कर्नाटक के साथ ही भाजपा का दक्षिण में सफाया
कर्नाटक के साथ ही भाजपा का दक्षिण में सफाया
बेंगलुरू,14 मई (डॉ समरेन्द्र पाठक)। कर्नाटक विधान सभा चुनाव का परिणाम आ गया। यहां कॉंग्रेस ने भाजपा को उखाड़ कर बहुमत के आंकड़े से काफी अधिक सीटें हासिल कर यह सिद्ध कर दिया है कि आम चुनाव 2024 भाजपा के लिए आसान नहीं रह गया है। कर्नाटक में भाजपा की पराजय से न सिर्फ दक्षिण में पार्टी का सफाया हुआ है,बल्कि 15 बड़े राज्यों में पार्टी की पकड़ खत्म हो गई है। कर्नाटक के घोषित परिणाम के अनुसार 224 सदस्यीय विधानसभा में कॉंग्रेस 135,भाजपा 66 एवं जेडीएस 19 सीटें हासिल की है। यानी कॉंग्रेस बहुमत के आंकड़े से 22 सीटें अधिक हासिल करने मेंकामयाब रही है। अब कॉंग्रेस को यहां किसी और सहयोगी की जरूरत नहीं रह गई है। हालांकि कॉंग्रेस इस बार के चुनाव में 150 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही थीं और वह इसे हासिल नहीं कर पायी।
इस चुनाव परिणाम से राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा को न सिर्फ सत्ता गंवाना पड़ा है, बल्कि उसके लिए आगामी लोक सभा चुनाव में अपनी रणनीति बदलने के लिए मंथन करना होगा। इस चुनाव में जेडीएस को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। वह न सिर्फ 19 सीटों पर सिमटकर रह गयी,बल्कि राजनीतिक रूप से हासिये पर पहुंच गयी है। पार्टी प्रमुख एच.डी. कुमार स्वामी को नए सिरे से अपने दल को खड़ा करना होगा। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जीत के लिए कॉंग्रेस पार्टी को बधाई देते हुए कहा है, कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उन्हें मेरी शुभकामनाएँ। वह आने वाले समय में और अधिक उत्साह से कर्नाटक की सेवा करेंगे। कॉंग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी मुख्यालय 24 अक़बर रोड पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस जीत से यह सिद्ध हो गया है, कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकानें खुल गई है। उन्होंने इस जीत के लिए कर्नाटक की जनता का आभार प्रकट किया है। इस मौके पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़े बजाकर जीत का जश्न मनाया।
प्रसिद्ध समाजसेवी अरविंद पाठक ने कहा है, कि कर्नाटक चुनाव परिणाम से यह सिद्ध हो गया है,कि भाजपा की लोकप्रियता के ग्राफ में गिरावट आयी है, लेकिन अभी भी देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कायम है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के परिणाम का कितना असर पड़ेगा यह अभी कहा नहीं जा सकता है। भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए गैर भाजपाई दलों को एकजुट होना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट के जाने माने अधिवक्ता ए.पी.एन.गिरी ने कहा है,कि इस चुनाव परिणाम से इतना तो तय हो गया है,कि भाजपा की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे की ओर जा रहा है। लोग मुख्य समस्याओं की ओर मुखर हो रहे हैं। आखिर महँगाई एवं बेरोज़गारी से कब तक ध्यान बटाया जा सकता है। अल्प समय में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर चुके आप के नेता हाजी अफजाल ने कहा है, कि कर्नाटक चुनाव परिणाम से यह साफ हो गया कि देश की जनता किसी भावनाओं में बहने वाली नहीं है। उसे रोटी, कपड़ा और मकान चाहिए। केंद्र सरकार जनता की भावनाओं पर खड़ी उतरने में बिफल रही है।
कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधान सभा के लिए आगामी 10 मई को मतदान हुआ था। 13 मई को परिणाम घोषित किये गये।नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 20 अप्रैल थी।राज्य में मुख्य रूप से सक्रिय पार्टियां भाजपा,कांग्रेस एवं जेडीएस अलग अलग चुनाव मैदान में थीं।नामांकन पत्रों की वापसी की अंतिम तिथि गुजरने के बाद प्रत्याशियों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कॉंग्रेस नेता राहुल गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने अपने अपने दलों की ओर से सघन प्रचार किया था।
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