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सतर्कता राजस्थान  बीजू जार्ज जोसेफ को सम्मानित किया गया।


*पुलिस पदक*

पुलिस पदक से पुलिस अधीक्षक दूरसंचार एवं तकनीकी हेमराज मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंटेलिजेंस ट्रेनिंग अकादमी एसएसबी जयपुर  सुरेंद्र सिंह शेखावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दूरसंचार पुलिस आयुक्तालय जयपुर  मदनलाल, पुलिस निरीक्षक दूरसंचार सेल राज्य विशेष शाखा जयपुर  महेंद्र कुमार शर्मा, पुलिस निरीक्षक एसीबी जयपुर भंवर सिंह, पुलिस निरीक्षक सीआईडी इंटेलिजेंस जोधपुर मुमताज खान, कंपनी कमांडर चतुर्थ बटालियन आरएसी जयपुर  दीपक जोशी, पुलिस निरीक्षक मुख्यमंत्री सुरक्षा राजस्थान श्रीमती पवित्रा यादव, प्लाटून कमांडर 13वीं बटालियन आरएसी जेल सुरक्षा जयपुर  भगत सिंह, उप निरीक्षक सीआईडी एसएसबी जयपुर  हरि नारायण कुमावत, सहायक उपनिरीक्षक सीआईडी एसएसबी जयपुर  संतोषी लाल, हेड कांस्टेबल 34 आठवीं बटालियन आरएसी आईआर दिल्ली  सुभाष चंद्र, हेड कांस्टेबल 523 क्राइम ब्रांच जालोर  तुलसाराम, कॉन्स्टेबल 520 सीआईडी सीबी जयपुर  सीताराम सांवरिया, कॉन्स्टेबल 956 चतुर्थ बटालियन आरएसी जयपुर  रामलाल मेघवाल, कॉन्स्टेबल 625 एमबीसी खेरवाड़ा गुलाब सिंह एवं कॉन्स्टेबल 235 द्वितीय बटालियन आरएसी कोटा  मोतीलाल को सम्मानित किया गया।


*अतिविशिष्ट सेवा पदक* 

भारत सरकार के गृह मंत्रालय का अतिविशिष्ट सेवा पदक प्राप्त कर्ता महानिदेशक

श्रीमती नीना सिंह , भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारीगण  मनीष त्रिपाठी, राजकुमार चौधरी,सुरेंद्र सिंह,  संजीव नेन, नरेंद्र सिंह व योगेश गोयल को प्रदान किया गया। 

       इस अवसर पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, केंद्र सरकार के सचिव रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह  अभय कुमार, डीजीपी इंटेलिजेंस  उमेश मिश्रा,  सेवानिवृत्त महानिदेशक  बी एस बेन्स, ओ पी गल्होत्रा, भी मौजूद थे। 


