कविता, सम्मान और साहित्य का उत्सव

      कविता, सम्मान और साहित्य का उत्सव

एकलव्य इंटरनेशनल स्कूल में शानदार  कवि सम्मेलन


जयपुर। भोलानाथ साहित्य एवं समाज सेवी संस्था की अध्यक्ष ललिता भोला द्वारा उनके पिता स्व. भोलानाथ की स्मृति में एकलव्य इंटरनेशनल स्कूल, सीकर रोड पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति सम्मान से पुरस्कृत डॉ. राधेश्याम मिश्रा, कानपुर ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. श्याम सिंह राजपुरोहित, राजेन्द्र यादव ‘आजाद’, गीतकार गोविन्द भारद्वाज, अनुराग प्रेमी, डॉ. रानी तंवर, जे.पी. शर्मा, रामेश्वर प्रसाद, कुमार धर्मी, राधेश्याम शर्मा मेहता ग्रुप औफ चेयरपर्सन, नरेश उनियाल, संस्था की सचिव सत्यरूपा तिवारी एवं सलाहकार सरोज चंद्रा पालीवाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। सरस्वती वंदना शिमला शर्मा शुभ्रा ने प्रस्तुत की तथा स्वागत गीत ममता मंजुल ने देकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इस अवसर पर लोक माधुरी संपादक चंद्रवीर सोलंकी, संपादिका उर्मिला पाण्डेय, बेबाकियां रचनाकार अनिता सिंघल एवं कवित्त रस रचनाकार ललिता भोला पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया, जिन्हें साहित्य जगत के लिए श्रेष्ठ योगदान माना गया।कवियों ने विविध रसों की उत्कृष्ट प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ. राधेश्याम मिश्रा ने अपनी प्रस्तुति में कहा जिसका लक्ष्य बड़ा होता है, आगे वही खड़ा होता है। उर्मिला पाण्डेय ने भावनाओं से भरी पंक्तियाँ प्रस्तुत कीं मेरे पिता ईश्वर की प्रतिमा जैसे सीताराम यहां हैं। डॉ. रानी तंवर ने अपने काव्य में मां की गोद में चांद उतर आया है। संतोष द्विवेदी ने मार्मिक भावों को शब्द दिए तुमने खारा पानी समझा, बहते रहे हमारे आंसू, नरेश उनियाल ने सुंदर पंक्तियाँ सुनाईं वो थोड़ी सांवली है, लेकिन बहुत खूबसूरत है।ग्वालियर के हास्य-व्यंग्य कवि महेंद्र भट्ट ने ‘कम्प्यूटर का बटन दबाया’ जैसी प्रस्तुतियों से दर्शकों को खूब हँसाया। देहरादून से आईं कवयित्री संतोष मिश्रा की ग़ज़ल ने श्रोताओं के मन को रसातीत कर दिया। दौसा के राजेंद्र यादव ने पिता पर प्रभावी प्रस्तुति दी। मैनपुरी की उर्मिला पाण्डेय की ‘पागल वाली कविता’ ने सभी को ठहाकों पर मजबूर किया। कार्यक्रम में भारत के कोने कोने से पधारे कवि एवं साहित्यकार -  संजू सूर्यं मैनपुरी, महेंद्र भट्ट (ग्वालियर), संतोष मिश्रा, नरेश उनियाल (उत्तराखंड), कुमार विशु (गोरखपुर), राजेन्द्र यादव आजाद, गोविन्द भारद्वाज, कुमार महेंद्र, रामसेवक गुप्ता (मैनपुरी), मनीषा बहरोड़, जेडी राना, रामेश्वर प्रसाद (दौसा), कुमार धर्मी, लुकमान गौरी, मकसूद खान, आशा बुनकर, निरूपमा चतुर्वेदी, सुनीता त्रिपाठी अजय, शिवदर्शन द्विवेदी, अनुराग प्रेमी, राजेश्वरी जोशी, ममता मंजुल, शिमला शर्मा, दयाशंकर शर्मा, प्रियांशी अग्रवाल, निधि चौहान, भारत योगी, पूर्णिमा मंडल, रमा भाटी, कमलेश शर्मा, अनीता सिंघल, डॉ. श्याम सिंह, डॉ. रानी तंवर, करण केसरा, सत्यरूपा तिवारी, बाल कवि आरव कौशिक आदि ने अपनी–अपनी प्रभावपूर्ण प्रस्तुतियां दीं।सभी आगंतुक साहित्यकारों का माला, शॉल, मोमेंटो एवं काव्य रत्न सम्मान से अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम संयोजिका ललिता भोला का भी डॉ. राधेश्याम मिश्रा, सत्यरूपा तिवारी, सरोज चंद्रा, उर्मिला पाण्डेय तथा अनेक साहित्यकारों द्वारा सम्मान किया गया। कवि सम्मेलन में श्रंगार, करुण, वीर, हास्य एवं अन्य रसों की सुगंध से काव्य गंगा निरंतर बहती रही जिसने सभी श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम के सफल संचालन एवं व्यवस्था में  सुनील तिवारी, योगेश्वर वत्स, मोहित वत्स, आदि का विशेष योगदान रहा। अंत में ललिता भोला ने सभी आगन्तुकों का  आभार व्यक्त किया। राधेश्याम शर्मा मेहता ग्रुप औफ चेयरपर्सन के सराहनीय योगदान के लिये धन्यवाद व आभार जताया।

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