बीजेपी भ्रष्टाचार पर मिट्टी डालने के लिए मृतकों को ही पुल टूटने का ज़िम्मेदार बता रही है- आप

बीजेपी ने घड़ी बनाने वाली कंपनी को कैसे 15 साल का ठेका दिया, जिसे पुल बनाने का अनुभव नहीं है?- आप

सीवीसी की गाइडलाइन की अवहेलना कर कैसे बिना टेंडर के कांट्रैक्ट एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया?- मयंक त्यागी


क्या जिस प्राइवेट कंपनी को पुल बनाने का ठेका दिया गया, वो बीजेपी की बहुत बड़ी डोनर है?- आप



135 लोगों के मारे जाने के बाद भी, एफआईआर में कंपनी और कंपनी के मालिकों का नाम कैसे नहीं है?-मयंक त्यागी



बिना टेंडर के कांट्रैक्ट देना अर्बन डेवलपमेंट मंत्री की ज़िम्मेदारी बनती है, जो गुजरात के मुख्यमंत्री खुद हैं- मयंक त्यागी



पुल बनाने के लिए 8-12 महीने तय थे, लेकिन जल्दबाज़ी में मुनाफे के लिए बिना फिटनेस सर्टिफिकेट, बिना एनओसी के पुल को 5 महीने में खोल दिया गया- मयंक त्यागी



कैपसिटी से 4 गुना लोगों को पुल पर लाया गया, जिसके कारण पुल टूट गया- मयंक त्यागी


बीजेपी भ्रष्टाचार पर मिट्टी डालने के लिए मृतकों को ही पुल टूटने का ज़िम्मेदार बता रही है- आप


जयपुर, 1 नवंबर। आम आदमी पार्टी के नेता मयंक त्यागी ने कहा कि बीजेपी ने घड़ी बनाने वाली कंपनी को कैसे 15 साल का ठेका दिया, जिसे पुल बनाने का अनुभव नहीं है? सीवीसी की गाइडलाइन की अवहेलना कर कैसे बिना टेंडर के कांट्रैक्ट एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया? क्या जिस प्राइवेट कंपनी को ये ठेका दिया गया, वो बीजेपी की बहुत बड़ी डोनर है? उन्होंने कहा कि 135 लोगों के मारे जाने के बाद भी एफ़आईआर में कंपनी और कंपनी के मालिकों का नाम कैसे नहीं है? उन्होंने कहा कि बिना टेंडर के कांट्रैक्ट देना, अर्बन डेवलपमेंट मंत्री की ज़िम्मेदारी बनती है, जो गुजरात के मुख्यमंत्री खुद हैं। मुनाफा कमाने का पूरा काम एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया। कंपनी ने 17 रुपये की टिकट रखी। इस पुल बनाने के लिए 8-12 महीने तय थे। लेकिन जल्दबाज़ी में मुनाफे के लिए बिना फिटनेस सर्टिफिकेट, बिना एनओसी के पुल को 5 महीने में खोल दिया गया। कैपसिटी से 4 गुना लोगों को इसपर लाया गया। जिसके कारण पुल टूट गया। बीजेपी भ्रष्टाचार पर मिट्टी डालने के लिए मृतकों को ही पुल टूटने का ज़िम्मेदार बता रही है। मृतक परिवारों को सांत्वना देने की बजाय, मारे गए लोगों पर इल्ज़ाम लगाया जा रहा है कि उन्होंने ही पुल तोड़ा है, ताकि मृतकों के रिश्तेदार इस ग्लानि में ही मर जाएं।

आम आदमी पार्टी के मयंक त्यागी ने आज महत्वपूर्ण  वार्ता को संबोधित किया। मयंक त्यागी ने कहा कि गुजरात के मोरबी में परसों एक पुल टूट गया। उस पुल के टूटने से 134 से ज़्यादा लोगों की मृत्यु अभी तक हो चुकी है। भारतीय जानता पार्टी के प्रवक्ता कल पूरे दिन टीवी पर उस पुल के बचाव में दिखे। कुछ साधारण से सवाल उस पुल के विषय में पूछे गये, लेकिन उन सवालों के जवाब भारतीय जानता पार्टी के प्रवक्ताओं के पास भी नहीं थे। भारतीय जानता पार्टी की गुजरात की सरकार के पास भी अभी तक उन सवालों के जवाब नहीं है। 