इस अवसर पर मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बहुत ही शानदार परेड थी ट्रेनिंग के बहुत ही शानदार प्रदर्शन की, आपने देखा होगा कि परेड का जो अनुशासन था, स्मार्टनेस थी वो शो करती है कि किस प्रकार की अच्छी ट्रेनिंग दी गई उनको और जो भी भाव व्यक्त कि गए, डीजी साहब ने, मैंने कुछ कहा, वो ही भाव जो सबके हैं, आने वाले वक्त में जब ये ट्रेनी सम्मिलित होंगे अपनी-अपनी विंग में तो मैं समझता हूं कि पूरे उत्साह के साथ में, पूरी लगन के साथ में प्रतिबद्ध होकर काम कर पाएंगे, उनके लिए आज तक बहुत ही जिंदगी का अहम दिन होता है जब उनकी पासिंग आउट परेड होती है तब, मुझे खुशी है कि आज हम लोगों ने भाग लिया उसके अंदर और राजस्थान पुलिस बहुत शानदार काम कर रही है। राजस्थान में जो क्राइम है वो अन्य राज्यों के मुकाबले देखें तो बहुत कम है क्योंकि हमने यहां पर क्या है कि ये बात समझ नहीं पा रहे हैं कई नेता लोग हमारे राजनीति के अंदर कि पहले भगा देते थे थानों से लोगों को, एफआईआर लॉज नहीं होती थी, कई लोग तो जाते ही नहीं थे थाने के अंदर कि जाएं तो बेइज्जती होगी, उस माहौल को हमने ठीक किया है। अब थानों में स्वागत कक्ष बने हैं, स्वागत कक्ष बने हैं, तो स्वागत कक्ष बनना ही अपने आपमें मैसेज है, अब अगर मान लो कि कोई भी इक्के-दुक्के जगह ऐसे होते भी हैं जो कि अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं और जब स्वागत कक्ष बन गया, तो मॉरल ड्यूटी उसकी भी हो गई कि भई स्वागत कक्ष बन गए हैं तो लोग क्या सोचेंगे, हमारी शिकायत हो जाएगी, ये वेलकम का जो बनाया है ऑफिस और यहां वेलकम क्या होता है, यहां तो बड़ी बदतमीजी होती है, तो आधा फर्क उससे पड़ जाता है। माहौल बदल रहा है थानों के अंदर भी, कंपल्सरी एफआईआर करना बहुत क्रांतिकारी निर्णय है, अब एक बार तो उसको एफआईआर लॉज करवानी ही पड़ती है, तो उसके अकॉर्डिंग टू उसको एक्ट करना पड़ता है, उसके बाद में उसकी चाहे एडिशनल एसपी हैं, एसपी हैं, वो पूरा ट्रैकिंग कर सकते हैं, ये क्रांतिकारी कदम देश के हर राज्यों में होने चाहिए कि आप किसी की मना नहीं कर सकते हो, एफआईआर की स्टेज पर आप मना नहीं कर सकते हो, हमने जो सरकार बनते ही फैसला किया, तभी मैंने कह दिया था कि इससे नंबर बढ़ेंगे, परंतु हर आदमी को जिंदगी में लगेगा कि मैंने कम से कम अपनी बात थाने में जाकर लिखा दी है, पहले वो लिखा नहीं पाता था तो जिंदगीभर उसको अफसोस होता था कि मेरे साथ अन्याय हुआ, मेरे बच्चों के साथ, बच्ची के साथ अन्याय हुआ और ऐसी स्थिति है देश के अंदर कि मैं अपनी बात भी पुलिस को जाकर नहीं कह सकता, इस बात को, इस मर्म को समझना पड़ेगा पब्लिक को भी क्योंकि ये हमारे विपक्षी की पार्टी वाले लोग हैं, ये ऐसी अफवाहें चलाते हैं कि बस रेप हो रहे हैं, क्राइम बढ़ गया है, इनको पूछो, आप एक पैरा पढ़ लीजिए एनसीआरबी का, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की जो किताब निकलती है भारत सरकार की उसके पहले पेज में जो पैरा पढ़ ले कोई उसके बाद में उसकी बोलती बंद हो जाएगी। अगर उसमें ईमानदारी है, तो ईमानदारी से बात करेगा क्योंकि पहले पैरा में ही लिखा हुआ है कि हर स्टेट की अलग-अलग स्थितियां होती हैं, हर स्टेट की अलग-अलग अप्रोच होती है, तो क्राइम की जो संख्या है उसको आप जो है मानकर नहीं चल सकते कि ये जो क्राइम की संख्या के आधार पर आप फैसला करो, ये लिखा हुआ है उसके अंदर। इतना अच्छा ड्राफ्टिंग वाला पैरा है एनसीआरबी की बुक जो कि बहुत ही मानी हुई बुक होती है, अगर वो अपने पहले पेज पर लिख रही है, सोचकर लिख रही होगी, आंकड़े जो जाते हैं राज्यों से वो तो आंकड़े देते ही हैं, तो मैं ये कहना चाहूंगा राजस्थान के तमाम प्रदेशवासियों को भी कि क्राइम तो देखिए सब जगह हिंदुस्तानभर में हर जगह होते हैं और एक्सीडेंट भी होते हैं, अभी-अभी