परिजनों ने ठुकराया, इन्दिरा रसोई बनी सहारा

 प्रेम विवाह करने वाला युवक कैंसर पीड़ित,                  परिजनों ने ठुकराया, इन्दिरा रसोई बनी सहारा



भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले के रूपबास में लव मैरिज करने वाला युवक इन दिनों कैंसर बीमारी से पीड़ित है। इस परिस्थिति में भी परिजन युवक के साथ नहीं हैं। इसी वजह से युवक और युवती अपनी तीन माह की बच्ची के साथ दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। चार साल पहले प्रेम विवाह करने के बाद परिजनों के डर से युवक युवती दिल्ली जाकर मेहनत मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

दिल्ली में रहते हुए युवक को ब्लड कैंसर होने के बारे में पता चला तो पैरो तले जमीन खिसक गई।लेकिन इलाज कराने के बाद भी जब कोई लाभ नही हुआ और इसी दौरान युवती ने एक बच्ची को भी जन्म दे दिया। पत्नी जब पति और बच्ची को संभालने में असमर्थ रही तो थक हार कर अपनी ससुराल आ गई।लेकिन वहा भी उसे परिजनो की दुत्कार के अलावा कुछ नही मिला।अब पति पत्नी दोनो हाथ फैलाकर जगह जगह मदद की गुहार लगा रहे है फिलहाल तीनो ने इंदिरा रसोई में शरण ले रखी है।

हाथ फैला कर मांग रहे हैं मदद

रूपबास की एक इंदिरा रसोई संचालक तीनों को शरण देने के बाद खाने पीने का प्रबंध करता है। लेकिन यह स्थायी बसेरा नहीं है। दीपक की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। न घर है, न इलाज का पैसा, न खाने-पीने का ठिकाना। कभी पुलिस तो कभी प्रशासन के सामने दीपक और मुस्कान हाथ फैला कर मदद मांग रहे हैं। बड़ी बात ये है कि नाबालिग उम्र में दीपक से प्रेम करने वाली मुस्कान ने प्रेम को निभाया भी है। हालत कैसे भी रहे उसने दीपक का साथ नहीं छोड़ा। दीपक ने जिस हाल में रखा उसी में रही। प्रेम के चक्कर में परिवार और रिश्तेदारों से दुश्मनी मोल ले ली। दीपक की बीमारी में भी उसने उसके इलाज के लिए लाख कोशिशें कीं जब कहीं से कोई राह नहीं दिखी तब भी वह अपने पति के इलाज के लिए सार्वजनिक अपील कर रही है। हालांकि अभी तक मदद के हाथ उस तक नहीं पहुंचे हैं।                            
दरअसल रूपबास थाना क्षेत्र के मिलसमा गांव निवासी मुस्कान और दीपक ने वर्ष 2019 में परिजनो की बिना मर्जी से भागकर शादी की और दिल्ली में रह मेहनत मजदूरी कर अपना जीवन गुजार रहे थे। काम करते करते वक्त अचानक दीपक की तबियत खराब हो गई जांच कराई तो ब्लड कैंसर के बारे में पता चला। दिल्ली में ही 8 महीने तक दीपक का इलाज चला लेकिन दीपक की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। इस दौरान अगस्त में मुस्कान ने बच्ची को जन्म दिया। बीमार पति और छोटी बच्ची को जब मजबूर मुस्कान संभाला न सकी तो वह थक हार कर दीपक को लेकर अपने ससुराल रूपबास पहुंच गई. लेकिन अब पति पत्नी और उनकी 3 महीने की बेटी सोनी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं न परिवार और न ही प्रशासन सुन रहा है।


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