कांग्रेस सरकार के 4 वर्ष के कुशासन को लेकर चार्जशीट जारी की, वेबसाइट लाँच की

भाजपा की 200 विधानसभाओं में 200 रथों के माध्यम से 75 हजार किलोमीटर की जन आक्रोश यात्रा प्रदेश में निकलेगीः



यात्रा के दौरान 20 हजार चौपाल, 20 हजार नुक्कड़ सभाओं का आयोजन होगा

जन आक्रोश यात्रा के माध्यम से 2 करोड़ लोगों से जनसंपर्क किया जाएगा




प्रेस वार्ता में जन आक्रोश यात्रा का थीम सांग लाँच किया, आमजन के लिए मिस्ड कॉल नम्बर (8140200200) जारी किया, 

कांग्रेस सरकार के 4 वर्ष के कुशासन को लेकर चार्जशीट जारी की, वेबसाइट लाँच की




जयपुर । भाजपा राजस्थान द्वारा प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस सरकार के जंगलराज के खिलाफ होने वाली जन आक्रोश रथयात्रा को लेकर भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन हुआ। 

प्रेस वार्ता में जन आक्रोश यात्रा का थीम सांग लाँच किया, आमजन के लिए मिस्ड कॉल नम्बर (8140200200) जारी किया, जिसपर लोग मिस्ड कॉल करके कांग्रेस सरकार के खिलाफ जन आक्रोश दर्ज कर सकेंगे। साथ ही कांग्रेस सरकार के 4 वर्ष के कुशासन को लेकर चार्जशीट जारी की गई और वेबसाइट लाँच की गई, जिसपर जन आक्रोश यात्रा से संबंधित सारे कार्यक्रम अपडेट रहेंगे।  

प्रेस वार्ता को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद किरोडी लाल मीणा, रामचरण बोहरा, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकांता मेघवाल, जिला प्रमुख रमा देवी चौपड़ा इत्यादि प्रमुख नेताओं की उपस्थिति में संबोधित किया। 

डॉ. सतीश पूनियां ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, राजस्थान में कांग्रेस सरकार के शासन में जंगलराज, कुशासन और भ्रष्टाचार के विरूद्ध प्रदेश भाजपा द्वारा सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में निकाली जा रही जन आक्रोश यात्रा के रथों को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नडडा जयपुर से रथों को रवाना कर जन आक्रोश यात्रा का आगाज करेंगे। 

17 दिसंबर  को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की कांग्रेस पार्टी का 4 वर्ष का जलसा होगा, उत्सव होगा, होगा की नहीं होगा यह भी भविष्य के गर्भ में है, कांग्रेस सरकार के शासन के 4 वर्ष 17 दिसंबर को पूरे होंगे। 

राजस्थान के इतिहास में ऐसी नकारा, निकम्मी और अकर्मण्य, भ्रष्ट और अराजक सरकार ना  केवल मैंने, मंच पर बैठे नेताओं ने वरन राजस्थान की जनता ने भी कभी नहीं देखी, उसकी बानगी किसी ना किसी घटना के रूप में प्रतिबिंबित होती है। कैसा अजीब दृश्य होता होगा जब श्वान नवजात के शव को नोंचते होंगे अस्पताल में, क्या विडम्बना होगी दुनिया के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक जयपुर में जहां विश्व का हर तीसरा पर्यटक घूमने आता है वहां कोई अबला रोटी मांगती हो और उसकी अस्मत लूटनी जाती हो। 

क्या दृश्य होता होगा जिस राजस्थान की साख और धाक शांति के रूप में थी उस राजस्थान की बानगी यह है कि ना तो अस्पताल में सुरक्षित, ना घर में सुरक्षित, ना सड़क पर सुरक्षित, ना स्कूल में सुरक्षित। 

कितनी घटनाएं आपको गिनाऊं, किसी भी प्रदेश की प्रगति का कारक उसकी कानून व्यवस्था होती है, साढ़े 8 लाख से भी ज्यादा दर्ज मुकदमे यह राजस्थान सरकार की शांति और कानून व्यवस्था को इंगित करते हैं। 

कल भरतपुर जिले की रात की घटना ने संगठित अपराधों को जनता के सामने बेनकाब कर दिया, किस तरीके से गोलीबारी में और सगे भाइयों को मौत का शिकार होना पड़ा और तो और देवी-देवताओं के उपासक भी इस सरकार की सरपरस्ती में सुरक्षित नहीं है। 

कांग्रेस शासन में संतों और पुजारियों को या तो जला दिया जाता है या फिर उनको जलने पर मजबूर कर दिया जाता है। 

