रामजी रूठो, पण राज ही रूठे तो मिनख जमारो किकर पार लगाऊं सरकार

 रामजी रूठो, पण राज ही रूठे तो मिनख जमारो किकर पार लगाऊं सरकार 


बाड़मेर 9 अप्रैल(राजू चारण) । रामजी रूठो, पण राज ही रूठे तो पछे मिनख जमारो किकर पार लगाऊं, राज माई बाप है कोई सुणन वालों कोनी है, रूपया कने होवे तो राज रा आदमी दोडतो आवैं, गाडियों री लेण लागे पण कैने केऊ सरकार... 


इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी देते हुए श्रीमती देवी पत्नी स्व जोगा राम सुथार ने बताया कि हमारे घर के आगे एक सफेद गाड़ी आई थी और किशन भी उनके साथ में आया था, बच्चे बता रहे थे कि पुलिस आई है और मेने पुत्र जसराज को फोन पर बताया उसने पुलिस थाने रिको एरिया में पता किया तो बताया कि हमारे यहाँ से कोई नहीं गया है । फिर जानकारी मिलीं की उपखंड अधिकारी बाड़मेर मौका देखने आए हैं कि यहाँ पर कृषि भूमि है या फिर आबादी बसी हुई है , अगर मौका देखना चाहते हैं तो हम सभी को पहले नोटिस देना चाहिए ताकि परिवार के लोग इकट्ठा होते पहले भी किशन ने हमें बहुत रूला रखा है और आगे क्या क्या होगा भगवान जाणे ....... ❓


कृषि भूमि पर बसें हुए कालोनी वासियों ने बताया कि वरिष्ठ नगर नियोजक द्वारा उपरोक्त कृषि भूमि के खसरों को आवासीय भूमि प्रयोजनाथ इसलिए आरक्षित किया गया था क्योकि इस क्षेत्र में तीन चार दशकों से सेकड़ों परिवार मकान बनाकर आवास करते आ रहे थे। इतना ही नहीं बाड़मेर शहर की मूल आबादी से जुड़ता हुआ यह क्षेत्र दानजी के हौदी और कलाकार कालोनी है जो पूर्ण रुप से स्थापित हो गया था। यथा विदासर,इन्द्रा कोलोनी, कलाकार कोलोनी, श्रीयादे नगर, कोजोणियों की ढाणी, उम्मेदसिंह की ढाणी, के नाम से विख्यात है। कई कोलोनियों में पिछले दो दशक से ग्रेवल संड़को , डामर सड़कों, नालियों का निर्माण, सभी क्षेत्रों में पानी की पाईप लाईने,बिजली कनैक्शन, सम्पूर्ण इलाके में रोड़ लाईटे नगर परिषद बाड़मेर द्वारा लगाईं जा चूकी थी। उक्त कोलोनियों की जमी खसरों के कृषि भूमि दर्ज है जो कृषि भूमि के खातेदारों द्वारा 1986 से नक्शा वगैरह बनाकर के लोगों को विक्रय कर अपने हिसाब से कालोनियां बसाई गई थी लेकिन नगर परिषद की सीमा के बाहर होने के कारण कालोनी निवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो रही थी।

पटवारी हल्का बाड़मेर शहर के दानजी की होदी क्षेत्र में आई हुई मूल कृषि भूमि के खसरा नम्बर 1296 के, 3519/1296, 3520/1296 ओर पिछले साल ही नगर परिषद में शामिल किया गया कृषि भूमि खसरों में से खसरा नम्बर  3521/1296 को  शामिल करने के साथ ही दो खबरों को स्टे की आड़ में छोड़ दिया गया था जिन्हें पूर्व में वरिष्ठ नगर नियोजक, नगर नियोजन विभाग जोधपुर द्वारा पत्र क्रमांक /जेडीजेड /1628/पीडब्लूआर/2034/दिनांक 02.11.2012 के तहत सम्पूर्ण रुप से आवासीय भूमि प्रयोजनार्थ आरक्षित किया गया था ।