मैं बैठा था, एक्सीडेंट की खबर आ गई है 6 लोग मर गए वहां गुजरात में एकसाथ में एक्सीडेंट में, पर राजस्थान की पुलिस, राजस्थान का प्रशासन हर चीज को मॉनिटरिंग करता है, मैं मेरे लेवल पर खुद मीटिंग करता हूं कि एक्सीडेंट कम कैसे हों, क्राइम कम कैसे हो, जितने भी जो ये हिस्ट्रीशीटर हैं, या एनडीपीएस एक्ट के जो इन्वॉल्वमेंट रखते हैं वो लोग हैं भू माफिया हैं, हम लोग सबको बंद कर रहे हैं, अभी मैंने आंकड़े बताए आपको कि कितने लोगों को बंद किया गया है एक-डेढ़ साल के अंदर तो क्राइम कंट्रोल है यहां पर, पर फिर भी रेप की घटना कौन करता है, कोई बाहर विदेशी आता है क्या? अधिकांश घटनाएं करते हैं उस लड़की के खुद के रिलेटिव करते हैं, जान-पहचान वाले करते हैं परिवार के परिवार के मिलने वाले होते हैं, रिश्तेदार होते हैं वो ही करते हैं अधिकांश जगह। नंबर 3, आधा 56 पर्सेंट जो क्राइम है महिलाओं के ऊपर, वो तो झूठे आंकड़े आते हैं, झूठे मुकदमे दर्ज हुए हैं और हमने उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है और मैं कहना चाहूंगा, डीजी साहब खड़े ही हैं मेरे पास में, ऐसे लोग जो झूठे मुकदमे दर्ज करते हैं उनको छोड़ना नहीं चाहिए, संगीन उनके ऊपर मुकदमा दर्ज हो, लॉजिकल कन्क्लूजन जाना चाहिए, जिससे कि और लोग जो हैं वो हिम्मत नहीं करें बदनाम करने की पुलिस को, राजस्थान सरकार को और राजस्थान प्रदेश को भी, अगर किसी प्रदेश के अंदर ऐसी खबरें आती हैं कि क्राइम बढ़ गया है, रेप हो रहे हैं, ये हो रहा है, तो उससे पूरे प्रदेश की इमेज खराब होती है देश के अंदर, हां वास्तव में अगर सच्चाई है तो आप उसको आप बोलो, आलोचना करो, हम तो खुश होते हैं, आलोचना से हमें फीडबैक मिलता है, हम उसको इम्प्रूव करने की कोशिश करते हैं। मेरी थ्योरी ये है, मेरी जिंदगी की भी, मेरी व्यक्तिगत भी और मेरी सरकार की भी कि अगर कोई आलोचना करता है तो उसका बुरा कभी मत मानो, हां बुरा तब लगता है जब आप बिना तथ्यों के अफवाहें चला रहे हो पुलिस के बारे में, वो बुरा लगता है। अगर तथ्य है, सच्चाई है, लाओगे, आलोचना करोगे, हम वेलकम करेंगे, हम सुधार कर लेंगे, तो हम तो इस रूप में चलने वाले लोग हैं, पर जिस प्रकार से ये बीजेपी के लोग हमारे जो नेता लोग हैं, इनको लगा कि शानदार बजट पेश हो रहे हैं, शानदार स्कीमें आ रही हैं राजस्थान के अंदर, हिंदुस्तान में कहीं ऐसी स्कीमें नहीं हैं वो हमारे यहां पर स्कीमें हैं और उससे घबरा गए हैं ये लोग, अब घबराकर जिस प्रकार के कैंपेन चला रहे हैं पूरे प्रदेश के अंदर, कैंपेन चला रहे हैं और कैसे भड़का रहे हैं लोगों को, देखिए जालौर की घटना देखिए आप, अलवर की घटना देखिए, लड़की का रेप हुआ ही नहीं बेचारी का और उसके घरवालों पर क्या बीतती है? वो लड़की विमंदित थी, घरवालों पर क्या बीती होगी, रेप हो गया, रेप हो गया, रेप हो गया, बाद में मालूम पड़ा कि एक्सीडेंट हुआ, तो ये इस प्रकार की बाद में सीबीआई को केस दे दिया हमने, सीबीआई ने क्या कर लिया? कहने का मतलब ये है कि विपक्ष को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए सच्चाई के आधार पर, निभाएं, हम खुद चाहेंगे कि विपक्ष धरना दे, प्रदर्शन करे, कुछ भी करे, विपक्ष अपनी भूमिका निभाए, हम अपनी भूमिका निभाएंगे, हम उनकी तरह अहम-घमंड में नहीं चल रहे हैं जो आज धज्जियां उड़ रही हैं संविधान की उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे में मान रहे हैं हम तो, राज कौन कर रहा है? ईडी कर रही है, इनकम टैक्स कर रही है, सीबीआई कर रही है, घरों में घुस जाती है लोगों के चुनाव आते ही, ये लोकतंत्र है क्या? हालात तो वहां खराब कर रखे हैं, इनको चाहिए राजस्थान के नेताओं को कि जाएं दिल्ली के अंदर, डेलिगेशन लेकर जाएं और समझाएं कि जनता में कितनी क्रेडिबिलिटी कम हो रही है इन एजेंसियों की भी और भारत सरकार की भी।


