8 दिसंबर के बाद नर्सेज द्वारा कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम

नर्सेज़ ने चिकित्सा मंत्री, मुख्य सचिव एवम प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन, 



 8 दिसंबर के बाद नर्सेज द्वारा कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम                                                                                               


                                                      

जयपुर 4 नवंबर । राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन एकीकृत के द्वारा 16 अक्टूबर को प्रान्तीय महासमिति की बैठक में 2 नवंबर से राज्य भर में लंबित 11 सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने के निर्णय को लेकर समस्त जिलों में तहसील स्तर तक से अल्टीमेटम ज्ञापन भिजवाए जाने का दौर जारी है।


 इसी क्रम में जयपुर में संगठन के प्रदेश प्रतिनिधि मंडल द्वारा चिकित्सा मंत्री  परसादी लाल मीणा के बाद मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव डॉक्टर पृथ्वी एवं संयुक्त शासन सचिव तथा निदेशक अराजपत्रित  सुरेश नवल को प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र राना  के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपे गये। 


वही जयपुर शहर जिलाध्यक्ष अनेष सैनी के नेतृत्व में कांवटिया चिकित्सालय में यजुवेंद्र यादव,कैलाश गुर्जर, महिला चिकित्सालय में श्रीमती परमिंदर, रमेश शर्मा, जानना चिकित्सालय में राकेश यादव ,एवम स्वशन रोग  चिकित्सालय में हनुमान गर्ग एवं महेंद्र पाल के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय चिकित्सालय कार्य कर्ताओं  ने मुख्यमंत्री के नाम  चिकित्सालय अधीक्षक को अल्टीमेटम ज्ञापन सौंपा। 


 प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष भूदेव धाकड़,एवम प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष  पुरुषोत्तम कुंभज ने बताया कि राज्य भर से  मुख्यमंत्री जी को भिजवाए जाने वाले ज्ञापनो का क्रम 12 nov तक जारी रहेगा। यदि सरकार ने नर्सेज की लंबित मांग पत्र का 8 दिसंबर तक समाधान नहीं किया तो 9 दिसंबर से गांव ढाणियों तक से शुरू होने वाले कार्य बहिष्कार तक जैसे आंदोलन के लिए सरकार ही जवाब देह होगी। 


प्रदेश मुख्य महामंत्री मदन लाल बुनकर एवम महामंत्री कैलाश शर्मा, ने बताया कि नर्सेज के लंबित 11 सूत्री मांग पत्र में एएनएम, नर्सिंग ऑफिसर, नर्सिंग ट्यूटर, संवर्ग के सभी पदनामों के वेतनमान मे व्याप्त विसंगतियो को देहली के समान दूर करना, 30 मई 2022 को जारी संशोधित एसीपी नियमों से नर्सिंग ऑफिसर ,एवम नर्सिंग ट्यूटर के मूल वेतन में हुई ₹900 प्रति माह तक की कमी को वापस लेना,, 


वर्ष 2014 से देय नर्सिंग भत्ता, वर्दी भत्ता,हार्ड डयूटी भत्ते में वृद्धि करना, ग्रामीण भत्ता, जोखिम भत्ता एवम उच्च शिक्षा भत्ता शुरू करना, ठेकेदारों के माध्यम से नर्सेज की भर्ती पूर्णतया प्रतिबंधित कर एनआरएचएम, यूटीवी, प्लेसमेंट, एनएचएम, 108, इत्यादि समस्त संविदा नर्सेज को नियमित करना,  


केंद्र के समान नर्सिंग कैडर का  पुनर्गठन, नर्सिंग ट्यूटर के पद नाम परिवर्तित करना, चिकित्सकों के सामान 6,12,18,24 वर्ष पर एसीपी परिलाभ देना। नर्सेज का ड्रेस कोड परिवर्तित करना, समय पद पदोन्नति की नीति का निर्धारण, नर्सिंग निदेशालय की स्थापना, इत्यादि मांगे शामिल है।                                                            

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