महंगाई दर साढ़े पांच साल में सबसे ज्यादा, एक महीने में 5.54% से बढ़कर 7.35% हुई


एजेंसी


नई दिल्ली। खुदरा (रिटेल) महंगाई दर दिसंबर में बढ़कर 7.35% पहुंच गई। नवंबर में 5.54% रही थी। सांख्यिकी कार्यालय ने सोमवार को आंकड़े जारी किए। सब्जियों खासकर प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से दिसंबर में खुदरा महंगाई दर ज्यादा प्रभावित हुई। खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 14.12% रही। नवंबर में 10.01% थी। खुदरा महंगाई दर : 157 देश इसी आधार पर नीतियां तय करते हैं चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी या बढ़ोतरी से महंगाई दर तय होती है। रिटेल महंगाई दर को बताने वाला लिए किए जाने वाले औसत इन्फलेशन यानी खुदरा महंगाई दर सूचकांक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स भुगतान पर आधारित होता है। वह दर है जो जनता को सीधे तौर होता है। यह इंडेक्स उपभोक्ताओं 157 देश खुदरा महंगाई दर के पर प्रभावित करती है। खुदरा द्वारा किसी भी वस्तु या सेवा के आधार पर ही नीतियां तय करते हैं। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य और पेय पदार्थ से जुड़ी चीजों और एजुकेशन, कम्युनिकेशन, ट्रांसपोर्टेशन, रीक्रिएशन, अपैरल, हाउसिंग और मेडिकल केयर जैसी सेवाओं की कीमतों में आ रहे बदलावों को शामिल किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों की 448 और शहरी क्षेत्रों की 460 चीजों और सेवाओं को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में शामिल किया जाता है। दूसरी तरह की महंगाई दर को थोक महंगाई दर कहते हैं। इसे होलसेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर तय किया जाता है। इस इंडेक्स में 697 वस्तुओं की कीमतों में उतार चढ़ाव के आधार पर बदलाव होता है।


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