इस सम्बन्ध में मदनदान चारण ( राजू चारण ) निवासी भौलिये री कृपा,दानजी की होदी ने बताया कि मेरे द्वारा उक्त खसरा नम्बर 1296 के तत्कालीन खातेदार स्व. श्रीमति समदा व स्वर्गीय जोगाराम सुथार से जरिये इकरारनामा एक बीघा दो बिस्वा भूमि 1998 में खरीद की गई थी, एवं तब से उक्त भूमि पर मकान और चार दीवारें बनाकर हम निवास कर रहे हैं। इसका पट्टा प्राप्त करने हेतु नगर परिषद बाड़मेर में 2006 में आवेदन किये जाने पर उक्त भूमि का म्युटेशन नगर परिषद बाड़मेर के नाम भरा जा चुका हैं, किन्तु हमारे परिवार को परेशान करने व मेरी खरीद शुदा भूमि हड़पने की मंशा से उक्त खेत के सह खातेदार रामलाल ने षडयंत्रपूर्वक मिली-भगत कर मेरा खरीदशुदा भूमि का गलत तरीके से विभाजन करवा दिया, एवं मेरे व मेरी पत्नि संतोष के विरूद उपखंड अधिकारी के समक्ष दावा पेश कर रखा हैं, जिसमें स्टे ऑर्डर जारी किया हुआ हैं। वर्तमान में इस सम्पूर्ण खसरे में आबादी बस चुकी हैं। फिर भी रामलाल द्वारा जमाबन्दी में कृषि भूमि अंकित होने व स्वयं का नाम दर्ज होने का नाजायज फायदा उठा कर उपरोक्त दावे का दुरूपयोग कर रहा हैं। इस प्रकार स्टे की आड़ में न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग किये जाने से रामलाल सुथार को रोका जाना अत्यन्त आवश्यक हैं। इतना ही नहीं वर्तमान में रामलाल द्वारा लोगों के साथ धोखा-धड़ी कर रहा हैं, क्योंकि बावजूद स्थगन आदेश होते हुए भी उपरोक्त खसरे की कृषि भूमि को प्लोट के रूप में जरिये इकरारनामा बेच रहा हैं।

हाल ही में रामलाल ने छगनलाल व अन्य व्यक्तियों को प्लोटों का बेचान किया था। इन खरीददारों को वास्तविकता का ज्ञान नहीं था। बिना आवासीय सम्परिवर्तन के इन इकरारनामे से खरीददारों द्वारा मौके पर दो मन्ज़िल मकान भी बना दिया था और इनके खिलाफ भी उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर के पास एक दावा लगा दिया था उसमें उपखण्ड अधिकारी द्वारा मौका रिपोर्ट मगवाने पर पटवारी बाड़मेर शहर, आर आई और तहसीलदार बाड़मेर द्वारा कृषि भूमि पर बस्तियाँ बसने के कारण नाप तोल नहीं होने की रिपोर्ट बनाकर के उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर को सौपी इस कारण उन्हें कामयाबी नहीं मिलीं और रामलाल ने अपना झूठे मुकदमा उपखण्ड कार्यालय से वापस ले लिया था ।

इस बार भी क्लेक्ट्रेट में आदतन झूठे ज्ञापन सौपकर दवाब बनाकर उपखण्ड अधिकारी से अपने पक्ष की रिपोर्ट बनवाने की कोशिश की गई लेकिन कालोंनी के लोगों को जानकारी मिलने पर बाड़मेर ग्रामीण पचायत घर में उपखण्ड अधिकारी समुन्दर सिंह भाटी ने बताया कि किशन ने एक परिवाद जिला कलेक्टर को सौपी थी और आज जनसुनवाई होने के कारण वास्तविक स्थिति जानने के लिए यहाँ पर आये थे और वहाँ पर ग्रेवल और डामरीकरण युक्त सड़कों, रोड़ लाईटों और सैकड़ों मकान बनाकर लोग रहते हैं इसलिए जिला कलेक्टर आफिस में दी गई झूठे ज्ञापन पर पटवारी बाड़मेर शहर, आर आई और तहसीलदार कार्यालय द्वारा मिली मौका रिपोर्ट सही है ।

बाड़मेर अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित ने बताया कि नगर परिषद शहरी आबादी के  आसपास की पचायत से लोगों ने कई महिनों पहले ज्ञापन सौंपा था और ज्ञापन के अनुसार दानजी की होदी क्षेत्र की कृषि भूमि के खसरों में लम्बे समय से आवास कर रहे समस्त आमजन को राहत दिलाने के लिए नियमन कर पटटे जारी करवाने तथा राज्य सरकार द्वारा जारी भूलभूत सुविधाए उपलब्ध करवाने की  मांग कर रहे थे ।

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