कशिश काव्य मंच ने हिंदी दिवस पर रचा नया कीर्तिमान

 कशिश काव्य मंच ने हिंदी दिवस पर रचा नया कीर्तिमान



जयपुर( जे पी शर्मा)।  हिंदी दिवस के अवसर पर कशिश काव्य मंच रजिस्टर्ड साहित्यिक संस्था ने अपने पंचम वार्षिकोत्सव पर मानसरोवर पार्क स्थित अग्रवाल धर्मशाला में एक भव्य एवं विराट कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर हिंदी साहित्य और संस्कृति की गरिमा को समर्पित कार्यक्रम ने पूरे वातावरण को साहित्यिक रसधारा से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम का संयोजन वरिष्ठ अधिवक्ता पवन मल्होत्रा एडवोकेट संयोजक और राजेंद्र जुनेजा एडवोकेट (संरक्षक) द्वारा किया गया, जबकि कार्यक्रम की अगुवाई एवं मंच संचालन कशिश काव्य मंच की संस्थापिका एवं अध्यक्षा कंचन वार्ष्णेय ‘कशिश’ ने गरिमामयी ढंग से किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक जितेन्द्र महाजन, रोहतास नगर रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में चंद्र प्रकाश शर्मा निगम पार्षद, शाहदरा, रितेश सूजी निगम पार्षद, वेलकम

 तथा आचार्य सुनील गौदास चेयरमैन, गौ कौंसिल ऑफ इंडिया मंचासीन रहे। विधायक की ओर से सौरव जैन एवं अंशुल मल्होत्रा ने कशिश काव्य मंच संस्था के सभी पदाधिकारियों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया। देश के विभिन्न राज्यों से आए नामचीन कवि और कवयित्रियों ने अपनी लाजवाब प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वीर रस, श्रृंगार रस, हास्य, गीत, ग़ज़ल और दोहों की सरिता से सभागार देर तक गूंजता रहा और हर रचना पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।

कार्यक्रम के दौरान कशिश काव्य मंच संस्था की तरफ से एक नई शुरुआत करते हुए अध्यक्षा कंचन वार्ष्णेय और संयोजक पवन मल्होत्रा एडवोकेट द्वारा हिंदी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए चार प्रख्यात कवयित्रियोंडाॅ. नीलम बावरा ‘मन’, डाॅ. सलोनी चावला, उर्मिला गुप्ता और पुनीता सिंह को स्त्री गौरव सम्मान प्रदान किया गया। उन्हें नकद धनराशि एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा अपने कर्मठ कार्यकर्ता विकास कौशिक को विशेष सम्मान से विभूषित किया गया, जिसने मंच की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाकर इसे नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। इस अवसर पर मानसरोवर पार्क रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी ने भी रविंद्र मल्होत्रा, महासचिव की अध्यक्षता में कशिश काव्य मंच को सम्मानित किया। यह क्षण संस्था के लिए गौरवपूर्ण रहा।

कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि कशिश काव्य मंच सिर्फ एक साहित्यिक संस्था नहीं, बल्कि कवियों और साहित्यप्रेमियों के हृदय की धड़कन है। अपने पंचम वार्षिकोत्सव पर आयोजित यह भव्य कवि सम्मेलन हिंदी भाषा और साहित्य की महिमा को और भी ऊँचाई प्रदान कर गया।

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