सवाल- दुष्कर्म में पहले नंबर पर आया है, तो क्या निर्बाध पंजीकरण और यहां की पारिस्थितिक जो चीजें हैं वही उसकी वजह हैं या और भी कुछ कारण हैं?

जवाब- मैंने कह दिया न आपको, झूठे मुकदमे हैं, उनको आप माइनस कर दीजिए, अगर मुकदमे सही हैं तो एक भी केस बताएं जहां पुलिस ने कार्रवाई तत्काल नहीं की हो, अरेस्ट नहीं किया हो, मतलब आप बताइए कि जो केस हुआ था वो कन्हैया लाल वाला, उसमें 4-6 घंटे में पुलिस ने अरेस्ट कर लिया, चीफ मिनिस्टर चला गया सेकंड डे वहां पर, डीजी पुलिस चले गए, चीफ सेक्रेटरी चले गए, आप बताइए कि इतना बड़ा वो मामला था, कितना आग भड़क सकती थी उससे, पूरे देश के अंदर आग लग सकती थी, किस प्रकार हैंडल किया, पूरा देश उसको एप्रिशिएट कर रहा है, राजस्थान में हमने जो किया और आप जालौर की घटना देख लीजिए, अभी तक भी लोग आ रहे हैं वहां पर और फैला रहे हैं, अंट-शंट की बातें फैला रहे हैं, अरे भई सच्चाई तो आने दो.. आप कहते हो तो हम केस को सीबीआई को दे देते हैं, अगर आपको विश्वास नहीं है राजस्थान पुलिस पर, केस सीबीआई को दे देंगे, हमारे क्या लगता है, पर बिना मतलब राजस्थान को बदनाम करने का हक़ किसी को भी नहीं है। कुछ लोग जो हैं, क्योंकि मीडिया इनके दबाव के अंदर है, टोटली दबाव के अंदर है, जो चाहते हैं वो लिखवाते हैं, छपवाते हैं और दिखाते हैं, तो ये जो हालात हैं देश के अंदर वो ठीक नहीं हैं और हमें चिंता लगी हुई है इसकी।

सवाल- सब इंस्पेक्टर का आज कार्यक्रम हुआ, 2019 से किसी सब इंस्पेक्टर के प्रमोशन नहीं हुए, आपकी बजट घोषणा ये थी कि सभी थानों को प्रदेश में इंस्पेक्टर लेवल....

जवाब- बजट घोषणा हमारे लिए सबसे महत्व रखती है, कोई कारण हुआ होगा, उसको दिखवा देंगे और मैं समझता हूं कि राजस्थान सरकार, जब बजट पेश करते हैं हम लोग, सोच-समझकर करते है

राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक एवं अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस  राजीव शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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