कांग्रेस का जनघोषणा पत्र 2018 में जारी होता है, उस जन घोषणापत्र में और जनसभाओं में कांग्रेस के अंतरराष्ट्रीय नेता राहुल गांधी कहते हैं कि 10 तक गिनती गिनूंगा और किसानों का पूरा कर्जा माफ कर दूंगा, विडंबना यह है कि 10 तो छोड़िए 1500 से भी ज्यादा दिन हुए, लेकिन राजस्थान का किसान इंतजार में है, लेकिन 9 हजार से ज्यादा किसानों की जमीन की कुर्की के रूप में और ऐसे दर्जनों किसानों की आत्महत्या के अवसाद के रूप में है। 

उसी जन घोषणा पत्र में यह उल्लेख होता है कि हम बेरोजगारी को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, आप सब लोग वाकिफ हैं कि हिंदुस्तान की सर्वाधिक बेरोजगारी 30 प्रतिशत से भी ज्यादा राजस्थान में है, 70 लाख बच्चों ने अलग-अलग परीक्षाएं दी, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन में नौकरी का आंकड़ा 1 लाख बताते हैं जो कोढ में खाज का काम है, जब रीट की चीट से लेकर जेईएन, फार्मासिस्ट, लाईब्रेरियन तमाम किस्म की नौकरियों के पेपर लीक होते हैं और आप सब जानते हैं पेपर तभी लीक होता है, जब सरकार वीक होती है।

जीरो टॉलरेन्स की बात करने वाली कांग्रेस सरकार की बानगी यह है कि हर 12 किलोमीटर पर कदम रखेंगे तो कोई ना कोई अधिकारी और कोई ना कोई कर्मचारी ट्रेप होता हुआ मिल जाएगा, जीरो टॉलरेन्स वाली सरकार में। 

आगामी 28 नवंबर को इसी तरीके से जिला केंद्रों पर पत्रकार वार्ताएं पार्टी के प्रमुख नेता करेंगे। 1 दिसंबर को इस जन आक्रोश अभियान का, इस जन आक्रोश यात्रा का आरंभ भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा 51 रथों की रवानगी से जयपुर से करेंगे, पूरे प्रदेश में 200 विधानसभा क्षेत्रों तक 200 रथ जाएंगे। 


1 दिसंबर से 14 दिसंबर तक जन आक्रोश यात्रा चलेगी,  1 दिसंबर को जयपुर से प्रदेशभर के लिए रथों की रवानगी होगी, 2 दिसंबर को जिलों से रवानगी होगी, 3 और 4 दिसंबर को विधानसभा क्षेत्रों में इन रथों के साथ आक्रोश यात्रा की शुरूआत होगी। 

4 दिसंबर से 14 दिसंबर तक 200 विधानसभा क्षेत्रों में यह रथ गांव-गांव, गली-गली और डगर-डगर जाएंगे, लगभग 20 हजार चौपालें इस दौरान होंगी, नुक्कड़ सभाएं होंगी, दो करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है और प्रदेश के 8 करोड़ लोगों तक इस यात्रा का संदेश जाएगा। 


जन आक्रोश यात्रा में प्रत्येक रथ पर एक शिकायत पेटिका होगी, जिसमें उस गांव के लोग उस विधानसभा के लोग अपनी शिकायतों को उसमें पर रख सकेंगे, उन शिकायतों का हम संकलन करेंगे, हमारे घोषणापत्र से लेकर हमारे चार्जशीट में उनका उल्लेख होगा, उनको समाहित करेंगे। 

14 से लेकर 20 दिसंबर तक सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में जनाक्रोश सभाएं होंगी, एक बड़ी संख्या उसमें जुटेगी, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगभग 5 हजार लोग उसमें शिरकत करेंगे। 


जन आक्रोश यात्रा 200 विधानसभाओं के गांव, ढाणी, तहसील, जिलों में पैदल चलकर करीबन 75 हजार किलोमीटर से अधिक का रास्ता तय करेगी। 

सभी विधानसभाओं में प्रभारी एवं सह-प्रभारी तैनात कर दिए गए हैं, जो मंडल और बूथ स्तर तक संगठनात्मक ढांचा तय करेंगे। इस माध्यम से 5 लाख कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण सक्रिय सहभागिता होने वाली है। 

जन आक्रोश यात्रा के माध्यम से संपूर्ण राजस्थान में 20 हजार चौपाल सभाएं एवं 20 हजार नुक्कड़ सभाएं तय की गई हैं। 

इसके अलावा करीबन 1 हजार महिला चौपाल, 1 हजार युवा चौपाल तथा एससी, एसटी एवं ओबीसी वर्ग के लिए 1-1 हजार चौपालें आयोजित की जा रही हैं।  

