195 देशों के भविष्य के बारे में पूर्वानुमान देने वाली लैब का लोकार्पण
195 देशों के भविष्य के बारे में पूर्वानुमान देने वाली लैब का लोकार्पण
ब्यावर । ज्योतिषी दिलीप नाहटा ने 195 देशों के भविष्य के बारें में पूर्वानुमान देने वाली भविष्यवाणी की लैब का आविष्कार किया है, नाहटा ने पिछले 10 वर्षों के भीतर ये दूसरा बड़ा आविष्कार करने में सफलता हासिल की है , जिसे अभी तक नासा एवं इसरो जैसे वैज्ञानिक भी भविष्य को देखने वाली ऐसी भविष्यवाणी की लैब को नहीं बना सकें है - 18 फरवरी ( शनिवार) को महाशिवरात्रि के अवसर पर 195 देशों के भविष्य के बारें में पूर्वानुमान देने वाली ( गुरु हस्ती भविष्यवाणी लैब , पार्ट नम्बर - 01 ) का लोकार्पण नाहटा ने अपनी माता कंचन देवी नाहटा - पिताजी चेतन मल नाहटा के हाथों से फीता कटवाकर करवाया ।
नाहटा ने पिछले 10 वर्षों के भीतर ये दूसरा बड़ा आविष्कार करने में सफलता हासिल की है , जिसे अभी तक नासा एवं इसरो एवं संपूर्ण विज्ञान जगत भी मिलकर भविष्य को देखने वाली ऐसी भविष्यवाणी की लैब को नहीं बना सकें है । गौरतलब है कि राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के एस्ट्रोलॉजर एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ एवं शोधकर्ता दिलीप नाहटा ने विश्व की पहली एक ऐसी अनोखी , अद्भुत , रहस्यपूर्ण एवं अकल्पनीय भविष्यवाणियां करने वाली लैब का निर्माण करने में सफलता हासिल की है जो वैज्ञानिक तौर से ये भविष्यवाणी करने वाली लैब भारत सहित विश्व के सभी 195 देशों के भविष्य के बारें में भविष्यवाणियां करेगी , जो भारत सहित विश्व के सभी 195 देशों के भविष्य के बारें में घटने वाली घटनाओं का समय पूर्व ही पूर्वानुमान दे सकने में सक्षम साबित हो सकती है ।
जो विश्व का पहला अनोखा , अद्भुत , रहस्यपूर्ण एवं अकल्पनीय आविष्कार माना जाएगा यानी आने वाले भविष्य को देखकर भविष्यवाणी करने वाली ऐसी लैब अभी तक नासा एवं इसरो एवं संपूर्ण विज्ञान जगत मिलकर भी नहीं बना पाएं है । गौरतलब है कि नाहटा ने करीब 10 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद इस भविष्यवाणी की लैब को बनाने में सफलता हासिल की है ।
ज्ञात रहे की नाहटा ने इस भविष्यवाणी करने वाली लैब का नाम ( गुरु हस्ती भविष्यवाणी लैब , पार्ट नम्बर - 01 ) के नाम से इसे प्रदर्शित किया है , ये भविष्यवाणी करने वाली लैब लगभग 48 इंच लंबी एवं 20 इंच चौड़ी एवं 20 इंच ऊंची है एवं इसका वजन 90 किलो के लगभग है एवं नाहटा द्वारा बनाई गई इस भविष्यवाणी की लैब में 11 प्रकार के पीतल के उपकरणों का एवं 116 प्रकार के तांबे के उपकरणों का एवं 625 प्रकार की छोटी एवं बड़ी मैग्नेटो का एवं 1408 जैन तीर्थंकरों के सिद्ध किए हुए छोटे एवं बड़े यंत्रों का इस्तेमाल किया गया है ।
वैज्ञानिकों के अनुसार जिस प्रकार पूरा ब्रह्मांड मैग्नेटिक ग्रेविटी से जुड़ा हुआ है , उसी प्रकार इस भविष्यवाणी करने वाली इस लैब में भी पीतल को , तांबे को , यंत्रों को एवं मैग्नेटों को इस तरह से डिजाइन करके लगाया गया है जो आपस में ब्रह्मांड की तरह से ही मैग्नेटिक ग्रेविटी से जुड़ी होंगी तथा ये चारों चीजों का कॉन्बिनेशन मिलकर ही भविष्य के बारें में अदृश्य तरंगे प्रभावित करेंगी एवं ये भविष्यवाणी की लैब साइंटिफिक तौर से अदृश्य तरंगों के माध्यम से ही भविष्य में होने वाली घटनाओं को पहले से ही पकड़कर इंडिकेटर दे देगी यानी ये तरंगे अदृश्य रूप से काम करेगी ।
