केंद्र सरकार की नकारात्मक बयानबाजी से कर्मचारियों में बड़ी नाराजगी

                                                                                    राज्य कर्मचारियों के एनपीएस फंड में जमा 41 हजार करोड़ की अदायगी को लेकर



 केंद्र सरकार की नकारात्मक बयानबाजी से  कर्मचारियों में बड़ी नाराजगी। 


आंदोलन शुरू करने की चेतावनी के साथ प्रधानमंत्री को राज्यभर से ज्ञापन भिजवाए जाने का दौर शुरू।                                                                                                                                                                                                                                                                                             जयपुर । राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ( एकीकृत ) की महासमिति के निर्णय अनुसार महासंघ प्रमुख महेंद्र सिंह, प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र राना एवम संरक्षक सियाराम शर्मा तथा महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने संयुक्त बयान जारी करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के मंत्रियों के द्वारा राजस्थान के कर्मचारियों के एनपीएस फंड की 41 हजार करोड़ रुपए की राशि की अदायगी तथा  ओपीएस को लेकर  लगातार की जा रही नकारात्मक बयानबाजीयो से राजस्थान ही नही बल्कि पूरे देश भर के कर्मचारियों में आक्रोश उत्पन्न होता जा रहा है,जिसका खामियाजा आगामी चुनावों में भुगतना पड़ सकता है। महासंघ एकीकृत द्वारा देश के प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी को चेतावनी ज्ञापन भिजवाते हुए मांग की गई है कि राजस्थान राज्य  में 1 अप्रैल 2022 से पुनः लागू हुई पुरानी पेंशन योजना के दृष्टिगत कर्मचारियों के एनपीएस फंड में जमा लगभग 41 हजार करोड़ की राशि की अदायगी में केंद्र सरकार स्तर पर उत्पन्न कानूनी अड़चनों को दूर करते हुए अविलंब राज्य कर्मचारियों के जीपीएफ खातो में उक्त  राशि की अदायगी सुनिश्चित की जाए अन्यथा कर्मचारी देहली कूच कर केंद्र सरकार के विरुद्ध आंदोलन शुरू करने पर विवश होंगे। महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि उक्त विषय पर  राज्य भर के जिला एवम तहसीलों से 12 अप्रैल से प्रधानमंत्री  को ज्ञापन भिजवाए जायेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारियों की विभिन्न पड़ोसी राज्यों के साथ राष्ट्रीय कर्मचारी महासंघ ipsef के मध्यम से पूरे देश में ओपीएस लागू करने, पूरे देश में समान योग्यता, समान कार्य, समान वेतन के संवैधानिक सिद्धांत के तहत केंद्रीय वेतन आयोग की जगह, राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन करने तथा राजकीय विभागों में नियमित प्रकृति के कार्यों के लिए ठेका प्रथा से कार्मिकों के नियोजन संबंधी श्रम कानून विरुद्ध नियोजन प्रणाली का पूरे देश में प्रतिषेध करने जैसी मांगो को लेकर लामबंदी हो चुकी है। यदि केंद्र सरकार ने समय रहते इस और ध्यान नहीं दिया तो राज्य कर्मचारी जल्द देहली में प्रदर्शन कर बड़ा निर्णय करने को विवश होंगे।                                                                                                                                 

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