संपत्ति का लालच हत्या-आत्महत्या का बना कारण !
संपत्ति का लालच हत्या-आत्महत्या का बना कारण ?
किशनगंज,बारा के मृतक दिनेश धाकड़
बुजुर्ग मां इकलौते पुत्र के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए भटक रही दरबदर
न्याय की आस में मृतक की माँ
जयपुर 17 अक्टूबर। गत 30 मई 2022 को किशनगंज, बारा के दिनेश कुमार धाकड़ उम्र 23 वर्ष अपने घर से बिना कहे किसी फोन के संदेश पर 4:00 बजे निकला और फिर कभी वापस घर नहीं आया। अपने मां-बाप का इकलौता सहारा दिनेश होनहार छात्र था जो पढ़ाई के साथ-साथ कंप्यूटर का कार्य भी सीख रहा था और कभी-कभी अपने पिता के सब्जी के ठेले पर भी उनकी मदद के लिए हाथ बटाने में पीछे नहीं रहता था ।
पिछले दिनों बहन ने घर से भागकर अपनी मनमर्जी से विवाह कर परिवार के शांत माहौल में अशांति घोल दी थी। लेकिन किसी को भी सपने में पता नहीं था कि इस घटना के बाद एक गरीब माता-पिता को अपने इकलौते होनहार छात्र को पागल करार देकर हत्या को आत्महत्या में तब्दील करने जैसा घिनौना अपराध करेंगे। अपने पुत्र से हमेशा हमेशा के लिए दूर हो गए बुजुर्ग माता-पिता यह जानते समझते हुए भी आज भी अपने पुत्र की हत्या को आत्महत्या मानने को तैयार नहीं है। उन्हें पता था कि मेरा पुत्र तैरना भी जानता था फिर वह कैसे डूब गया एक मामूली से कुएं में कपड़े खोलकर उसे गला घोट कर किसने कुएं में डाल दिया, यह अनजान पहेली आज भी नहीं सुलझ पा रही है। जिस साइकिल से घर से निकला था दिनेश धाकड़ वह साइकिल भी आज तक पुलिस इस छोटे से कस्बे में बरामद तक नहीं कर पाई है।
मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार दम घुटने से मृत्यु हुई है लेकिन पानी में डूबने से पहले उसका गला किसने घोटा । इस दिशा में पुलिस ने जिन लोगों पर माता-पिता ने शक जाहिर किया लिखित में रिपोर्ट दी उन लोगों से पूछताछ तक नहीं की। उन्हें थानों में बिठाकर क्यों छोड़ दिया। यह अपने आप में एक संदेह प्रकट करने के लिए काफी है जिन लोगों ने मृतक की मां को घर आकर पुलिस में बार-बार कार्रवाई नहीं करने की हिदायत दी और खर्चा पानी देने की वकालत की उन लोगों के खिलाफ भी पुलिस द्वारा अब तक क्यों कार्रवाई अमल में नहीं लाई यह भी अपने आप में संदेह प्रकट करने के लिए काफी है।
मां बाप की माने तो उनके बेटे की हत्या साजिशन की गई स्वयं मृतक के चाचा ने अपने भतीजे को पागल करार देकर हत्या को आत्महत्या में तब्दील करने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की मां बाप को अपने बेटे की लाश तक उपलब्ध नहीं करा कर सबसे बड़ा अपराध पुलिस ने किया है। पुलिस ने इकलौते बेटे की मौत के गम में पागल हुए मां-बाप को भी पागल करार दे दिया जबकि वह अनपढ़ गरीब पिछड़े वर्ग के बुजुर्ग माता-पिता अपने इकलोते पुत्र की आकस्मिक मृत्यु से इतने दुखी हो गए कि उन्होंने कई कई दिनों तक खाना तक नहीं खाया। इस बेसुधी के आलम को अच्छे भले माता-पिता को पागल करार देना और उनके होनहार छात्र को भी पागल करार देकर हत्या को आत्महत्या में तब्दील करने जैसा घिनौना कारनामा करके राजस्थान के इतिहास में एक और काला अध्याय पुलिस के नाम कर दिया है जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए वह कम है।
ऐसे अत्याचारियों को जब तक सजा नहीं मिलेगी तब तक लोगों का कानून पर विश्वास कायम नहीं होगा। 17 अक्टूबर को बुजुर्ग मां ने पुलिस महानिदेशक के समक्ष न्याय को लेकर गुहार लगाई है कि उनके पुत्र की हत्या मैं शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए जयपुर पुलिस मुख्यालय में उपस्थित हुई पुलिस महानिदेशक ने भी गरीब मां की सच्चाई को सुनकर दोबारा से जांच करवाने के आदेश पुलिस अधीक्षक को दिए हैं अब देखना यह है कि सच्चाई से पर्दा उठता है! या फिर वही झूठ को सच मानकर सच्चाई की आवाज दबाई जाती है यह सब भविष्य के गर्भ में है कि दुखियारी को न्याय मिलेगा या अन्याय ही हिस्से में आएगा।
https://youtu.be/8AaSFTbXfEU
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