फिल्म जगत की नामी हस्तियों ने की शिरकत

          जिफ में फिल्मों की स्क्रीनिंग की शुरूआत   





       फिल्म जगत की नामी हस्तियों ने की शिरकत

 


जयपुर ।आइनोंक्सजीटीमेंफैस्टिवल के दूसरे दिन फिल्म अभिनेत्री सोनाली बेंद्रेजानेमाने फिल्म स्क्रिप्टराइटर कमलेश पांडेपंकज पाराशरविनय वायकुलयूनाइटेड किंगडम की फिलिपा फ्रिस बीबांगलादेश के प्रसून रहमानइंडियन फिल्म डायरेक्टर आरती बागड़ीज़ी-की चीफ कन्ट्रोलर निमिशा पाण्डेय और मैक्सिकन फिल्म डायरेक्टर जुआन आर्के ने शिरकत की।

 

सिनेमा कलआज और कल पर हुई चर्चा


 

पहले सत्र में सिनेमा कलआज और कल पर प्रसिद्ध लेखक विनोद भारद्वाज से हुई चर्चा में पंकज पाराशर ने कहा जो लोग कहते हैं कि सिनेमा खत्म होने वाला है तो ये ग़लत है हां ये बात सही है कि सिनेमा में दबलाव का दौर चलता रहा है और चलता रहेगा। पहले पायरेसी आई तो लोगों ने कहा सिनेमा खत्मकोविड आया तो लोग बोले सिनेमा खतरे में है फिर ओटीटी की शुरूआत हुई तब भी लोगों ने यही शंका व्यक्त की पर सिनेमा इन तमाम आशंकाओं के बीच भी चलता रहा और आगे भी चलता रहेगा।



स्क्रिप्ट राइटर कमेलेश पांडे ने कहा कि बॉलीवुड में एक साल में एक हजार फिल्में बनती हैं लेकिन 4-5 ही कामयाब हो पाती हैं। इसके लिए उन्होंने बुनियादी गलती को जिम्मेदारी बताया। उन्होंने कहा कि एक हजार पौधों की बगिया में चार-पांच में ही फूल खिलें अथवा फल आएं तो इसके लिए माली ही जिम्मेदार माना जाएगा। इसकी वजह है फिल्म उद्योग में जो लोग सक्रिय हैं उनमें से अधिकांश ऐसे स्कूल ड्रॉप आउट हैं जिन्हें हमारी जड़ों का ज्ञान नहीं है। इसलिए बॉलीवुड को अब हमारी जड़ों और पब्लिक सैंटीमेंट को पहचानना होगा नही ंतो दुनिया उन्हें समझा देगी।


 

गजनी फिल्म के सह लेखक रह चुके विनय वायक्कुल ने कहा कि भगत सिंह और गांधी जैसी कहानियों को कल भी पसंद किया जाता थाआज भी किया जा रहा है और कल भी किया जाता रहेगा। सिनेमा की सबसे बड़ी कमी ये है कि उसमें हमारी सोसाइटी का रिफलेक्शन नहीं आता है और जब तक यह नहीं होगा सिनेमा सफल नहीं हो सकता। हमारी सोच का रिफलेक्शन सिनेमा में बेहद जरूरी है। इसके अलावा अच्छी कहानी को यदि अच्छे कलाकार मिल जाएं तो फिल्म निश्चित ही सफल होती है।

 

इस दौरान ऑफ्टर थियेटर एंड ओटीटीफ्यूचर टैक्नोलॉली फॉर वॉचिंग फिल्म्स,‘हाउ टू मेक लो बजट फिल्म्समार्केट रिकवरी और वेब सीरीज़ वाला आया है जैसे विषयों पर फिल्म विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।


 

बिसाउ की मूक रामलीला पर बने वृत्त चित्र की हुई लांचिंग

 

इससे पहले समारोह स्थिल पर राजस्थान के चूरू जिले के बिसाउ कस्बे में पिछले 167 साल से खेली जा रही मूक रामलीला पर फिल्मकार रजनी आचार्य की बनाई डॉक्यूमेंट्री की लांचिंग की गई। ये अनूठी रामलीला यहां मंचीय औपचारिकताओं से परे खुली सड़क पर नवरात्रों में खेली जाती है जहां दो सौ मीटर की सड़क पर मिट्टी बिछा दी जाती है सड़क के एक ओर भगवान श्रीराम की संसार तथा दूसरी ओर राक्षसों का संसार रहता है।


 इस मौके पर रामलीला के पात्र रामलक्ष्मणसीताहनुमान और रावण वेशभूषा पहनकर दर्शकों के बीच आए। समाज सेवी कमल पोद्दार ने इस परंपरा की पूरी जानकारी दी।

 

सोनाली बेंद्रेक्षितिज शर्मासमीर गोखटेके.एस.श्रीधर ने जेएफएम के मंच पर प्रज्ञा राठौर के साथ बातचीत में अपने विचार रखे।

 

फिल्म मेकिंग में फीमेल मेकर के सामने आने वाली चुनौतियों पर बात करते हुए सोनाली बेंद्रे ने कहा कि आज फीमेल हर फील्ड में अपना बेस्ट दे रही है उन्होंने कहा कि जिस समय मैंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था।




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