उन्होंने कहा कि पहला सवाल ये है कि ये कैसे हुआ कि इतने बड़े पुल का 15 साल का ठेका एक ऐसी कंपनी को दिया गया जिसके पास पुल बनाने, मेंनटेन और रिपेयर करने का कोई भी अनुभव नहीं था। एक कंपनी है जो घड़ी और मच्छर मारने वाले रैकेट बनाती है, ऐसी कंपनी को ये ठेका कैसे मिल गया? दूसरा सवाल यह कांट्रैक्ट बिना किसी टेंडर के दिया गया है। सीबीसी की गाइडलाइन है कि बिना टेंडर के आप एक रुपये का भी सरकारी कम किसी कंपनी को नहीं दे सकते। ऐसे में गुजरात में कैसे संभव हो गया कि 15 साल का कांट्रैक्ट आपने प्राइवेट कंपनी को बिना टेंडर के दें दिया? भाजपा से हमारा सवाल है कि वो बतायें कि क्या ये सच है कि जिस प्राइवेट कंपनी को ये ठेका दिया गया वो भाजपा को बहुत डोनेशन देती आई है? 

मयंक त्यागी ने कहा कि क्यों ऐसा है कि 134 लोगों की मृत्यु के बावजूद जो एफ़आईआर दर्ज हुई है उसमें इस कंपनी के मालिकों और कंपनी का कोई नाम नहीं  इस मामले में डिपार्टमेंट ऑफ़ अर्बन डेवलपमेंट के मंत्री की जिम्मेदारी सीधे-सीधे तय होती है। क्योंकि बिना टेंडर के आप इतना बड़ा काम कैसे दें सकते हैं। जितने लोगों की लिमिट इस पुल पर हो सकती थी, उससे चार गुना फालतू टिकट मुनाफ़ा कमाने के लिए बेचे गए। इस कारण पुल गिरने से लोगों की मृत्यु हो गई। इस मामले में संबंधित डिपार्टमेंट के मंत्री की जिम्मेदारी है। यह डिपार्टमेंट मुख्यमंत्री के पास आता है तो यह जिम्मेदारी गुजरात के मुख्यमंत्री की तय होती है।  

मयंक त्यागी ने कहा कि इस पुल पर मुनाफा कमाने का पूरा काम एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया। मुनाफ़ा कमाने के लिए वो कंपनी इस पुल पर जाने का टिकट तय करती थी। इस पुल की मरम्मत के लिए 8 से 12 महीने तय थे। उसके बावजूद 5 महीने में जल्दबाज़ी में मुनाफा कमाने के लिए इस पुल को बिना पूरी तरह तैयार किए। बिना फ़िटनेस सर्टिफिकेट और बिना एनओसी के पुल को खोल दिया गया। मुनाफा कमाने के लिए करीब चार गुना लोगों को पुल के ऊपर लाया गया, जिसके कारण यह पुल टूटा। जबसे ये पुल टूटा है तभी से भाजपा के नेता दो साल पुराना वीडियो ट्विटर-फेसबुक पर शेयर कर कह रहे हैं कि जो लोग इसके अन्दर मरे, वही अपनी मृत्यु के लिए ज़िम्मेदार हैं। हमारे पूरे संस्कारों में अगर बुरे से बुरे आदमी की मृत्यु हो जाये तो कहते है कि उसका उसका नाम मत लीजिया क्योंकि उसकी मृत्यु हो गई है। वो अपनी बात का जवाब देने के लिए इस दुनिया में नहीं है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि जो लोग पुल के टूटने से मर गए, उन्हीं पर आरोप डाल दिया है कि वही अपनी मृत्यु के लिए ज़िम्मेदार हैं।  उनपर दोष इसलिए डाला जा रहा है ताकि भ्रष्टाचार पर मिट्टी डाली जा सके। भ्रष्टाचार और सरकारी मिलीभगत की तरफ़ लोग ध्यान न दें। लोग सोचें कि जो बिचारे 135 लोग मारे गए, वही लोग अपनी मृत्यु के लिए ज़िम्मेदार हैं। उनके रिश्तेदारों को सांत्वना देने की बजाय कहा जा रहा है कि आपके रिश्तेदार इस पुल पर जाने के लायक़ नहीं थे। गुजराती भाई बहन मारे गए उन पर ये इलज़ाम लगाया जा रहा है कि वो इस लायक़ ही नहीं हैं। उनको पुल इस्तेमाल करना ही नहीं आता। पुल को हिला-हिला कर ही, उन्होंने पुल तोड़ दिया। इससे की इस शर्म में ही मर जाए कि हमारे रिश्तेदारों ने ही पुल तोड़ दिया। हमारे रिश्तेदार और परिवार वाले खुद अपनी मृत्यु के दोषी हैं। ये बहुत शर्म की बात है। ऐसा कभी नहीं देखा गया कि जिसकी हत्या की गई हो उसी पर उसकी हत्या का इल्ज़ाम डाल दिया गया हो।

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