जिसे केवल अदृश्य रूप से ईश्वरीय शक्ति एवं गुरु शक्ति ही संचालित कर सकेगी यानी ये विश्व स्तर पर भारत सहित 195 देशों की भविष्यवाणी करने वाली ( गुरु हस्ती भविष्यवाणी लैब , पार्ट नम्बर - 01 ) पूर्णतया ईश्वरीय शक्ति एवं गुरु शक्ति पर आधारित होगी और ईश्वरीय शक्ति एवं गुरु शक्ति ही इस भविष्यवाणी की लैब में लगाए गए इन चारों तरह के उपकरणों का कॉन्बिनेशन मिलाकर ही एक तरह की मैग्नेटिक ग्रेविटी का संचार करेगा और इसी मैग्नेटिक ग्रेविटी से निकली अदृश्य तरंगे ही साइंटिफिक तौर से भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारें में इंडिकेटर देती रहेगी।
यानी साइंटिफिक तौर से ऐसे उपकरणों की मैग्नेटिक ग्रेविटी की शक्ति समय-समय पर हम सभी मनुष्य को यह अनुभूति जाहिर करवाती रहेगी कि कहीं न कहीं ब्रह्मांड में ईश्वरीय शक्ति एवं गुरु शक्ति अप्रत्यक्ष रूप से विद्यमान है एवं जिसे इन्हीं उपकरणों की मैग्नेटिक ग्रेविटी की तरंगों के माध्यम से ही नापा , तोला एवं समझा जा सकता है । लेकिन प्रत्यक्ष रूप से ईश्वरीय शक्ति एवं गुरु शक्ति को कभी भी नहीं देखा जा सकता । इस भविष्यवाणी लैब को बनाने के पीछे नाहटा का मुख्य उद्देश्य इसके द्वारा समय-समय पर भविष्य में की जाने वाली सटीक भविष्यवाणियों के माध्यम से देश के करोड़ों लोगों को ईश्वर के प्रति प्रेरित करना है ।
उनकी आस्था भारतीय ऋषि-मुनियों एवं ईश्वर के प्रति बढ़ सके एवं विश्व स्तर के करोड़ों लोग अहिंसक पद्धति को अपना सकें । गौरतलब है कि 10 वर्ष पूर्व भी फरवरी 2013 में नाहटा ने ज्योतिष में हस्तरेखा के क्षेत्र में लोगों का हाथ देखकर उनके भविष्य के बारें में सटीक बातें बताने वाली विश्व की पहली ( गुरु हस्ती हस्तरेखा लैब , पार्ट नम्बर - 01 ) का भी आविष्कार कर चुके है एवं पिछले 10 वर्षों के भीतर अब तक ( गुरु हस्ती हस्तरेखा लैब , पार्ट नम्बर - 01 ) वैज्ञानिक रूप से भारतवर्ष के हजारों लोगों के भविष्य की 70 प्रतिशत तक सटीक बातें बताकर उनका दिल जीत पाने में सफल साबित हो चुकी है ।
क्योंकि संपूर्ण विज्ञान जगत मिलकर भी अभी तक आने वाले भविष्य को 01 प्रतिशत तक भी पकड़ नही पाएं है यानी नासा एवं इसरो जैसे वैज्ञानिक भी मिलकर भविष्य का इंडिकेटर देने वाली भविष्यवाणी की ऐसी लैब अभी तक नहीं बना पाएं हैं और नाहटा द्वारा बनाई गई इस भविष्यवाणी की लैब के द्वारा भविष्य के मिले नेगेटिव अनुमानित पूर्वानुमानों के माध्यम से विश्व समुदाय को पहले से आगाह करके बचाया भी जा सकेगा और भविष्य में मिले पॉजिटिव अनुमानित पूर्वानुमानों के माध्यम से विश्व समुदाय को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा सकेगा , जिसकी कल्पना कभी वैज्ञानिकों ने भी नहीं की होगी । गौरतलब है कि वैज्ञानिक भी साइंटिफिक तरीके से किसी चीज को बनाने में कई तरह के उपकरणों का उपयोग करते रहते हैं तो नाहटा ने भी भविष्य में झांकने के लिए इस भविष्यवाणी की लैब में ऐसे कई तरह के उपकरणों को एवं सिद्ध यंत्रों को लगाने में सफलता हासिल की है जो पूर्णतया वैज्ञानिक उपकरणों से भी परे होंगे ।
जिसे नाहटा ने देशभर से मिल रही इन सभी बधाईयों एवं शुभकामनाओं को अपने ईस्ट गुरु जैन आचार्य 1008 श्री हस्ती मल जी महाराज साहब के चरण कमलों में एवं उनके निमाज गांव स्थित समाधि स्थल पर समर्पित किया है । अंत में नाहटा का यह भी मानना है कि ईस्ट गुरु जैन आचार्य 1008 श्री हस्ती मल जी महाराज साहब की कृपा से ही अप्रत्यक्ष रूप से मिली ऊर्जा शक्ति एवं उनकी कृपा से ही वें इस तरह की विश्व स्तर की भविष्यवाणी करने वाली इस भविष्यवाणी लैब को बनाने में सफलता हासिल कर पाएं हैं , गुरु हस्ती का यह उपकार , याद करेगा सारा संसार।
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