राजस्थान प्रदेश में 200 विधानसभाओं पर नवमतदाता जो अगले वर्ष अपने मत का इस्तेमाल करेंगे, उन तक भाजपा जनविरोधी कांग्रेस सरकार के खिलाफ संदेश पहुंचाएगी। 

पार्टी के प्रदेश के तमाम प्रमुख लोग और जनप्रतिनिधि उन सभाओं में शिरकत करेंगे, मुझे लगता है कि राजस्थान में जिस तरीके की जनचर्चाएं चलती हैं, पहले भी सरकारें आई हैं, राजस्थान के जनमानस ने अनेक अवसरों पर अनेक फैसले किये हैं। 

1990 के दशक के बाद राजस्थान में एक धारणा चलती है, सरकार बदलती है परसेप्शन से, जनधारणा से, एक दूसरा कारण बताते हैं एंटीइनकंबेंसी से, जनविरोध का, लेकिन मैं यह मानता हूं कि इस कांग्रेस सरकार के खिलाफ केवल एंटीइनकंबेंसी ही नहीं है, एक जबरदस्त जन आक्रोश है। 

यह भी सब जानते हैं कि देश की प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की केन्द्र सरकार ने राजस्थान के बुनियादी विकास को ताकत दी, मुझे सुखद आश्चर्य हुआ कि पिछले दिनों जब रेलमंत्री  अश्विनी वैष्णव जयपुर आए तो उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि अकेले 56 हजार करोड़ का निवेश और विकास के काम रेलवे के विकास के लिए राजस्थान में हुए। 


अनेकों ऐसी योजनाएं उज्जवला से लेकर, पीएम आवास से लेकर, भारतमाला से लेकर, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से लेकर, जल जीवन मिशन से लेकर तमाम काम राजस्थान से लेकर पूरे देशभर में मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे हैं। 

यह दीगर बात है सेंटर स्पॉन्सर स्कीम के प्रति राजस्थान की सरकार का ज्यादा मोह नहीं है और राज्य की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की अधिकांश जनता को केन्द्र की ज्यादातर स्कीमों से वंचित रखा, राजनीति भी की और सियासत भी की। 

 नरेन्द्र मोदी का नाम और काम यह राजस्थान की जनता के मन मस्तिष्क में यह छप चुका है, एंटीइनकंबेंसी, जन आक्रोश, परसेप्शन, नरेन्द्र मोदी का नाम और काम यह तो कारण हैं ही 2023 में राजस्थान में भाजपा के सत्ता में वापसी के, लेकिन एक बड़ा कारण होगा प्रदेश में सत्ता के बदलाव का जो भाजपा के कार्यकर्ताओं का परिश्रम और पसीना, प्रदेश में 52 हजार बूथों में से 48 हजार बूथों पर फोटोयुक्त बूथ समिति का गठन पूर्ण हो चुका है। 


 अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के दौरान पार्टी को देशभर में बूथ तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नडडा के नेतृत्व में आज बूथ, शक्ति केन्द्र और मंडल की इकाइयां पूरे तरीके से समर्पित होकर मिशन 2023 और 2024 में लगी हुई हैं। 


मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं के परिश्रम के भरोसे कह सकता हूं कि 2023 में कांग्रेस पार्टी के खात्मे, कांग्रेस पार्टी के मुक्ति से, कांग्रेस पार्टी के सत्ता से बाहर होने का अनेकों कारण होंगे, लेकिन एक बड़ा कारण बनेगा भारतीय जनता पार्टी राजस्थान की जन आक्रोश यात्रा। 

इस यात्रा के जरिए भाजपा की कोशिश है कांग्रेस सरकार के खिलाफ सदन में हमारे दोनों नेताओं ने  गुलाब चंद कटारिया और  राजेन्द्र राठौड़ ने अनेकों ऐसे अवसर थे जब सरकार को सदन से भागना पड़ा और इसी तर्ज पर सड़क पर पार्टी के सभी मोेर्चो ने अनेक अवसरों पर इस सरकार से लोहा लेने का काम किया। 

राजस्थान की जनता की मांग है, राजस्थान की जनता बदलाव चाहती है, राजस्थान की जनता कांग्रेस पार्टी के कुशासन से, जंगलराज से, भ्रष्टाचार से पीड़ित और परेशान है और यही एक ऐसा अवसर है जब भारतीय जनता पार्टी ने इस जन आक्रोश को मुखरता देने के लिए जन आक्रोश यात्रा का आयोजन किया है। 


हमारे प्रदेश प्रभारी  अरूण सिंह के निर्देशन में इस पूरी जन आक्रोश यात्रा की चर्चा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में प्रदेश कार्यसमिति में झुंझुनंू में हुई।

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