शहरनामा कहानी-अपने शहरों' की 19 फरवरी को
शहरनामा कहानी-अपने शहरों' की 19 फरवरी को
- मुख्यमंत्री का प्रयास रहा है कि कलाकार की बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति को सुधारा जाए- पर्यटन मंत्री
-पर्यटन विभाग देशी और विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने में जुटा है- प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड
जयपुर । प्रभा खेतान फाउण्डेशन की ओर से 19 और 20 फरवरी को राजपूताना शेरेटन होटल में दो दिवसीय साहित्योत्सव 'शहरनामा कहानी:-अपने शहरों' की का आयोजन किया जाएगा। शहरनामा का आयोजन पहली बार जयपुर शहर से शुरु होगी।
पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में उन लेखकों से चर्चा होगी जिन्होंने देश के ख्यातनाम शहरों पर किताबें लिखी हैं। जयपुर, जोधपुर व पुष्कर, दिल्ली भोपाल व लखनऊ सहित देश में कई ऐसे कई शहर हैं जो अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए हैं। इन शहरों पर किताब लिखने वाले लेखक अपने-अपने शहरों से जुड़ी यादें, किस्से, कला -संस्कृति, खानपान, पुरामहत्व व प्राचीन इमारतों के बारे में बात करेंगे और अपने अपने अनुभवों के बारे में बताएंगे।
इस अवसर आयोजित पर्यटन भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन विकास के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार के प्रयासों से लोक कलाकारों को उत्थान के लिए कई काम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद गहलोत का प्रयास रहा है कि कलाकार की बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति को सुधारा जाए। शहरनामा जैसे आयोजन के बारे में माननीय मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से देश भर में विभिन्न शहरों के नागरिक एक दूसरे से जुड़ेंगे और घरेलु पर्यटन के दौरान उन्हें कोई भी शहर अनजाना नहीं लगेगा।
इस अवसर पर उपस्थित पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि पर्यटन विभाग लोक कलाकारों, लोक संस्कृति, विरासत और परम्पराओं को सहेजते हुए देशी और विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने में जुटा है। राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि लोक कलाकारों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जाए, यही कारण है कि इस बजट में लोक कलाकारों के लिए इस कलैण्डर वर्ष में सौ दिन के रोजगार की व्यवस्था की गई है।
शहरनाम कार्यक्रम की जानकारी देते हुए फेस्टिवल की को डायरेक्टर नीलिमा डालमिया और अपरा कुच्छल ने बताया कि शहरनामा जैसे कार्यक्रमों के जरिए यह प्रयास है कि देश के सभी दूसरे शहरों के इतिहास सहित स्थानीय परम्पराओं, लोकोक्तियों और ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जाने।
शहरनामा में दो दिन में करीब बीस से अधिक सैशन्स आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिंक सिटी, ब्लू सिटी, रेड सिटी, गोल्डन सिटी कुछ ऐसे नाम हैं जो राजस्थान के विभिन्न शहरों को परिभाषित करते हैं और उन्हें देश के बाकी हिस्सों से अलग करते हैं। शहरों पर लिखने वाले लेखक, स्तम्भकार सांस्कृतिक विरासत के राजदूत हैं यह पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं। राजस्थान की सभ्यता, कला-संस्कृति और खान-पान के कारण ही इसे रंगीलो राजस्थान कहते हैं। ऐसे में पर्यटकों की पहली पसंद के रूप में राजस्थान गिना जाता है इसलिए शहरनामा का पहला सैशन जयपुर में आयोजित किया जा रहा है।
कौन-कौन लेखक लेंगे भागः
फैजल अलकाजी, डॉ.संदीप पुरोहित,अभय के, अनूठी विशाल, मेहरू जफर, मिहिर वत्स, अदिति दुग्गड, मनीष मल्होत्रा,महक माहेश्वरी,वर्तुल सिंह, हिमांशु बाजपेई, सलमान चिश्ती,अनंत विजय, आलोक श्रीवास्तव,रशीद किदवई,अनीसुर रहमान, सुधा सदानंद, तृप्ति पांडे, यतींद्र मिश्रा, सुतापा मुखर्जी, जितेंद्र दीक्षित, अधिरजा रायचौधरी, अमनदीप संधु, स्वप्ना लिंडले, आशुतोष पोद्दार,संदेश भंडारी, स्मिता भारद्वाज,मोजेज सिंह, लक्ष्मीप्रसाद पंत,प्रो. विनोद शास्त्री व जितेंद्र सिंह शेखावत।
Comments