नगरपालिका पर भूमाफियाओं से मिलीभगत का आरोप

 नगरपालिका नीलामी प्रक्रिया पर हाईकोर्ट का स्थगन आदेश जारी

                तीसरी बार रोक लगने पर लगा प्रश्नचिन्ह



          मामले में एसडीएम ने लगाई थी ईओ को लताड़, 

     नगरपालिका पर भूमाफियाओं से मिलीभगत का आरोप

पाली (महावीर दाधीच)। जिले की सुमेरपुर नगरपालिका द्वारा आयोजित भूखण्डों की नीलामी पर राजस्थान हाईकोर्ट ने तीसरी बार स्थगन आदेश जारी किया हैं, जिससे नगरपालिका सुमेरपुर की कार्यप्रणाली पर प्रश्नवाचक चिन्ह खडा कर दिया हैं। भूखण्डों की निलामी को लेकर आतुर नगरपालिका प्रशासन ने 3 बार नीलामी के ईश्तेहार दैनिक समाचार पत्रों देकर आमजन को शामिल तो किया लेकर हर बार राजस्थान हाईकोर्ट के स्थगन आदेश पर  नीलामी को निरस्त करना पड़ रहा।

राजस्थान हाईकोर्ट के पिटीशनर मदनलाल पुत्र रामचन्द्र ओड ने कोर्ट को बताया कि कब्जा सुदा एवं ऐलोटेड भूखण्ड पर नगरपालिका द्वारा जबरदस्ती बेदखली का निष्फल प्रयास किया जा रहा है। पिटीशनर के भूखण्ड, जिसे नगरपालिका ने ब्लाॅक सी के 37 से 40 बताकर जबरन नीलामी की जा रही है, जिसको लेकर पिटीशनर ने राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में वर्ष 2019 में रिट पिटीशन संख्या 13790 लगाई थी, जिस पर न्यायाधीश महोदय ने नगरपालिका को 2 महीनों में फाईल के निस्तारण के आदेश जारी किये थे। लेकिन नगरपालिका के नेताओं के कथित भूमाफियाओं से मिलीभगत चलते प्रार्थी के भूखण्ड पर कब्जा लेने का निष्फल प्रयास किया जाता रहा, जिस पर प्रार्थी ने दिनांक 27.04.2022 को पुनः रिट पिटीशन संख्या 8668 दायर की। जिस पर माननीय न्यायाधीश महोदय ने तमाम सबूतों और दोनों पक्षों को सुनकर दिनांक 14-06-2022 को स्थगन आदेश  जारी किया हैं। बाद में स्थगन आदेशों के चलते नीलामी नहीं हो पाई। इसी दौरान पीटीशनर ने न्यायालय में पेश करने के लिए निलामी पत्रावली की सत्यापित प्रतिलिपि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा (6)(1) के तहत चाही थी, लेकिन उसे नगरपालिका प्रशासन द्वारा मुहैया नहीं करवाया गया, जिस पर पीटीशनर ने मुख्य सूचना आयुक्त जयपुर में भी नगरपालिका प्रशासन के विरूद्ध परिवाद दायर करवाया, जिसका अनुसंधान जारी हैं। नगरपालिका में अधिशाषी अधिकारियों के लगातार स्थानान्तरण का क्रम चलता रहा। नये अधिशाषी अधिकारी ललितसिंह देथा के कार्यग्रहण करने के बाद दिनांक 27.12.2022 को पुनः नगरपालिका प्रशासन ने भूखण्डों की निलामी सूचना जारी कर पीटीशनर मदनलाल के कब्जा सुदा एलोटेड भूखण्ड ब्लाॅक सी के 37 से 40 दर्शाकर 16 जनवरी 2023 व 17 जनवरी 2023 को नीलामी इश्तेहार दैनिक समाचार पत्र में जारी कर दिया। जिसको लेकर विद्वान अधिवक्ता विवेक श्रीमाली व सी.एस. कोटवानी ने स्थगन याचिका की मांग राजस्थान उच्च न्यायालय में रखी, दोनों पक्षों को सुनकर महामहिम न्यायाधिपति अरूण भंसाली ने 12 जनवरी 2023 को स्थगन आदेश जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश प्रदान किये कि ‘‘इस नीलामी प्रक्रिया में अंतिम निर्णय लेने से पूर्व माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय की पूर्व अनुमति आवश्यक होगी। और उसके बिना इस संबंध में नगरपालिका द्वारा कोई भी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सकेगा। इस संबंध में संपूर्ण कार्यवाही माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय सामने लंबित रिट याचिका संख्या 8668/2022 मे पारित अंतिम निर्णय के बाद ही इस संबंध में कोई कार्यवाही आगे की जा सकेगी।’’ विद्वान अधिवक्ता विवेक श्रीमाली ने बताया कि माननीय न्यायालय ने रीट पिटीशन लगाने का जवाब नगरपालिका द्वारा 10 दिनों तक प्रदान नहीं किया और 12 जनवरी को जब स्थगन आदेश जारी कर दिया उसके बाद नगरपालिका के विद्वान अधिवक्ता ने फाईल पर विचार करने के लिए जवाब की पेशकश की जिस पर न्यायाधिपति ने सुनवाई करते हुए निलामी प्रक्रिया पर आगामी आदेशों तक आंशिक स्थगन आदेश जारी कर दिया है।

प्रार्थी मदनलाल द्वारा विधिवत रूप से नीलामी की पूर्ण प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुये सूचना के अधिकार में संपूर्ण कार्यवाही की प्रतिलिपि की मांग करी लेकिन नगरपालिका प्रशासन द्वारा संदेह उत्पन्न करते हुए आज दिनांक तक इस कार्यवाही का एक भी पत्र प्रार्थी मदनलाल को उपलब्ध नहीं करवाया गया, जिससे व्यथीत होकर प्रार्थी मदनलाल ने न सिर्फ राजस्थान सूचना आयोग बल्कि जिला कलेक्टर पाली और उपखण्ड अधिकारी सुमेरपुर के समक्ष भी उपस्थित होकर भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा कानून की खूले रूप से अवहेलना करने की जानकारी प्रदान की गई। उपखण्ड अधिकारी द्वारा नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी को इस संबंध में लताड भी लगाई गई, लेकिन नगरपालिका अपने कुकृत्यों को छुपाने के लिय न सिर्फ प्रार्थी को बल्कि राजस्थान उच्च न्यायालय को भी किसी तरह का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं। इस तरह का मनमाना और संदेहास्पद आचरण नगरपालिका प्रशासन और भूमाफिया के बीच की सांठ-गांठ को स्पष्ट रूप से परिलक्षित करता हैं। 

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